जंगल की आग

कनाडा में बढ़ता जंगल की आग का संकट,जंगल की आग ने लिया विकराल रूप,अगस्त तक स्थिति गंभीर रहने की आशंका

ओटावा,19 जुलाई (युआईटीवी)- कनाडा में जंगल की आग का संकट लगातार गहराता जा रहा है। देश के ऊर्जा एवं प्राकृतिक संसाधन मंत्री टिम हॉजसन के अनुसार,अगस्त तक पश्चिमी कनाडा के अधिकांश हिस्सों में जंगल की आग के मामले तेजी से बढ़ते रहेंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि इस साल जंगल की आग के मामले औसत से कहीं अधिक स्तर पर पहुँच सकते हैं,जिससे बड़े पैमाने पर पर्यावरणीय और मानवीय संकट उत्पन्न होने की आशंका है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक,टिम हॉजसन ने जंगल की आग से संबंधित नवीनतम राष्ट्रीय पूर्वानुमान जारी करते हुए कहा कि सबसे ज्यादा खतरा दक्षिणी ब्रिटिश कोलंबिया में है। यहाँ मौसम की बदलती परिस्थितियों और उच्च तापमान के कारण आग की घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि जुलाई से अगस्त तक कनाडा के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान दर्ज किए जाने की संभावना है,जबकि शुष्क परिस्थितियों के और अधिक गंभीर होने की उम्मीद है। यह स्थिति खासकर पश्चिमी और उत्तरी कनाडा में देखने को मिलेगी,जहाँ जंगल की आग के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ पहले से मौजूद हैं।

मौसम पूर्वानुमानों के आधार पर,कनाडा के नेचुरल रिसोर्सेज मॉडलिंग ने चेतावनी दी है कि युकोन से पूर्व की ओर उत्तर-पश्चिमी ओंटारियो और नोवा स्कोटिया तथा पूर्वी न्यू ब्रंसविक तक जंगल की आग तेजी से फैल सकती है। इसका मतलब है कि देश का एक बड़ा भूभाग इस आपदा के दायरे में आ सकता है। हॉजसन ने बताया कि इस साल जुलाई तक देशभर में 3,000 से ज्यादा जंगल की आग के मामले सामने आ चुके हैं,जिनसे लगभग 55 लाख हेक्टेयर इलाका प्रभावित हुआ है। यह आँकड़ा पिछले वर्षों की तुलना में कहीं अधिक है और स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।

हॉजसन ने कहा कि लगातार बढ़ती इस समस्या से निपटने के लिए कनाडा सरकार कई उपाय कर रही है। उन्होंने घोषणा की कि जंगल की आग की चुनौती का समाधान खोजने और इससे बेहतर ढंग से निपटने के लिए कनाडा वाइल्डफायर रेजिलिएंस कंसोर्टियम की स्थापना की जाएगी। इस कंसोर्टियम के लिए चार वर्षों में लगभग 1.17 करोड़ कनाडाई डॉलर (करीब 8.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का निवेश किया जाएगा। यह संस्थान जंगल की आग से संबंधित इनोवेशन और नॉलेज का एक राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र और वर्चुअल हब के रूप में काम करेगा। इसका उद्देश्य जंगल की आग की भविष्यवाणी करने,उसे नियंत्रित करने और उससे प्रभावित इलाकों में तेजी से राहत पहुँचाने के लिए आधुनिक तकनीक और अनुसंधान को बढ़ावा देना है।

उत्तरी अमेरिका में जंगल की आग की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। कनाडा के अलावा,अमेरिका भी इस आपदा से जूझ रहा है। कोलोराडो राज्य में जंगल की आग लगभग 4,100 एकड़ तक फैल चुकी है। इस आग ने न केवल स्थानीय आबादी बल्कि जंगली जीवों के जीवन को भी गंभीर खतरे में डाल दिया है। आग पर काबू पाने के लिए सुपर स्कूपर विमानों की तैनाती की गई है,जो पानी छिड़ककर आग को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं।

कनाडा में भी स्थिति इतनी विकट हो गई है कि कई इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा है। आग की वजह से न केवल हजारों लोगों का विस्थापन हुआ है,बल्कि बड़े पैमाने पर वन्य जीवों का प्राकृतिक आवास भी नष्ट हो रहा है। दक्षिणी ब्रिटिश कोलंबिया,युकोन और नोवा स्कोटिया जैसे इलाकों में स्थानीय प्रशासन ने आपातकालीन सेवाओं को अलर्ट कर दिया है और राहत कार्यों में तेजी लाई जा रही है।

कनाडा में जंगल की आग के लगातार बढ़ने की वजह जलवायु परिवर्तन को भी माना जा रहा है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सामान्य से अधिक तापमान और लंबे समय तक सूखी परिस्थितियाँ आग लगने की घटनाओं को बढ़ावा दे रही हैं। हॉजसन ने भी अपने बयान में इस बात को स्वीकार किया कि जलवायु परिवर्तन के चलते प्राकृतिक आपदाओं की तीव्रता और आवृत्ति दोनों बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि यह केवल पर्यावरणीय संकट नहीं है,बल्कि लोगों के जीवन,स्वास्थ्य और आजीविका के लिए भी गंभीर खतरा है।

जंगल की आग से निपटने के लिए कनाडा सरकार न केवल राहत और बचाव कार्यों में जुटी है,बल्कि लंबी अवधि की रणनीति भी बना रही है। कनाडा वाइल्डफायर रेजिलिएंस कंसोर्टियम जैसे प्रयास इसी दिशा में एक अहम कदम हैं,जिससे भविष्य में ऐसी आपदाओं की रोकथाम के लिए बेहतर तैयारी की जा सकेगी।

फिलहाल,स्थिति चिंताजनक बनी हुई है और विशेषज्ञों का मानना है कि अगस्त के अंत तक आग की घटनाएँ और भी बढ़ सकती हैं। सरकार ने नागरिकों से सतर्क रहने और आपातकालीन सेवाओं के निर्देशों का पालन करने की अपील की है। इस बीच,अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की निगाहें भी कनाडा की ओर टिकी हैं,क्योंकि देश को इस भीषण प्राकृतिक आपदा से उबरने के लिए व्यापक मदद और संसाधनों की आवश्यकता पड़ सकती है।