बरेली में जुमे की नमाज़ के बाद बढ़ा तनाव (तस्वीर क्रेडिट@Shishir107)

बरेली में जुमे की नमाज़ के बाद बढ़ा तनाव,मौलाना तौकीर रज़ा नजरबंद,सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

बरेली,27 सितंबर (युआईटीवी)- उत्तर प्रदेश के बरेली में शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद हालात अचानक तनावपूर्ण हो गए। शहर के कई इलाकों में माहौल उस समय बिगड़ता दिखा,जब कुछ लोगों ने “आई लव मोहम्मद” लिखे बैनर लगाए और इसी नारे के साथ आवाज़ें बुलंद कीं। यह घटनाक्रम तेजी से प्रशासन की नज़र में आया और स्थिति को काबू में रखने के लिए तुरंत कड़े कदम उठाए गए। इसी क्रम में इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रज़ा को नजरबंद कर दिया गया।

जानकारी के मुताबिक,मौलाना तौकीर रज़ा शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के लिए निकलने की तैयारी में थे। तभी जिला प्रशासन और पुलिस बल उनके फइक एंक्लेव स्थित आवास पर पहुँच गए और उन्हें बाहर जाने से रोक दिया। उनके घर के बाहर भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई। मौलाना ने प्रशासन के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि जैसे ही वह नमाज़ के लिए जाने वाले थे,अधिकारियों को उनकी लोकेशन की जानकारी मिल गई और तुरंत उन्हें रोकने के लिए कदम उठा लिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार मुसलमानों के खिलाफ सख्ती बरत रही है और उनकी आवाज़ को दबाने का प्रयास कर रही है।

मौलाना ने कहा कि उन्हें बेवजह रोका गया है और उनके धार्मिक कर्तव्य निभाने के अधिकार से वंचित किया गया है। उन्होंने डीएम और प्रशासनिक अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सब मुस्लिम समुदाय को दबाने की रणनीति के तहत किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को मुसलमानों की आस्था और भावनाओं को समझने के बजाय उन्हें संदेह की नज़र से देखा जा रहा है।

वहीं प्रशासन का तर्क है कि यह कदम शहर की शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है। जिला प्रशासन ने साफ किया कि शुक्रवार की नमाज़ के बाद माहौल तेजी से तनावपूर्ण हुआ,इसलिए किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचने के लिए यह जरूरी था कि हालात को तुरंत नियंत्रित किया जाए। यही वजह रही कि मौलाना तौकीर रज़ा को नजरबंद किया गया,ताकि उनकी मौजूदगी से भीड़ और उत्तेजित न हो।

पुलिस ने संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी है। आरएएफ और अतिरिक्त सुरक्षा बल को तैनात किया गया है,ताकि हालात सामान्य बनाए रखे जा सकें। शहर के कई इलाकों में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की पैनी नज़र है। लगातार निगरानी की जा रही है कि कहीं कोई भड़काऊ नारा,पोस्टर या सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाहें न फैलाई जाएँ। प्रशासन ने आम जनता से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।

इस बीच,सोशल मीडिया पर भी माहौल को देखते हुए पुलिस सतर्क हो गई है। जिला प्रशासन ने साफ किया कि अगर किसी ने भड़काऊ या सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने वाली सामग्री साझा की,तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस साइबर सेल इस मामले में निगरानी कर रही है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि जुमे की नमाज़ के बाद बैनरों और नारों की वजह से स्थिति अचानक संवेदनशील हो गई। कई लोग इसे धार्मिक भावनाओं से जुड़ा मामला बता रहे हैं,वहीं कुछ का कहना है कि इसे राजनीतिक रंग देकर जानबूझकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई। प्रशासन फिलहाल किसी भी विवाद को बढ़ने से रोकने के लिए सख्ती बरत रहा है।

गौरतलब है कि बरेली हमेशा से उत्तर प्रदेश की राजनीति और धार्मिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। मौलाना तौकीर रज़ा यहाँ की प्रभावशाली मुस्लिम नेतृत्व वाली शख्सियत माने जाते हैं। उनके नजरबंद किए जाने से समर्थकों में नाराज़गी देखी जा रही है। हालाँकि,प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह कदम किसी व्यक्तिगत विरोध के चलते नहीं,बल्कि कानून-व्यवस्था की मजबूरी में उठाया गया है।

जिला प्रशासन ने कहा है कि स्थिति पर लगातार कड़ी नज़र रखी जा रही है और अगर हालात सामान्य रहते हैं,तो धीरे-धीरे सुरक्षा बलों की संख्या कम की जाएगी। फिलहाल किसी भी प्रकार की ढिलाई बरतने का इरादा नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि शांति व्यवस्था बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है और इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएँगे।

इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि धार्मिक और राजनीतिक मुद्दों को लेकर छोटे-छोटे विवाद किस तरह शहरों के सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित कर देते हैं। जुमे की नमाज़ जैसे धार्मिक अवसर पर उठे विवाद ने प्रशासन को तुरंत सक्रिय कर दिया और यह दिखा दिया कि आज भी साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए अधिकारियों को कितनी सजगता बरतनी पड़ती है।

फिलहाल बरेली में हालात नियंत्रण में हैं,लेकिन प्रशासन और पुलिस की सतर्कता बनी हुई है। शहर के लोगों से अपील की जा रही है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखने में सहयोग करें। मौलाना तौकीर रज़ा के नजरबंद किए जाने के फैसले पर राजनीतिक हलकों में भी हलचल देखी जा रही है,लेकिन प्रशासन फिलहाल इसे पूरी तरह कानून-व्यवस्था का मामला बताते हुए अपने कदम को सही ठहरा रहा है।