वाशिंगटन,16 सितंबर (युआईटीवी)- अमेरिका में दक्षिणपंथी कार्यकर्ता और प्रभावशाली शख्सियत चार्ली किर्क की हत्या के मामले में जाँच तेजी से आगे बढ़ रही है। फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) के निदेशक काश पटेल ने पुष्टि की है कि संदिग्ध टायलर रॉबिन्सन के खिलाफ अपराध स्थल से महत्वपूर्ण डीएनए सबूत मिले हैं। इन सबूतों ने घटना की दिशा और जाँच को स्पष्ट करने में बड़ी भूमिका निभाई है।
एफबीआई निदेशक पटेल ने फॉक्स न्यूज को दिए गए एक इंटरव्यू में बताया कि जाँचकर्ताओं को उस पेचकस से डीएनए मिला है,जो अपराध स्थल पर छत पर पाया गया था। इसके अलावा,जिस तौलिए में हथियार को लपेटा गया था,उस पर भी संदिग्ध का डीएनए पाया गया है। उन्होंने कहा कि इन सबूतों के आधार पर यह स्पष्ट होता है कि रॉबिन्सन घटना से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ था।
पटेल ने आगे जानकारी दी कि हत्या में इस्तेमाल की गई राइफल को मैरीलैंड स्थित ब्यूरो ऑफ अल्कोहल,टोबैको,फायरआर्म्स एंड एक्सप्लोसिव्स (एटीएफ) की प्रयोगशाला में भेजा गया है,जहाँ उसकी गहन जाँच की जा रही है। अधिकारियों का मानना है कि इस राइफल की तकनीकी जाँच से और भी अहम तथ्य सामने आ सकते हैं,जो अदालत में अभियोजन पक्ष को मजबूत करेंगे।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार,यह घटना पिछले बुधवार को हुई थी,जब चार्ली किर्क यूटा वैली यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उनके भाषण के दौरान अचानक फायरिंग हुई और उन्हें मंच पर ही गोली मार दी गई। इस हमले ने न केवल वहाँ मौजूद लोगों को स्तब्ध कर दिया,बल्कि पूरे अमेरिका में राजनीतिक हिंसा को लेकर नई बहस छेड़ दी।
घटना के लगभग 33 घंटे बाद ही 22 वर्षीय संदिग्ध टायलर रॉबिन्सन को यूटा के वाशिंगटन काउंटी से गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी उस समय संभव हो पाई जब उसके ही परिजनों ने जाँच एजेंसियों द्वारा जारी की गई तस्वीरों से उसकी पहचान कर ली और पुलिस को इसकी जानकारी दी। यह एक पारिवारिक सदस्य ही था,जिसने मामले को सुलझाने की दिशा में अहम सुराग उपलब्ध कराया।
यूटा के गवर्नर स्पेंसर कॉक्स ने शुक्रवार को इस घटना पर जानकारी देते हुए कहा कि रॉबिन्सन के एक रिश्तेदार ने अपने एक पारिवारिक मित्र को बताया कि उसने खुद अपराध कबूल कर लिया है। इसके बाद उस मित्र ने वाशिंगटन काउंटी शेरिफ कार्यालय से संपर्क किया और संदिग्ध की सही लोकेशन के बारे में सूचना दी। यह जानकारी पुलिस के लिए निर्णायक साबित हुई और रॉबिन्सन को बिना किसी विरोध के गिरफ्तार कर लिया गया।
गवर्नर कॉक्स ने एनबीसी पर दिए इंटरव्यू में यह भी खुलासा किया कि संदिग्ध के मित्रों और परिवार के साथ की गई पूछताछ से उसके विचारों और मानसिकता की झलक सामने आई है। उन्होंने बताया कि रॉबिन्सन की वैचारिक सोच वामपंथी रही है,जबकि उसका परिवार परंपरागत रूप से रूढ़िवादी और रिपब्लिकन विचारधारा का समर्थक है। परिवार और बेटे की विचारधारा में इस गहरे फर्क ने वर्षों में उसके व्यक्तित्व में बदलाव लाया था।
एफबीआई की जाँच में सामने आया है कि संदिग्ध राजनीतिक रूप से सक्रिय नहीं था। हालाँकि,वह एक पंजीकृत मतदाता है,लेकिन मतदान रिकॉर्ड बताते हैं कि उसने नवंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं डाला था। यह उसके लिए पहला राष्ट्रपति चुनाव होता,क्योंकि उसने हाल ही में 18 वर्ष की आयु पूरी की थी। वहीं,उसके माता-पिता दोनों ही पंजीकृत रिपब्लिकन हैं,जिससे स्पष्ट होता है कि परिवार की विचारधारा और बेटे की राजनीतिक सोच में दूरी काफी बढ़ चुकी थी।
इस घटना ने अमेरिका की राजनीति में गहरी हलचल मचा दी है। चार्ली किर्क दक्षिणपंथी हल्कों में बेहद प्रभावशाली माने जाते थे और उनके समर्थकों की संख्या बड़ी थी। उनकी अचानक हत्या ने न केवल दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं में आक्रोश पैदा किया है,बल्कि सुरक्षा व्यवस्था और राजनीतिक ध्रुवीकरण पर भी सवाल उठाए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि हाल के वर्षों में अमेरिका में वैचारिक टकराव जिस तेजी से बढ़ा है,वह अब हिंसा का रूप लेने लगा है।
राजनीतिक विश्लेषक यह भी कह रहे हैं कि संदिग्ध के परिवार और उसकी व्यक्तिगत विचारधारा के बीच का टकराव,उसके अपराध में उतरने की दिशा में एक अहम कारण हो सकता है। हालाँकि,एफबीआई का कहना है कि अभी जाँच प्रारंभिक चरण में है और वे किसी निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले सभी पहलुओं को बारीकी से खंगाल रहे हैं।
वर्तमान स्थिति यह बताती है कि अमेरिका में वैचारिक ध्रुवीकरण केवल राजनीतिक मंच तक सीमित नहीं है,बल्कि यह अब आम नागरिकों के व्यक्तिगत जीवन और पारिवारिक रिश्तों तक गहराई से पहुँच चुका है। चार्ली किर्क की हत्या इसी ध्रुवीकरण का खतरनाक उदाहरण बन गई है।
अभी तक की जाँच ने यह साबित कर दिया है कि टायलर रॉबिन्सन घटना से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है और उसके खिलाफ मिले डीएनए सबूत अभियोजन के लिए बेहद मजबूत आधार बन सकते हैं। आने वाले हफ्तों में अदालत में इस मामले की सुनवाई शुरू होने की उम्मीद है,जहाँ एफबीआई और एटीएफ द्वारा जुटाए गए सबूत निर्णायक भूमिका निभाएँगे।
चार्ली किर्क की हत्या ने अमेरिका में राजनीतिक हिंसा के खतरे को और गंभीरता से सामने ला दिया है। अब यह देखने वाली बात होगी कि न्यायालय इस मामले में क्या रुख अपनाता है और अमेरिकी समाज इस विभाजनकारी माहौल से कैसे निपटता है।

