चेन्नई, 30 नवंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)| श्रीलंकाई नौसेना द्वारा 24 भारतीय मछुआरों को हिरासत में लिए जाने के कुछ दिनों बाद, तमिलनाडु के पुदुक्कोट्टई जिले के जगदापट्टिनम तटीय गांव के मछुआरों ने बुधवार को क्षेत्र में सड़कों को अवरुद्ध कर उनकी रिहाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन पहले ही मछुआरों की रिहाई के लिए विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप की मांग कर चुके हैं।
मछुआरों की महंगी मशीनीकृत नौकाएं भी श्रीलंकाई नौसेना के कब्जे में हैं।
तमिलनाडु के पुदुक्कोट्टई जिले में जगदापट्टिनम तट के मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना ने अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) के पास उस समय हिरासत में ले लिया जब वे मछली पकड़ रहे थे।
श्रीलंकाई नौसेना ने आरोप लगाया कि भारतीय मछुआरे श्रीलंकाई जल क्षेत्र में चले गए और मछली पकड़ रहे थे, जिस कारण गिरफ्तारी की गई।
पुदुकोट्टई के मछुआरा संघ महिलाओं और बच्चों के साथ सड़कों पर विरोध कर रहे हैं और राज्य और केंद्र दोनों सरकारों से अपने भाइयों की रिहाई के लिए तुरंत कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।
मछुआरों ने विदेश मंत्रालय, भारत सरकार और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से इस मामले को श्रीलंका सरकार के समक्ष उठाने और श्रीलंकाई नौसेना की हिरासत में मछुआरों की रिहाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।
जगदपट्टिनम, पुदुकोट्टई के एक मछुआरे आर. राजेश कुमार ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “श्रीलंकाई नौसेना द्वारा इन गिरफ्तारियों और कैद के कारण हमें नुकसान हो रहा है। नौसेना द्वारा जब्त की गई महंगी नौकाएं जंग खा जाती हैं। इन नावों को खरीदने के लिए हमने जिन बैंकों से ऋण लिया था, उन्हें वापस भी करना है। भारत सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए और इस मुद्दे का स्थायी समाधान निकालना चाहिए। कई लोग नर्वस ब्रेकडाउन के कगार पर हैं और हम तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और केंद्रीय विदेश मंत्री जयशंकर से अपील करते हैं कि वे हमारे मुद्दे पर चर्चा करेंगे।”

