नई दिल्ली,18 दिसंबर (युआईटीवी)- हिंद महासागर में स्थित फ्रांसीसी क्षेत्र मायोट में चक्रवात चिडो से हुई तबाही पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया है। चक्रवात चिडो ने 13 दिसंबर को मायोट में प्रचंड तबाही मचाई,जिससे भारी नुकसान हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर इस आपदा के प्रति अपनी संवेदनाएँ व्यक्त की और पीड़ितों के साथ अपनी प्रार्थनाएँ साझा कीं। उन्होंने लिखा कि वह मायोट में चक्रवात से हुई तबाही को लेकर अत्यंत दुखी हैं और उनके दिल और प्रार्थनाएँ पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस आपदा के दौरान फ्रांस के पुनर्निर्माण प्रयासों में विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि वह राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के नेतृत्व में विश्वास रखते हैं और उन्हें उम्मीद है कि फ्रांस इस त्रासदी से मजबूती और दृढ़ संकल्प के साथ उबर जाएगा। साथ ही,उन्होंने यह भी कहा कि भारत फ्रांस के साथ पूरी एकजुटता में खड़ा है और इस मुश्किल घड़ी में हर संभव मदद देने के लिए तैयार है।
Deeply saddened by the devastation caused by Cyclone Chido in Mayotte. My thoughts and prayers are with the victims and their families. I am confident that under President @EmmanuelMacron’s leadership, France will overcome this tragedy with resilience and resolve. India stands in…
— Narendra Modi (@narendramodi) December 17, 2024
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पीएम मोदी की संवेदनाओं का सम्मान करते हुए आभार व्यक्त किया और सोशल मीडिया पर उन्होंने मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा, “प्रिय नरेंद्र मोदी,आपके समर्थन के लिए धन्यवाद।”
राष्ट्रपति मैक्रों ने इस आपदा के प्रति अपनी संवेदनाएँ व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। उन्होंने यह भी कहा कि वह जल्द ही मायोट का दौरा करेंगे और वहाँ के नागरिकों,सिविल सेवकों और आपातकालीन सेवाओं के लिए अपनी मदद प्रदान करेंगे। राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि यह समय आपातकालीन स्थिति से निपटने और भविष्य में ऐसी आपदाओं के लिए तैयारी करने का है। उन्होंने यह भी कहा कि, “यह त्रासदी हम सभी को परेशान कर रही है और मैं राष्ट्रीय शोक की घोषणा करता हूँ।”
चक्रवात चिडो ने मायोट को 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाओं के साथ प्रभावित किया,जिससे द्वीप में सबसे शक्तिशाली तूफान आ गया था। इस तूफान के कारण अब तक 22 लोगों की जान जा चुकी है और 1,400 से अधिक लोग घायल हुए हैं। अनुमान है कि लगभग 70 प्रतिशत आबादी तूफान से प्रभावित हुई है। इस त्रासदी के कारण घरों,सरकारी इमारतों और एक अस्पतालों को भी भारी नुकसान पहुँचा है। चक्रवात चिडो से हुई तबाही के वजह से मायोट का मुख्य एयरपोर्ट नागरिक उड़ानों के लिए बंद कर दिया गया है और फिलहाल केवल सैन्य विमान ही राहत कार्यों के लिए उड़ान भर रहे हैं।
मायोट में मंगलवार को अपने 200 से अधिक स्वयंसेवकों के लापता होने पर इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस एंड रेड क्रिसेंट सोसाइटीज (आईएफआरसी) ने चिंता व्यक्त की है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आईएफआरसी ने बताया कि फ्रांसीसी विदेशी क्षेत्र मायोट को चक्रवात चिडो के कारण 220 किमी/घंटा तक की हवाओं ने बुरी तरह प्रभावित किया है। संगठन ने कहा कि इस आपदा में 200 से अधिक स्वयंसेवकों के लापता होने की आशंका है,जो राहत कार्यों में लगे हुए थे। इस स्थिति को लेकर आईएफआरसी ने मदद की अपील की और स्थिति पर नजर बनाए रखी।
फ्रांस ने इस आपदा के बाद तुरंत अपनी सेना और बचाव दल को भेजा है,साथ ही मेडिकल कर्मियों को भी प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया है। प्रभावित लोग अब पानी और आवश्यक आपूर्ति की तलाश में किराने की दुकानों के बाहर लंबी कतारों में खड़े हैं। राहत कार्यों के तहत उन्हें जीवन रक्षक सामग्री और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
चक्रवात चिडो केवल मायोट तक सीमित नहीं रहा। इस तूफान ने पड़ोसी देश मेडागास्कर को भी भारी नुकसान पहुँचाया है। इसके बाद यह तूफान मोजाम्बिक के तटीय क्षेत्रों में भी पहुँच गया है,हालाँकि मायोट पर इसका सबसे भयंकर प्रभाव पड़ा है।
भारत ने भी इस संकट की घड़ी में फ्रांस और मायोट की सरकार को पूरी सहायता और सहयोग का आश्वासन दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की ओर से हर संभव मदद का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि भारत फ्रांस के साथ खड़ा है और इस मुश्किल समय में मदद देने के लिए तैयार है।
फ्रांस और भारत के बीच इस समय घनिष्ठ संबंध हैं और ऐसे समय में दोनों देशों के बीच सहयोग और एकजुटता की आवश्यकता और भी बढ़ जाती है। चक्रवात चिडो के प्रभावों से उबरने के लिए फ्रांस के पुनर्निर्माण प्रयासों को पूरी दुनिया का समर्थन मिल रहा है।
