नई दिल्ली,2 दिसंबर (युआईटीवी)- बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी प्रमुख बेगम खालिदा जिया की तबीयत बेहद नाज़ुक बनी हुई है। 80 वर्षीय वरिष्ठ नेता को ढाका के एवरकेयर अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है,जहाँ उनकी हालत लगातार चिंता का विषय बनी हुई है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने उनकी गंभीर बीमारी को देखते हुए तुरंत प्रभाव से उन्हें वीवीआईपी श्रेणी में शामिल कर दिया है और उनके लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था भी की गई है। इस बीच,भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खालिदा जिया के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए कहा है कि भारत हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि बांग्लादेश के सार्वजनिक जीवन में लंबे समय तक योगदान देने वाली बेगम खालिदा जिया की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जानकर गहरी चिंता हुई। उन्होंने आगे कहा कि भारत उनके शीघ्र स्वस्थ होने की दिल से कामना करता है और इस कठिन समय में उनकी सहायता के लिए तैयार है। मोदी का यह संदेश दोनों देशों के राजनीतिक और मानवीय संबंधों को और मजबूत बनाता है।
खालिदा जिया को 23 नवंबर को अचानक तबीयत बिगड़ने पर एवरकेयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,उनकी हालत इतनी गंभीर हो गई है कि उन्हें अस्पताल के कोरोनरी केयर यूनिट (सीसीयू) में लगातार विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में रखा जा रहा है। ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक,बीएनपी के उपाध्यक्ष एडवोकेट अहमद आजम खान ने बताया कि रविवार रात से उनकी हालत और बिगड़ गई,जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर शिफ्ट किया गया।
बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने शनिवार रात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि खालिदा जिया की सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ है और उनकी स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि डॉक्टर लगातार प्रयास कर रहे हैं,लेकिन उनकी कई पुरानी बीमारियों के कारण स्थिति अत्यधिक जटिल हो गई है।
Deeply concerned to learn about the health of Begum Khaleda Zia, who has contributed to Bangladesh’s public life for many years. Our sincere prayers and best wishes for her speedy recovery. India stands ready to extend all possible support, in whatever way we can.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 1, 2025
80 वर्षीय खालिदा जिया लंबे समय से कई गंभीर बीमारियों से जूझ रही हैं। उन्हें दिल की समस्याएँ,डायबिटीज,आर्थराइटिस,लिवर सिरोसिस और किडनी संबंधी दिक्कतें हैं। लिवर सिरोसिस की वजह से उनकी हालत कई बार पहले भी गंभीर हो चुकी है। उनके शरीर में लगातार पानी भरने की समस्या रहती है और उन्हें अक्सर अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है।
हाल ही में उन्हें विदेश में एडवांस मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए भेजने की तैयारी की जा रही थी। बीएनपी सूत्रों के अनुसार,पार्टी प्रमुख को लंदन ले जाने के लिए विशेष एयर एम्बुलेंस का इंतजाम भी किया जा रहा था। उनका इलाज लंदन में करने की योजना इसलिए बनाई गई थी क्योंकि उनकी लीवर स्थिति के लिए विशेषज्ञ चिकित्सा वहाँ उपलब्ध है,लेकिन डॉक्टरों ने उनकी लगातार बिगड़ती सेहत के कारण उन्हें एयरलिफ्ट करने से फिलहाल मना कर दिया है। डॉक्टरों के अनुसार,उनकी स्थिति इतनी नाजुक है कि एयर ट्रैवल उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
बीएनपी चीफ के बेटे तारिक रहमान के सलाहकार और पार्टी प्रवक्ता महेदी अमीन ने फेसबुक पर लिखा था कि जैसे ही खालिदा जिया की हालत में थोड़ा स्थिरता आएगी,उन्हें एडवांस मेडिकल सुविधाओं के लिए लंदन भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पार्टी नेतृत्व इस दिशा में लगातार प्रयास कर रहा है,लेकिन वर्तमान स्थिति में कोई भी जोखिम उठाना संभव नहीं है।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा उन्हें वीवीआईपी घोषित किया जाना उनके स्वास्थ्य की गंभीरता को दर्शाता है। अधिकारियों के अनुसार,उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े सभी इंतजामों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। अस्पताल परिसर में भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है और अनावश्यक लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
खालिदा जिया बांग्लादेश की राजनीति में दशकों तक एक प्रमुख चेहरा रही हैं। वह दो बार देश की प्रधानमंत्री रह चुकी हैं और बीएनपी की सबसे प्रभावशाली नेता मानी जाती हैं। हाल के वर्षों में कानूनी चुनौतियों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण वह सक्रिय राजनीति से दूर हो गई थीं,लेकिन पार्टी और देश की राजनीति में उनका प्रभाव अब भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
उनकी खराब तबीयत की खबर ने बांग्लादेश की जनता,राजनीतिक दलों और समर्थकों में चिंता बढ़ा दी है। अस्पताल के बाहर अक्सर बीएनपी समर्थक उनकी सेहत को लेकर दुआओं के साथ एकत्र होते हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि उनकी हालत में अगर सुधार नहीं हुआ,तो यह बांग्लादेश की राजनीति के लिए भी एक बड़ा झटका हो सकता है।
इस समय पूरे बांग्लादेश और भारत सहित क्षेत्र के राजनीतिक नेताओं की नजरें उनके स्वास्थ्य पर टिकी हैं। प्रधानमंत्री मोदी की ओर से आया समर्थन संदेश भारत-बांग्लादेश की दोस्ती और मानवीय संबंधों को और मजबूत करता है। इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि आने वाले 24 से 48 घंटे उनके स्वास्थ्य के लिए बेहद निर्णायक होंगे।
फिलहाल,देश की पूर्व प्रधानमंत्री अस्पताल में जीवन की जंग लड़ रही हैं और पूरा क्षेत्र उनकी शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहा है।

