पटना,19 नवंबर (युआईटीवी)- बिहार में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुँच चुकी है। प्रदेश की राजनीति एक बार फिर बड़े बदलाव के मुहाने पर खड़ी है,क्योंकि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की तैयारी कर रहे हैं नीतीश कुमार,वह भी दसवीं बार। इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनेगा पटना का गांधी मैदान, जहाँ गुरुवार को विशाल और भव्य शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। इस समारोह को लेकर जिस स्तर की तैयारियाँ हो रही हैं,उससे यह स्पष्ट है कि यह राज्य की राजनीति के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े आयोजनों में से एक होने वाला है।
गांधी मैदान में होने वाले समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। उनके अलावा कई राज्यों के मुख्यमंत्री,केंद्रीय मंत्री,भाजपा और एनडीए के वरिष्ठ नेता और लाखों नागरिक इस मौके के गवाह बनेंगे। पटना में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन चौकस है और पूरे शहर में पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है। गांधी मैदान के आसपास ट्रैफिक प्लान में बदलाव किया गया है और सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे क्षेत्र को हाई-सिक्योरिटी जोन में बदल दिया है।
शपथ ग्रहण से पहले बुधवार को एनडीए के दोनों प्रमुख दलों—जदयू और भाजपा ने अपने-अपने विधायक दल की बैठकें कीं। जदयू विधायक दल की बैठक सुबह 11 बजे मंत्री श्रवण कुमार के आवास पर आयोजित की गई,जहाँ सर्वसम्मति से नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना गया। इसके साथ ही यह भी साफ हो गया कि वे ही नए मुख्यमंत्री होंगे। उधर,भाजपा ने भी अपने विधायक दल की बैठक की जिसमें सम्राट चौधरी को विधानमंडल दल का नेता और विजय कुमार सिन्हा को उपनेता चुना गया। इन बैठकों के बाद विधानसभा के सेंट्रल हॉल में एनडीए विधायक दल की एक संयुक्त बैठक बुलाई गई,जहाँ नीतीश कुमार को औपचारिक रूप से नेता चुना गया।
इस औपचारिक चयन के बाद अब नीतीश कुमार राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। अनुमान है कि नीतीश कुमार के साथ 20 मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जा सकती है। इस मंत्रिमंडल में जदयू और भाजपा के प्रतिनिधियों को शामिल करने पर अंतिम चरण में विमर्श चल रहा है,ताकि सभी क्षेत्रों और समुदायों को उचित प्रतिनिधित्व दिया जा सके। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार नीतीश कुमार एक संतुलित,प्रभावी और अनुभवी टीम के साथ सरकार चलाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह सुबह 11:30 बजे से शुरू होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन 12:30 बजे के आसपास तय है। उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बहु-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है। मंच और दर्शक दीर्घाओं को विशेष रूप से सजाया गया है। पटना के डीएम और एसएसपी खुद तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं। ड्रोन कैमरों से निगरानी का प्रबंध किया गया है और प्रवेश द्वारों पर 3-स्तरीय सुरक्षा जाँच की व्यवस्था की गई है।
नीतीश कुमार के लिए यह क्षण इसलिए भी बेहद खास है क्योंकि वे इस उपलब्धि के साथ भारतीय राजनीति के उन गिने-चुने नेताओं में शामिल हो जाएँगे,जिन्होंने इतने लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद संभाला है। उनके समर्थकों का कहना है कि इस बार की शपथ में जनता के बीच नया उत्साह देखने को मिलेगा क्योंकि एनडीए को हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भारी जनसमर्थन मिला है। गांधी मैदान को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया जा रहा है और पूरे क्षेत्र में बड़े-बड़े एलईडी स्क्रीन लगाए जा रहे हैं,ताकि मैदान में मौजूद लाखों लोगों को शपथ ग्रहण का दृश्य साफ दिखाई दे सके।
साल 2010 के बाद यह पहला मौका है,जब गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जा रहा है। इससे पहले शपथ समारोह आमतौर पर राजभवन में हुआ करते थे,लेकिन इस बार अवसर की भव्यता और राजनीतिक संदेश को ध्यान में रखते हुए इसे एक विशाल सार्वजनिक कार्यक्रम के रूप में चुना गया है। एनडीए के सहयोगी दलों का मानना है कि यह आयोजन बिहार की राजनीति में एक नए और स्थिर अध्याय की शुरुआत करेगा।
अब सभी की निगाहें गुरुवार के ऐतिहासिक क्षण पर टिकी हैं,जब नीतीश कुमार दसवीं बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे और बिहार की नई एनडीए सरकार आधिकारिक रूप से अपना कार्यकाल शुरू करेगी। प्रशासन,राजनीतिक दलों और जनता,सभी के बीच इस कार्यक्रम को लेकर उत्साह चरम पर है।

