नई दिल्ली, 12 सितंबर (युआईटीवी)- राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने सोमवार को खुलासा किया कि उसने जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रतिनिधियों को समायोजित करने वाले सभी स्थानों और होटलों के लिए व्यापक रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु (सीबीआरएन) कवरेज प्रदान किया था। इस महत्वपूर्ण कार्य की तैयारी के लिए लगभग 600 उच्च प्रशिक्षित एनडीआरएफ बचाव कर्मियों को ग्यारह टीमों में तैनात किया गया था, जिनमें से प्रत्येक अत्याधुनिक सीबीआरएन उपकरणों से सुसज्जित था। इसके अतिरिक्त भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित चार अत्याधुनिक हज़मत वाहनों को हाल ही में पुणे में रणनीतिक रूप से तैनात किया गया था। ये वाहन रासायनिक और विकिरण का पता लगाने और मूल्यांकन के लिए नवीनतम तकनीक से लैस थे। जिससे किसी भी संभावित सीबीआरएन खतरों का जवाब देने की तैयारी मजबूत हुई।
एनडीआरएफ ने एनडीएमए और परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) सहित अन्य हितधारकों के सहयोग से व्यापक संवेदीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए। ये कार्यक्रम दिल्ली पुलिस, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), चिकित्सा अधिकारियों, एम्बुलेंस कर्मचारियों, सुरक्षा कर्मियों, कार्यक्रम आयोजकों और होटल कर्मचारियों सहित विभिन्न संस्थाओं तक विस्तारित हुए, उन्हें संभावित खतरे के परिदृश्यों और पहले उत्तरदाताओं के रूप में उनकी भूमिकाओं के बारे में संवेदनशील बनाया गया।
इस सावधानीपूर्वक नियोजित और अच्छी तरह से क्रियान्वित तैनाती ने जी20 शिखर सम्मेलन के सफल और सुरक्षित निष्पादन को सुनिश्चित किया। यह सीबीआरएन खतरों से बचाव में शामिल सभी हितधारकों के प्रभावी सहयोग और तैयारियों का प्रमाण है।