गाजा,30 सितंबर (युआईटीवी)- गाजा पट्टी में लंबे समय से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक नई पहल सामने आई है। कतर और मिस्र की मध्यस्थता में हमास को अमेरिका समर्थित शांति प्रस्ताव सौंपा गया है। इस प्रस्ताव का उद्देश्य न केवल युद्ध को विराम देना है,बल्कि मानवीय संकट को भी कम करना और भविष्य के लिए स्थायी शांति का मार्ग प्रशस्त करना है। हमास ने इस प्रस्ताव पर अभी आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है,लेकिन संगठन के सूत्रों ने संकेत दिया है कि वे इसे गंभीरता से अध्ययन कर रहे हैं और फिर ही कोई औपचारिक रुख प्रस्तुत करेंगे।
सूत्रों के अनुसार,दोहा में कतर के प्रधानमंत्री और मिस्र की जनरल इंटेलिजेंस सर्विस के प्रमुख ने हमास के वार्ताकारों के साथ बैठक की और यह प्रस्ताव उन्हें सौंपा। इस दौरान हमास प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि वे जल्दबाज़ी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहते और पहले सभी बिंदुओं का अध्ययन कर उसके बाद ही प्रतिक्रिया देंगे। इस बैठक से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच दोहा में वार्ता हुई थी,जिसमें नेतन्याहू ने इस प्रस्ताव को समर्थन देने पर सहमति जताई थी।
मिस्र के अल कहेरा न्यूज टीवी ने भी पुष्टि की है कि अमेरिकी शांति प्रस्ताव हमास को सौंप दिया गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इस प्रस्ताव को हमास के सामने पेश करने से पहले मिस्र और अन्य अरब देशों ने इसमें कई संशोधन किए,ताकि यह सभी पक्षों को स्वीकार्य हो सके। इस प्रस्ताव का सबसे अहम पहलू यह है कि यदि हमास इसे मान लेता है,तो उसे 72 घंटों के भीतर सभी बंधकों को रिहा करना होगा। ट्रंप ने खुद इस बात की पुष्टि करते हुए हमास से शर्तें स्वीकार करने और शांति प्रक्रिया में भागीदारी का आह्वान किया।
फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने भी इस पहल का स्वागत किया है। सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक,प्राधिकरण ने कहा है कि यह योजना गाजा में पर्याप्त मानवीय सहायता सुनिश्चित करने,बंधकों और कैदियों की रिहाई कराने और फिलिस्तीनी जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्राधिकरण ने यह भी कहा कि वह अमेरिका,क्षेत्रीय देशों और अन्य अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के साथ मिलकर गाजा युद्ध को समाप्त करने और एक व्यापक समझौते की दिशा में काम करने को तैयार है।
इस प्रस्ताव को लेकर केवल फिलिस्तीनी प्राधिकरण ही नहीं,बल्कि कई क्षेत्रीय और इस्लामी देशों ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। सऊदी अरब,जॉर्डन,संयुक्त अरब अमीरात,इंडोनेशिया,पाकिस्तान,तुर्किए,कतर और मिस्र के विदेश मंत्रियों ने सोमवार देर रात एक संयुक्त बयान जारी कर अमेरिकी पहल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव गाजा में जारी हिंसा को समाप्त करने,विस्थापन की समस्या को रोकने और वहाँ के पुनर्निर्माण की दिशा में एक ठोस आधार प्रदान करता है। मंत्रियों ने जोर देकर कहा कि अब समय आ गया है कि फिलिस्तीनी जनता को अप्रतिबंधित मानवीय सहायता मिले और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
संयुक्त बयान में गाजा से इजरायल की पूर्ण वापसी,बंधकों की रिहाई और गाजा तथा पश्चिमी तट को अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुरूप एकीकृत करने की बात भी कही गई। इन देशों ने दो-राज्य समाधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और अमेरिका के साथ मिलकर आगे की राह तय करने पर सहमति जताई। इस पहल को महत्वपूर्ण इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि इसमें क्षेत्रीय ताकतें और अमेरिका दोनों एक साझा मंच पर आकर शांति की दिशा में काम करने को तैयार दिखाई दे रहे हैं।
हालाँकि,इस पूरे घटनाक्रम में सबसे अहम भूमिका हमास की होगी। हमास पर दबाव लगातार बढ़ रहा है क्योंकि गाजा में आम नागरिकों की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। युद्ध और बमबारी से बुनियादी ढाँचे का बड़ा हिस्सा नष्ट हो चुका है,अस्पताल और राहत सेवाएँ चरमराई हुई हैं और लाखों लोग मानवीय संकट का सामना कर रहे हैं। ऐसे में यदि हमास प्रस्ताव को ठुकराता है,तो न केवल क्षेत्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उसकी आलोचना और अलग-थलग पड़ने की संभावना और बढ़ जाएगी।
विश्लेषकों का मानना है कि इस बार का प्रस्ताव पहले की कोशिशों से अलग है। एक ओर जहाँ इसमें इजरायल ने सहमति जताई है,वहीं दूसरी ओर अरब देशों की सक्रिय भागीदारी भी दिखाई दे रही है। इससे यह उम्मीद बंधी है कि अगर हमास सकारात्मक प्रतिक्रिया देता है,तो गाजा में युद्धविराम संभव हो सकता है।
ट्रंप ने अपने बयान में कहा था कि गाजा में व्यापक शांति केवल बातचीत और समझौते से संभव है। उन्होंने हमास को चेतावनी भी दी कि अगर उसने इस अवसर को गंवाया,तो आगे की राह उसके लिए और मुश्किल हो जाएगी। वहीं,नेतन्याहू ने भी इस प्रस्ताव को समर्थन देकर संकेत दिया है कि इजरायल अब लंबे संघर्ष की बजाय किसी ठोस समझौते की ओर बढ़ना चाहता है।
अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी इस पहल को सराहना मिल रही है। संयुक्त राष्ट्र के कई अधिकारी पहले ही गाजा में युद्धविराम की माँग कर चुके हैं। अब जबकि अमेरिका, अरब देश और इजरायल एक साझा प्रस्ताव पर सहमत हैं,तो वैश्विक समुदाय की नजर हमास पर टिकी है।
गाजा युद्धविराम की इस नई कोशिश ने शांति की उम्मीदों को फिर से जगा दिया है। यदि हमास इस प्रस्ताव को स्वीकार करता है और 72 घंटों में बंधकों को रिहा कर देता है,तो यह न केवल तत्काल हिंसा को रोक सकता है,बल्कि गाजा के पुनर्निर्माण और फिलिस्तीनी जनता के भविष्य के लिए भी एक नई राह खोल सकता है। क्षेत्रीय देशों की सक्रिय भूमिका और अमेरिका की प्रतिबद्धता ने इस प्रस्ताव को एक मजबूत आधार दिया है। अब देखना होगा कि हमास किस दिशा में कदम बढ़ाता है,क्या वह शांति की ओर बढ़ेगा या फिर एक बार फिर से संघर्ष के चक्र को जारी रखेगा।