नई दिल्ली,8 दिसंबर (युआईटीवी)- एफआईएच हॉकी मेंस जूनियर वर्ल्ड कप 2025 के सेमीफाइनल में भारतीय टीम को करारी हार का सामना करना पड़ा,जब गत चैंपियन जर्मनी ने उसे 1-5 से पराजित कर फाइनल में जगह पक्की कर ली। रविवार को खेले गए इस हाई-वोल्टेज मुकाबले में भारतीय खिलाड़ियों ने शुरुआती जोश जरूर दिखाया, लेकिन जर्मनी ने अपनी आक्रामक और सटीक रणनीति से मैच पर लगभग हर पल दबदबा बनाए रखा। इस जीत के साथ जर्मनी अब बुधवार को होने वाले खिताबी मुकाबले में स्पेन से भिड़ेगा,जबकि भारत तीसरे स्थान के लिए अर्जेंटीना के खिलाफ प्ले-ऑफ खेलेगा।
इस मैच में भारत की ओर से अकेला गोल अनमोल एक्का ने किया,जबकि जर्मनी की तरफ से लुकास कोसेल,टाइटस वेक्स,जोनास वॉन गेर्सम और बेन हसबैक ने शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल दागे। मुकाबले की शुरुआत से ही जर्मनी ने तेज़ी से खेलते हुए भारत पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था। पहले क्वार्टर के शुरुआती मिनटों से ही उनके फॉरवर्ड लगातार भारतीय डिफेंस को भेदने की कोशिश में जुटे रहे। हालाँकि,भारतीय गोलकीपर प्रिंसदीप सिंह ने शुरुआत में कुछ अहम बचाव कर टीम को मैच में बनाए रखा,लेकिन जर्मनी की आक्रामकता जल्द ही रंग लाने लगी।
मुकाबले के तीसरे ही मिनट में जस्टस वारवेग ने मजबूत इंटरसेप्शन के जरिए भारत के डिफेंस को चुनौती दी,लेकिन प्रिंसदीप ने बेहतरीन प्रतिक्रिया दिखाते हुए गोल टाल दिया। यह बचाव भारत के लिए शुरुआती राहत था,लेकिन दबाव बढ़ता जा रहा था। 14वें मिनट में जर्मनी को पहला पेनाल्टी कॉर्नर मिला। क्विरिन नाहर द्वारा लिए गए शॉट को अंकित पाल ने गोल के ठीक सामने शरीर से रोक तो लिया,लेकिन इस वाइलोशन के चलते जर्मनी को पेनाल्टी स्ट्रोक मिल गया। लुकास कोसेल ने इसे बिना किसी गलती के गोल में बदलकर अपनी टीम को बढ़त दिला दी।
जर्मनी को पहली सफलता का जोश अगले ही मिनट में देखने को मिला,जब सर्कल के अंदर टाइटस वेक्स का पास भारतीय खिलाड़ी सुनील पलाक्षप्पा बेन्नूर के पैर से लगकर सीधा गोल में चला गया। इस तरह पहले क्वार्टर के समाप्त होते-होते जर्मनी 2-0 की मजबूत बढ़त हासिल कर चुका था। भारत ने शुरुआत में कुछ अच्छे मूव बनाए थे,लेकिन उन्हें गोल में बदल पाना चुनौती साबित हुआ।
दूसरे क्वार्टर में भारतीय टीम ने अपनी रणनीति में सुधार करने की कोशिश की और कई बार अच्छे पासिंग मूव बनाए,पर जर्मनी की डिफेंस लाइन बेहद अनुशासित और मुस्तैद रही। 30वें मिनट में जर्मनी को दूसरा पेनाल्टी कॉर्नर मिला,जिसे एक बार फिर लुकास कोसेल ने शानदार तरीके से गोल में बदला। इस गोल के साथ जर्मनी ने मैच में 3-0 की लगभग निर्णायक बढ़त बना ली। यह लुकास का दूसरा और टीम का तीसरा गोल था।
इसके बाद भारत ने गोल दागने की कोशिशों में इजाफा किया। 34वें मिनट में अजीत यादव ने बेहतरीन कौशल दिखाते हुए दो जर्मन डिफेंडर्स को चकमा दिया और जोरदार शॉट मारा,लेकिन जर्मनी के गोलकीपर जैस्पर डिट्जर ने अपनी क्लासिक प्रतिक्रियाओं से इसे रोककर भारतीय उम्मीदों को धक्का पहुँचाया। यह वह मौका था जब भारत मैच की दिशा बदल सकता था,लेकिन किस्मत और जर्मन डिफेंस दोनों ने साथ नहीं दिया।
तीसरे क्वार्टर में जर्मनी के खिलाड़ी और भी अधिक नियंत्रण में दिखे। 40वें मिनट में जैनिक इनॉक्स ने शानदार ड्रिबल करते हुए गेंद को एलेक वॉन श्वेरिन तक पहुँचाया। उन्होंने भारतीय रक्षा पंक्ति को भेदते हुए गेंद को आगे बढ़ाया और इसे जोनास वॉन गेर्सम ने बिना गलती किए ओपन नेट में डाल दिया। इस गोल ने जर्मनी को 4-0 से आगे कर दिया और भारत के लिए वापसी की उम्मीदें लगभग खत्म हो गईं।
भारत ने इसके बाद कुछ मौके बनाने की कोशिश की,लेकिन जर्मन डिफेंस दीवार की तरह अडिग रहा। फिर चौथे क्वार्टर में भारत को पहला पेनाल्टी कॉर्नर मिला,जिसका फायदा टीम ने उठाया। इंजेक्शन के बाद कप्तान रोहित ने अनमोल एक्का को शानदार पास दिया। इस अप्रत्याशित मूव से जर्मन खिलाड़ी चौंक गए और अनमोल ने जोरदार हिट से गोल दागते हुए भारत का खाता खोला। यह भारत के खेल में ऊर्जा भरने का पल था और भारतीय खिलाड़ी इसके बाद एक और गोल करने की कोशिश में जुट गए,लेकिन जर्मनी के गोलकीपर और डिफेंस ने उन्हें कोई अतिरिक्त मौका नहीं दिया।
मैच के अंतिम पलों में जर्मनी ने अपनी गति और सटीकता बरकरार रखते हुए एक और गोल दागकर भारत पर 5-1 की बड़ी जीत दर्ज की। भारतीय टीम ने जुझारूपन दिखाया,लेकिन गंभीर गलतियों और डिफेंस की चूक ने उन्हें भारी नुकसान पहुँचाया। जर्मनी की गति,तालमेल और रणनीतिक अनुशासन भारत से कहीं आगे रहा।
अब जर्मनी अपने खिताब की रक्षा के लिए फाइनल में स्पेन से भिड़ेगा,जबकि भारतीय टीम अर्जेंटीना के खिलाफ तीसरे स्थान के मुकाबले में उतरेगी। भारत के पास अब भी टूर्नामेंट को पॉडियम फिनिश के साथ खत्म करने का मौका है और टीम इस दिशा में अपनी पूरी ताकत झोंकने को तैयार होगी। यह हार निराशाजनक जरूर है,लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने कई सकारात्मक पलों से यह संकेत जरूर दिया कि टीम में भविष्य के लिए प्रतिभा और क्षमता की कमी नहीं है।

