प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज (तस्वीर क्रेडिट@narendramodi)

दक्षिण अफ्रीका में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए पहुँचे प्रधानमंत्री मोदी,भारतीय समुदाय ने किया भव्य स्वागत

नई दिल्ली,22 नवंबर (युआईटीवी)- दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित हो रहे जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुँच गए हैं,जहाँ उनका स्वागत उत्साह और भव्यता के साथ किया गया। पीएम मोदी की इस यात्रा ने न केवल कूटनीतिक रूप से महत्व प्राप्त किया है,बल्कि भारतीय समुदाय के साथ उनके मजबूत जुड़ाव को भी उजागर किया है। प्रधानमंत्री के आगमन पर बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग एकत्रित हुए,जिन्होंने पारंपरिक भारतीय रीति-रिवाजों, प्रार्थनाओं और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से उनका अभिनंदन किया।

पीएम मोदी के स्वागत समारोह में भारतीय युवाओं ने गणपति प्रार्थना और शांति मंत्र का पाठ किया। इसके अलावा,एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया,जिसमें भारत के 11 राज्यों के लोक नृत्यों का मनमोहक प्रस्तुतीकरण किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दक्षिण अफ्रीका में भारत की सांस्कृतिक विविधता और परंपराओं का संदेश पहुँचाना था। भारतीय समुदाय के इस गर्मजोशी भरे स्वागत ने पीएम मोदी की यात्रा को और भी विशेष बना दिया।

जी20 शिखर सम्मेलन में दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता इस बार कई कारणों से महत्वपूर्ण है। वर्ष 2023 में भारत ने जी20 की अध्यक्षता की थी और भारत की अध्यक्षता के दौरान ही दक्षिण अफ्रीका को सदस्यता प्रदान की गई थी। इस ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की वजह से दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हो रहा यह सम्मेलन दोनों देशों के बीच मजबूत और बढ़ते रिश्तों का एक प्रतीक भी है। प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे को इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि यह भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच बढ़ते सामरिक एवं आर्थिक सहयोग को और आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है।

जोहान्सबर्ग पहुँचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी द्विपक्षीय वार्ताओं का सिलसिला शुरू कर दिया। उनकी पहली मुलाकात ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज से हुई। दोनों नेताओं के बीच यह बैठक बेहद सकारात्मक और रचनात्मक मानी जा रही है। रक्षा और सुरक्षा,व्यापार और निवेश,ऊर्जा,शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर विस्तार से चर्चा हुई। इस मुलाकात को लेकर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए लिखा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रणनीतिक साझेदारी के पाँच वर्ष पूरे हो रहे हैं और इस अवधि में दोनों देशों के रिश्तों में कई उल्लेखनीय परिवर्तन आए हैं,जिनसे सहयोग और गहरा हुआ है।

उन्होंने यह भी बताया कि दोनों देशों के बीच विशेष रूप से तीन क्षेत्रों—डिफेंस एवं सिक्योरिटी,न्यूक्लियर एनर्जी और ट्रेड में सहयोग बढ़ाने की अपार संभावनाएँ मौजूद हैं। इसके अलावा बातचीत में शिक्षा और सांस्कृतिक लेन-देन जैसे विषयों पर भी विचार-विमर्श किया गया,जिससे आने वाले वर्षों में भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को नई दिशा मिलने की संभावना है।

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने दक्षिण अफ्रीका की प्रमुख टेक एवं निवेश कंपनी नैस्पर्स के चेयरमैन कूस बेकर और ग्रुप सीईओ फैब्रिसियो ब्लोसी से भी भेंट की। यह बैठक निवेश को और गहरा करने तथा भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तकनीकी साझेदारी को मजबूत बनाने पर केंद्रित रही। नैस्पर्स का भारत के डिजिटल और स्टार्टअप सेक्टर में लंबा निवेश इतिहास है और पीएम मोदी की इस मुलाकात से दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और गति मिलने की उम्मीद है।

इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले भारतीय मूल के समुदायों के सदस्यों से भी बातचीत की। ये लोग विभिन्न सामाजिक,सांस्कृतिक और सामुदायिक संगठनों से जुड़े हुए हैं और कई क्षेत्रों में सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। भारतीय समुदाय के सदस्यों ने प्रधानमंत्री के साथ अपने अनुभव साझा किए और भारत के विकास,खास तौर पर डिजिटल इंडिया,हेल्थकेयर,शिक्षा और कृषि क्षेत्र में हुए बदलावों की सराहना की। इस मुलाकात में समुदाय के सदस्यों ने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच बढ़ते रिश्तों की तारीफ की और भविष्य में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की।

चिन्मय मिशन साउथ अफ्रीका की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को एक विशेष उपहार भी भेंट किया गया। मिशन ने पीएम मोदी को दो कलश सौंपे,जिनमें भारत और दक्षिण अफ्रीका में उगाई गई अलग-अलग प्रजातियों के अन्न और मिलेट्स शामिल थे। यह प्रतीकात्मक उपहार भारत-दक्षिण अफ्रीका के सांस्कृतिक और कृषि संबंधों का प्रतिनिधित्व करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि इन कलशों को डरबन के अन्नपूर्णा देवी मंदिर में स्थापित किया जाएगा,जिससे यह दोनों देशों की सांस्कृतिक विरासत का स्थायी प्रतीक बन जाएगा।

इसके अलावा,प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय मूल के तकनीकी उद्यमियों से भी मुलाकात की। इन उद्यमियों ने फिनटेक,सोशल मीडिया,कृषि तकनीक,शिक्षा,स्वास्थ्य सेवाएँ,मेडिकल उपकरण और अन्य क्षेत्रों में अपने कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। यह मुलाकात इसलिए खास रही क्योंकि भारत और दक्षिण अफ्रीका दोनों तेजी से विकसित होती डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं के केंद्र में हैं। उद्यमियों ने पीएम मोदी को बताया कि किस प्रकार वे टेक्नोलॉजी के माध्यम से सामाजिक और आर्थिक बदलाव लाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

पीएम मोदी की यह दक्षिण अफ्रीका यात्रा न केवल जी20 शिखर सम्मेलन के लिए खास है,बल्कि यह भारतीय समुदाय के साथ उनके गहरे जुड़ाव,वैश्विक नेतृत्व में भारत की बढ़ती भूमिका और द्विपक्षीय संबंधों के सुदृढ़ीकरण का भी प्रतीक है। आने वाले दिनों में जी20 के मंच पर प्रधानमंत्री मोदी भारत की वैश्विक दृष्टि और प्राथमिकताओं को दुनिया के सामने रखेंगे,जिससे वैश्विक दक्षिण की आवाज और मजबूत होने की उम्मीद है।