पटना में अटल पथ पर स्कॉर्पियो ने तीन पुलिसकर्मियों को रौंदा (तस्वीर क्रेडिट@NarayanYadav01)

पटना में अटल पथ पर तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने तीन पुलिसकर्मियों को रौंदा,महिला कांस्टेबल की मौत,दो घायल

पटना,12 जून (युआईटीवी)- पटना शहर की एक सड़क पर गुरुवार तड़के दिल दहला देने वाला हादसा हुआ,जिसने ना सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए बल्कि जनता में गहरा आक्रोश भी पैदा किया। श्री कृष्णापुरी थाना क्षेत्र के अटल पथ फोरलेन पर रात करीब 12:30 बजे एक तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने तीन पुलिसकर्मियों को जबरदस्त टक्कर मार दी। इस दर्दनाक हादसे में महिला कांस्टेबल कोमल कुमारी की मौके पर ही मौत हो गई,जबकि उपनिरीक्षक दीपक कुमार और एएसआई अवधेश कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए।

यह हादसा उस समय हुआ जब शहर में अपराध और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पटना पुलिस द्वारा एक विशेष रात्रि वाहन जाँच अभियान चलाया जा रहा था। दीघा की ओर से आ रही स्कॉर्पियो को जब पुलिस ने रोकने का इशारा किया,तो चालक ने वाहन नहीं रोका और सीधे चेकपॉइंट पर खड़े तीन पुलिसकर्मियों को टक्कर मार दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार टक्कर इतनी जोरदार थी कि तीनों पुलिसकर्मी हवा में उछलकर कई मीटर दूर जा गिरे।

हादसे के तुरंत बाद घायल पुलिसकर्मियों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने कोमल कुमारी को मृत घोषित कर दिया। कोमल कुमारी नालंदा जिले की निवासी थीं और वर्तमान में पटना में अपनी ड्यूटी पर तैनात थीं। उनकी असामयिक मृत्यु से पूरे पुलिस महकमे और उनके परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है। परिवार को हादसे की सूचना दे दी गई है।

पुलिस की प्रारंभिक जाँच में यह बात सामने आई है कि जिस स्कॉर्पियो ने यह हादसा किया,उस पर एक बड़े राजनीतिक दल का झंडा लगा हुआ था। यह झंडा देखकर लोगों में यह आशंका पैदा हो रही है कि इस वाहन का संबंध सत्तारूढ़ गठबंधन से हो सकता है। इस बात ने मामले को और भी संवेदनशील बना दिया है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अवकाश कुमार ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि स्कॉर्पियो चला रहे युवक और उसके साथ मौजूद अशोक नामक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है। वाहन को जब्त कर लिया गया है और उसकी तकनीकी व कानूनी जाँच की जा रही है। साथ ही,श्री कृष्णापुरी थाना में संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। एसएसपी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले की गंभीरता से जाँच की जा रही है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा,चाहे उसका किसी राजनीतिक दल से संबंध हो या न हो।

हादसे के बाद आरोपी चालक और उसके साथी को भी चोटें आई हैं,जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। पुलिस इन दोनों से पूछताछ कर रही है,ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे रात में कहाँ से आ रहे थे,वाहन में झंडा क्यों लगा था और चेकिंग पॉइंट पर रुकने के बजाय पुलिसकर्मियों को क्यों रौंदा गया।

यह हादसा एक बार फिर से यह सवाल खड़ा करता है कि क्या राजनीतिक संरक्षण प्राप्त वाहनधारकों को कानून से ऊपर समझा जा रहा है? साथ ही यह भी दर्शाता है कि पुलिसकर्मियों की जान को कितना बड़ा खतरा है,खासकर जब वे कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर सड़क पर ड्यूटी कर रहे होते हैं।

पटना पुलिस ने हाल के दिनों में सड़क दुर्घटनाओं और अपराध पर लगाम लगाने के लिए शहरभर में सघन वाहन चेकिंग अभियान चला रखा है। इस अभियान के तहत रात में विभिन्न चौराहों और सड़कों पर पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं और वाहनों की जाँच की जाती है। ऐसे में यह घटना पुलिस बल के मनोबल पर नकारात्मक असर डाल सकती है।

इस पूरी घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे जाँच के समय सहयोग करें और वाहन रोकने के पुलिस के निर्देशों का पालन करें। इसके साथ ही,यह भी संकेत दिया गया है कि ऐसे लापरवाह और गैरजिम्मेदार चालकों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी,चाहे वे किसी भी राजनीतिक या सामाजिक पृष्ठभूमि से क्यों न हों।

फिलहाल,पटना पुलिस मामले की तह तक जाने की कोशिश में जुटी हुई है और उम्मीद की जा रही है कि दोषियों को जल्द ही न्यायिक प्रक्रिया के तहत सजा मिलेगी। महिला कांस्टेबल कोमल कुमारी की शहादत को लोग नमन कर रहे हैं और पुलिस बल की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर से बहस छिड़ गई है।

यह घटना एक चेतावनी है कि लापरवाही,राजनीतिक हस्तक्षेप और कानून की अनदेखी मिलकर एक संगीन त्रासदी का रूप ले सकती हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कानून का सख्ती से पालन और जवाबदेही तय करना अब पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गया है।