फिडे विश्व कप 2025 (तस्वीर क्रेडिट@kreedajagat)

फिडे विश्व कप 2025: अर्जुन एरिगैसी की बढ़त पर लगी ब्रेक,वेई यी से ड्रॉ के बाद टाईब्रेक में पहुँची भारत की आख़िरी उम्मीद

पणजी,19 नवंबर (युआईटीवी)- फिडे विश्व कप 2025 में भारत की आखिरी उम्मीद बने युवा ग्रैंडमास्टर अर्जुन एरिगैसी ने सोमवार को क्वार्टर फाइनल के दूसरे क्लासिकल मुकाबले में चीन के ग्रैंडमास्टर वेई यी के खिलाफ रोमांचक ड्रॉ खेला। यह परिणाम जहाँ अर्जुन को टाईब्रेक में धकेलता है,वहीं भारतीय प्रशंसकों की धड़कनें भी अब रैपिड और ब्लिट्ज प्रारूप पर आकर टिक गई हैं। एरिगैसी पूरे टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाते आए हैं और उनकी मेहनत ने उन्हें क्वार्टर फाइनल तक पहुँचाया है,लेकिन वेई यी के खिलाफ यह दूसरा गेम उम्मीद के मुताबिक समाप्त नहीं हो सका।

पहले गेम में काले मोहरों से संतुलित खेल दिखाने वाले अर्जुन दूसरे गेम में सफेद मोहरों से आक्रामक रणनीति के साथ उतरे थे। शुरुआती चालों में उन्होंने बेहतरीन ओपनिंग और सटीक मिडिल गेम से बढ़त हासिल कर ली थी। कई विशेषज्ञों का मानना था कि इसी क्षण अर्जुन मैच को निर्णायक मोड़ दे सकते थे। सोशल मीडिया पर और शतरंज विश्लेषक प्लेटफॉर्म्स पर कई अनुभवी खिलाड़ियों ने सुझाव दिए कि यदि अर्जुन उस समय बिशप की बलि देकर आक्रामक रास्ता अपनाते,तो वे खेल को अपनी पकड़ में ले सकते थे। परंतु 21 वर्षीय इस भारतीय प्रतिभा ने जोखिम से बचते हुए अपेक्षाकृत सुरक्षित चाल—क्वीन को डी2 पर रखने का फैसला किया।

एरिगैसी के इस निर्णय के बाद मुकाबले का रुख धीरे-धीरे बदला। वेई यी,जो अपनी सटीक डिफेंसिव क्षमता के लिए जाने जाते हैं,ने उसके बाद मौका नहीं चूका और रुक-फाइल और संरचनात्मक चालों के सहारे खेल को बराबरी पर ले आए। जैसे-जैसे एंडगेम की ओर मैच बढ़ा,दोनों खिलाड़ी बेहद सावधानी से खेलते दिखे और अंततः 57 चालों के बाद यह मुकाबला अनिर्णीत समाप्त हो गया। इस ड्रॉ के बाद क्वार्टर फाइनल अब बुधवार को होने वाले रैपिड टाईब्रेक पर पहुँच गया है।

अर्जुन के लिए टाईब्रेक कोई नई चीज नहीं है। अपने करियर में वे कई अहम मुकाबले रैपिड-फॉर्मेट में जीत चुके हैं और यही कारण है कि विश्लेषक भी उन्हें टाईब्रेक में आगे बढ़ने का पसंदीदा खिलाड़ी मान रहे हैं। भारतीय शतरंज समुदाय की उम्मीदें भी अब इसी क्षण पर टिक गई हैं,क्योंकि विश्व कप में भारत की ओर से उतरे 24 खिलाड़ियों में से अब केवल एरिगैसी ही मैदान में बचे हैं।

उधर,विश्व कप के अन्य क्वार्टर फाइनल मुकाबलों में भी दिलचस्प मोड़ देखने को मिले। रूस के ग्रैंडमास्टर आंद्रे एसिपेंको ने अमेरिका के ग्रैंडमास्टर सैम शैंकलैंड के खिलाफ 37 चालों के बाद ड्रॉ खेला,जिससे उनका मैच भी टाईब्रेक में चला गया। इसी तरह,पेरू के जीएम जोस एडुआर्डो मार्टिनेज अलकांतारा और उज्बेकिस्तान के जीएम जावोखिर सिंडारोव के बीच मुकाबला महज 25 चालों में समाप्त हो गया। यह मुकाबले भी रैपिड टाईब्रेक की ओर बढ़ रहे हैं,जिससे बुधवार का दिन शतरंज प्रेमियों के लिए बेहद रोमांचक होने वाला है।

विश्व कप में अब तक सबसे प्रभावशाली प्रदर्शन उज्बेकिस्तान के युवा ग्रैंडमास्टर नोडिरबेक याकूबबोव का रहा। उन्होंने दो क्लासिकल गेम्स के बाद ही सेमीफाइनल में जगह पक्की कर ली। जर्मनी के ग्रैंडमास्टर अलेक्जेंडर डोनचेंको के खिलाफ उन्होंने पहले गेम में शानदार जीत दर्ज की और फिर दूसरे मुकाबले में 57 चालों के बाद रणनीतिक ड्रॉ खेलकर सुरक्षित रूप से अंतिम-चार में पहुँचने वाले टूर्नामेंट के पहले खिलाड़ी बन गए।

फिडे विश्व कप 2025 इस बार 82 देशों के 206 खिलाड़ियों के साथ शुरू हुआ था और अब स्थिति अंतिम चरण में पहुँच चुकी है। इतने बड़े और प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में भारतीय खिलाड़ी अर्जुन एरिगैसी का क्वार्टर फाइनल तक पहुँचना अपने आप में बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। हालाँकि,अब चुनौती और कठिन हो गई है,लेकिन रैपिड फॉर्मेट में अर्जुन की तेज़ सोच और त्वरित निर्णय क्षमता उनके लिए निर्णायक साबित हो सकती है।

बुधवार को होने वाले टाईब्रेक पर न केवल भारत,बल्कि दुनिया भर के शतरंज प्रेमियों की नजरें होंगी। क्या अर्जुन एरिगैसी अपनी प्रतिभा का दम दिखाते हुए सेमीफाइनल में पहुँच पाएँगे ? यह सवाल अब अगले निर्णायक मुकाबले के बाद ही साफ होगा। फिलहाल इतना तय है कि एरिगैसी ने अपनी फाइटिंग स्पिरिट और लगातार बेहतर होते खेल से देश का गौरव एक बार फिर ऊँचा किया है।