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विदेशी मुद्रा भंडार में जोरदार उछाल,स्वर्ण भंडार भी बढ़ा,एफडीआई प्रवाह ने बनाया नया रिकॉर्ड

नई दिल्ली,13 दिसंबर (युआईटीवी)- भारत की अर्थव्यवस्था ने दिसंबर के पहले सप्ताह में एक बार फिर अपनी मजबूती का संकेत दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा शुक्रवार को जारी आँकड़ों के अनुसार,5 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) 1.03 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 687.26 अरब डॉलर तक पहुँच गया। यह बढ़ोतरी उस समय आई है,जब वैश्विक अर्थव्यवस्था अनिश्चितताओं और दबावों का सामना कर रही है। लगातार बढ़ता रिजर्व भारत की वित्तीय स्थिरता और विदेशी निवेशकों के विश्वास का प्रतिबिंब माना जा रहा है।

आरबीआई के अनुसार,फॉरेक्स रिजर्व में बढ़ोतरी मुख्य रूप से विदेशी करेंसी एसेट्स और स्वर्ण भंडार में बढ़ोतरी के कारण हुई। इस सप्ताह के दौरान देश का गोल्ड रिजर्व भी तेजी से बढ़ा,जो 1.188 अरब डॉलर के उछाल के साथ 106.984 अरब डॉलर पर पहुँच गया। यह इस बात का संकेत है कि भारत ने वैश्विक सोने की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव के बीच अपने भंडारों को मजबूत करने की रणनीति अपनाई है। इसके अलावा,स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (एसडीआर) में भी 93 मिलियन डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई,जिसके बाद एसडीआर का कुल स्तर 18.721 अरब डॉलर हो गया।

आरबीआई विदेशी मुद्रा बाजार की गतिविधियों पर लगातार नजर रखता है और जरूरत पड़ने पर हस्तक्षेप भी करता है,जिससे मुद्रा बाजार में स्थिरता बनी रहती है। विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ता फॉरेक्स रिजर्व मुद्रा के उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने,आयात बिलों को संभालने और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुचारू रखने में बड़ी भूमिका निभाता है। इस वर्ष डॉलर,यूरो और पाउंड जैसी प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले रुपये में आई गिरावट के समय,आरबीआई ने बाजार में स्थिरता बनाए रखने के लिए समय-समय पर हस्तक्षेप किया।

फॉरेक्स रिजर्व के मजबूत होने के साथ ही विदेशी निवेश (एफडीआई) के आँकड़ें भी भारत की आर्थिक मजबूती को दर्शाते हैं। केंद्र सरकार द्वारा संसद में साझा किए गए आँकड़ों के अनुसार,वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही यानी अप्रैल से सितंबर 2025 के दौरान देश में कुल एफडीआई प्रवाह 50.36 अरब डॉलर दर्ज किया गया। यह आँकड़ा पिछले वर्ष की इसी अवधि में आए 43.37 अरब डॉलर की तुलना में करीब 16 प्रतिशत अधिक है। यह किसी भी वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में एफडीआई का अब तक का सबसे बड़ा आँकड़ा है।

वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में बताया कि भारत ने पिछले एक दशक में एफडीआई आकर्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। वित्त वर्ष 2012-13 में जहाँ देश का कुल एफडीआई प्रवाह 34 अरब डॉलर था,वहीं वित्त वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर 80 अरब डॉलर का आँकड़ा पार कर गया है। यह बढ़ोतरी यह दर्शाती है कि भारत वैश्विक निवेशकों के लिए एक भरोसेमंद और आकर्षक गंतव्य बन चुका है।

सरकार द्वारा साझा किए गए आँकड़ों के मुताबिक,वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में भारत में एफडीआई का प्रवाह और ज्यादा मजबूत दिखा। अप्रैल से सितंबर 2025 के दौरान कुल एफडीआई 18 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 35.18 अरब डॉलर तक पहुँच गया। सरकार का कहना है कि इस उछाल का एक बड़ा कारण भारतीय कंपनियों द्वारा विदेशी बाजारों में बढ़ता निवेश और मौजूदा निवेशकों द्वारा किए गए पुनर्निवेश हैं। यह न केवल निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है,बल्कि यह भी संकेत देता है कि भारत की कंपनियाँ वैश्विक विस्तार की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही हैं।

सरकार ने एफडीआई आकर्षित करने और व्यापार विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) का भी प्रभावी रूप से उपयोग किया है। भारत ने अब तक अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ 15 फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) और 6 प्रीफ्रेंशियल ट्रेड एग्रीमेंट (पीटीए) पर हस्ताक्षर किए हैं। इन समझौतों ने न केवल व्यापार को बढ़ावा दिया है,बल्कि उद्योगों और निवेशकों के लिए नए अवसर भी खोले हैं।

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ता विदेशी मुद्रा भंडार और एफडीआई प्रवाह भारत को अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक चुनौतियों का सामना करने में मदद करेगा। वैश्विक व्यापारिक तनाव,तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और भू-राजनीतिक जोखिमों के बीच भारत की अर्थव्यवस्था का स्थिर रहना देश की दीर्घकालिक विकास रणनीति की सफलता को दर्शाता है। इसके साथ ही,तेजी से बढ़ता निवेश प्रवाह इस बात का प्रमाण है कि वैश्विक कंपनियाँ भारत को भविष्य के लिए एक संभावनाओं से भरा बाजार मान रही हैं।

विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी और एफडीआई प्रवाह में रिकॉर्ड वृद्धि भारत की आर्थिक मजबूती,वित्तीय स्थिरता और सुधारों के सफल क्रियान्वयन की ओर इशारा करते हैं। आने वाले महीनों में भी यदि यह रुझान जारी रहता है,तो भारत न केवल एशिया की बल्कि दुनिया की उभरती हुई सबसे मजबूत अर्थव्यवस्थाओं में अपनी जगह और मजबूत कर सकता है।