नई दिल्ली,16 अगस्त (युआईटीवी)- भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, महान कवि और ओजस्वी वक्ता भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 7वीं पुण्यतिथि पर शनिवार को पूरे देश ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा,केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत तमाम नेताओं ने वाजपेयी जी को याद करते हुए उनके योगदान को नमन किया। देशभर में भाजपा कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके व्यक्तित्व व कार्यों को आदर्श मानते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
अटल जी की 7वीं पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें याद करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि, “पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी को सभी देशवासियों की ओर से उनकी पुण्यतिथि पर सादर नमन। राष्ट्र के चौतरफा विकास को लेकर उनका समर्पण और सेवा भाव विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान के लिए हर किसी को प्रेरित करने वाला है।” प्रधानमंत्री मोदी के इस संदेश से स्पष्ट है कि वे अटल जी को केवल एक राजनीतिक नेता ही नहीं,बल्कि एक दूरदर्शी राष्ट्र निर्माता मानते हैं,जिनकी सोच और कार्य आज भी देश के लिए दिशा-निर्देशक बने हुए हैं।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी अटल जी की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने एक्स पर लिखा कि, “असंख्य कार्यकर्ताओं के प्रेरणास्रोत,सुशासन के आदर्श प्रतिमान,पूर्व प्रधानमंत्री, ‘भारत रत्न’ श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें सादर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। श्रद्धेय अटल जी ने सशक्त,समृद्ध और स्वावलंबी भारत के निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। भाजपा की स्थापना से लेकर सशक्त भारत के निर्माण के लिए वे अजीवन संकल्पित रहे। जनसेवा और राष्ट्रोत्थान के उनके विचार एवं कार्य कोटिश: भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए अनुकरणीय हैं।” नड्डा के इस संदेश में यह झलकता है कि वाजपेयी जी भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए आज भी प्रेरणा के सबसे बड़े स्रोत हैं और उनके आदर्शों के बिना पार्टी की कल्पना अधूरी है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अटल जी के योगदान को विस्तार से याद करते हुए कहा कि, “पूर्व प्रधानमंत्री,भाजपा के संस्थापक सदस्य,भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने मूल्य-आधारित राजनीति को आगे बढ़ाते हुए विकास और सुशासन की मजबूत नींव रखी। अटल जी ऐसे राजनेता थे,जिन्होंने सिद्धांतों और विचारधारा से कभी समझौता नहीं किया,भले ही इसके लिए उन्हें अपनी सरकार गंवानी पड़ी। उनके नेतृत्व में भारत ने पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण किया और कारगिल युद्ध में दुश्मनों को करारा जवाब दिया। अटल जी अपने विचारों और कार्यों के माध्यम से हम सभी को राष्ट्रसेवा के मार्ग पर प्रेरित करते रहेंगे।” अमित शाह के इस वक्तव्य से यह साफ झलकता है कि वाजपेयी जी को केवल एक राजनेता के रूप में नहीं,बल्कि सिद्धांतनिष्ठ राजनेता के रूप में याद किया जाता है,जिनका हर कदम राष्ट्रहित में था।
अटल जी को नमन करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी लिखा कि,“मैं अटल जी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। उन्होंने अपना पूरा जीवन एक सशक्त और समृद्ध भारत के निर्माण के संकल्प के साथ समर्पित किया। राष्ट्र उनके इस अभूतपूर्व योगदान को सदैव याद रखेगा।” राजनाथ सिंह के इन शब्दों में अटल जी के प्रति गहरी श्रद्धा और उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने का भाव स्पष्ट झलकता है।
अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के ऐसे शिखर पुरुष रहे,जिन्होंने अपने विचारों,व्यवहार और उदार व्यक्तित्व से सभी दलों में सम्मान पाया। वे केवल भाजपा या एनडीए के नेता नहीं थे,बल्कि सम्पूर्ण भारतीय राजनीति में संवाद,सहमति और लोकतांत्रिक परंपरा के प्रतीक बन गए। संसद में उनके भाषणों का स्तर और जनता के बीच उनका जुड़ाव उन्हें एक विलक्षण नेता के रूप में स्थापित करता है।
उनकी सरकार के दौरान किए गए कार्य आज भी देश के विकास पथ पर मील के पत्थर माने जाते हैं। पोखरण परमाणु परीक्षण,कारगिल युद्ध में भारत की विजय,राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसे फैसले वाजपेयी जी की दूरदृष्टि और राष्ट्रहित के प्रति अटूट समर्पण को दर्शाते हैं। यही कारण है कि आज भी उनकी याद लोगों के दिलों में ताजा है और उनकी नीतियों को अनुकरणीय माना जाता है।
अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन भारतीय राजनीति में स्वच्छता,पारदर्शिता और आदर्शवाद का उदाहरण रहा। वे कवि भी थे और उनकी कविताओं ने उन्हें आम लोगों के दिलों तक पहुँचाया। राजनीति में रहते हुए भी उनकी संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण उन्हें औरों से अलग बनाता था। यही कारण है कि आज उनकी पुण्यतिथि पर केवल भाजपा ही नहीं बल्कि पूरा राष्ट्र उन्हें श्रद्धापूर्वक याद करता है।
आज जब भारत आत्मनिर्भरता और वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है,तब वाजपेयी जी के विचार और उनका राष्ट्रदृष्टिकोण और भी प्रासंगिक हो जाता है। उनकी पुण्यतिथि हमें यह स्मरण कराती है कि सच्चा नेतृत्व वही है,जो न केवल सत्ता में रहते हुए,बल्कि सत्ता से बाहर रहते हुए भी सिद्धांतों और राष्ट्रहित से समझौता न करे। अटल जी ने यह उदाहरण प्रस्तुत किया और इसी कारण वे सदैव भारतीय राजनीति के आकाश में ध्रुवतारे की भांति चमकते रहेंगे।