नई दिल्ली,1 अगस्त (युआईटीवी)- बिहार में चुनावी तैयारियों के तहत एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने शनिवार को स्टेट इलेक्टोरल रोल (एसआईआर) यानी राज्य मतदाता सूची का पहला ड्राफ्ट जारी कर दिया है। यह ड्राफ्ट शनिवार दोपहर 3 बजे से बिहार राज्य निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर आम जनता के लिए उपलब्ध कराया गया है। इस घोषणा के साथ ही राज्य में आगामी पंचायत और नगर निकाय चुनावों की प्रक्रियाएँ औपचारिक रूप से प्रारंभ हो गई हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार की गई इस ड्राफ्ट मतदाता सूची में उन सभी नागरिकों का विवरण है,जो बिहार के विभिन्न जिलों,प्रखंडों और पंचायतों में मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं। आयोग ने यह जानकारी भी दी है कि यह प्रारंभिक ड्राफ्ट है और इसमें जनता की भागीदारी और फीडबैक के आधार पर आगे संशोधन किया जाएगा। जो नागरिक सूची में अपना नाम,पता या अन्य जानकारी गलत पाते हैं,वे निर्धारित समयावधि के भीतर सुधार की माँग कर सकते हैं।
एसआईआर के पहले ड्राफ्ट को जारी करने के साथ ही आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह एक पारदर्शी प्रक्रिया के तहत तैयार की गई सूची है,जिसमें सभी तकनीकी उपायों का पालन किया गया है,ताकि एक सटीक और अद्यतन मतदाता डाटाबेस तैयार किया जा सके। इसके लिए आयोग ने चुनाव विभाग,जिला प्रशासन और पंचायत स्तर के अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश पहले ही भेज दिए थे।
आयोग ने यह भी कहा है कि ड्राफ्ट मतदाता सूची को ऑनलाइन उपलब्ध कराने का उद्देश्य यह है कि राज्य के नागरिक कहीं से भी इसे देख सकें और आवश्यक बदलावों के लिए अनुरोध भेज सकें। इसके लिए आयोग की वेबसाइट पर एक ऑनलाइन पोर्टल भी चालू कर दिया गया है,जहाँ व्यक्ति अपने बूथ,पंचायत,वार्ड अथवा नगर निकाय के अनुसार सूची देख सकते हैं। साथ ही,सूची में सुधार या आपत्ति दर्ज कराने के लिए आवश्यक फॉर्म और दिशा-निर्देश भी वेबसाइट पर दिए गए हैं।
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने अपने बयान में कहा कि लोकतंत्र की जड़ें तभी मजबूत होती हैं,जब मतदाता सूची निष्पक्ष,अद्यतन और समावेशी हो। इसलिए हम नागरिकों से अपील करते हैं कि वे इस ड्राफ्ट को ध्यानपूर्वक देखें और अगर किसी प्रकार की त्रुटि दिखाई देती है, तो समय रहते उसकी सूचना दें,ताकि अंतिम सूची अधिक सटीक हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि तकनीकी टीम और स्थानीय प्रशासनिक तंत्र को इस काम में सक्रिय रूप से जोड़ा गया है,ताकि नागरिकों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
चुनाव आयोग के इस प्रयास से यह स्पष्ट होता है कि वह पारदर्शी और भरोसेमंद चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह प्रक्रिया बिहार में पंचायती राज व्यवस्था और शहरी स्थानीय निकायों के आगामी चुनावों के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगी। चूँकि इन चुनावों में स्थानीय स्तर पर विकास से जुड़ी नीतियों और कार्यों का सीधा संबंध होता है,इसलिए आयोग की यह पहल न केवल चुनावी तैयारी का हिस्सा है,बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
एसआईआर के ड्राफ्ट को लेकर नागरिकों और राजनीतिक दलों में भी हलचल देखी जा रही है। कई दलों ने अपने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे सूची को बारीकी से जाँचें और सुनिश्चित करें कि उनके समर्थकों और आम नागरिकों के नाम सूची में ठीक प्रकार से दर्ज हैं। विशेषकर युवा मतदाताओं और पहली बार वोट देने जा रहे नागरिकों को लेकर भी आयोग ने जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई है।
निर्वाचन आयोग द्वारा तय की गई समयसीमा के अनुसार नागरिक 15 दिनों के भीतर ड्राफ्ट पर आपत्ति या सुझाव दे सकते हैं। इसके बाद आयोग सभी प्राप्त अनुरोधों की समीक्षा कर अंतिम मतदाता सूची जारी करेगा,जो आगे के चुनावी कार्यक्रम की बुनियाद बनेगी।
इस प्रकार,एसआईआर का पहला ड्राफ्ट जारी करना बिहार में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की दिशा में एक अहम पड़ाव है। यह न केवल चुनावी प्रक्रिया को गति देगा,बल्कि नागरिकों को अपने अधिकारों के प्रति अधिक जागरूक और जिम्मेदार बनाने में भी सहायक सिद्ध होगा। आयोग ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे इस अवसर का पूरा लाभ उठाएँ और राज्य की चुनावी व्यवस्था को और भी मजबूत बनाने में अपना योगदान दें।