सोना और चाँदी ने दर्ज किए नए रिकॉर्ड

भू-राजनीतिक तनाव और कमजोर डॉलर के बीच सोना और चाँदी ने दर्ज किए नए रिकॉर्ड

मुंबई,16 अक्टूबर (युआईटीवी)- गुरुवार को सोने और चाँदी की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखी गई,जो बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच निवेशकों द्वारा सुरक्षित निवेश के लिए पीली और चाँदी जैसी धातुओं की ओर रुख करने का परिणाम है। इस दौरान सोने और चाँदी दोनों ही वायदा बाजार में नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गए। निवेशक कम जोखिम वाले परिसंपत्तियों की ओर शिफ्ट हो रहे हैं और इससे पीली धातु की माँग बढ़ी है।

एमसीएक्स पर सोना दिसंबर वायदा लगभग 1,200 रुपए या 1 प्रतिशत बढ़कर 1,28,395 रुपए प्रति 10 ग्राम के नए उच्च स्तर पर पहुँच गया। वहीं, चाँदी दिसंबर वायदा 1,900 रुपए से अधिक की तेजी के साथ 1,64,150 रुपए प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गई। सुबह के कारोबार में सोना वायदा 0.60 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,27,960 रुपए प्रति 10 ग्राम पर था,जबकि चाँदी वायदा 1 प्रतिशत बढ़कर 1,63,812 रुपए प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रहा था।

विदेशी बाजार में भी सोने का रुझान सकारात्मक रहा। शुरुआती कारोबार में हाजिर सोना 0.4 प्रतिशत बढ़कर 4,224.79 डॉलर प्रति औंस हो गया,जबकि दिसंबर डिलीवरी के लिए अमेरिकी सोना वायदा 0.9 प्रतिशत की तेजी के साथ 4,239.70 डॉलर प्रति औंस पर पहुँच गया। विशेषज्ञों का कहना है कि कम ब्याज दरों के दौर में सोना अच्छा प्रदर्शन करता है और इस साल अब तक इसकी कीमत में 61 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

इस तेजी में अमेरिकी डॉलर की कमजोरी भी एक महत्वपूर्ण कारक रही। डॉलर सूचकांक 0.1 प्रतिशत गिरकर एक सप्ताह के निचले स्तर के आसपास रहा,जिससे अन्य मुद्राओं में सोना सस्ता हुआ और यह विदेशी निवेशकों के लिए और अधिक आकर्षक हो गया। कमजोर डॉलर और भू-राजनीतिक तनाव ने मिलकर निवेशकों को सोने और चाँदी जैसी सुरक्षित संपत्तियों की ओर मोड़ दिया है।

भू-राजनीतिक तनाव के संदर्भ में,अमेरिकी अधिकारियों ने बुधवार को चीन की ओर से रेयर अर्थ मटेरियल पर लगाए गए विस्तारित निर्यात नियंत्रणों की आलोचना की। अमेरिका ने इसे वैश्विक सप्लाई चेन के लिए खतरा बताया और संभावित जवाबी कार्रवाई का संकेत भी दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन के इस कदम ने निवेशकों के मन में अनिश्चितता पैदा कर दी है और यही कारण है कि सोने और चाँदी में तेजी जारी है।

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चल रही घटनाओं के अलावा,अमेरिका में आर्थिक आँकड़ों को लेकर भी बाजार में सतर्कता दिखाई दे रही है। इस सप्ताह के अंत में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) और खुदरा बिक्री जैसे कई महत्वपूर्ण आँकड़ें जारी होने हैं। हालाँकि,अगर अमेरिकी शटडाउन जारी रहता है,तो रोजगार और अन्य आर्थिक आँकड़ों के साथ ही ये आँकड़ें भी पोस्टपोन हो सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इन आँकड़ों की देरी से भी सोने और चाँदी की कीमतों पर असर पड़ सकता है।

विशेषज्ञों ने कहा कि भू-राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और कमजोर डॉलर के कारण सोने और चाँदी दोनों में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में तेजी देखी जा रही है। इसके अलावा,अमेरिका और चीन के बीच बढ़ती व्यापारिक और तकनीकी तनाव की वजह से भी निवेशक सुरक्षित परिसंपत्तियों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

सोने और चाँदी के निवेशकों के लिए यह समय लाभकारी साबित हो रहा है,क्योंकि कीमतें लगातार उच्च स्तर पर बनी हुई हैं। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशक इस समय सोने और चाँदी को सुरक्षित विकल्प के रूप में देख रहे हैं,खासकर तब जब वैश्विक बाजार में अनिश्चितताएँ बढ़ रही हैं और डॉलर कमजोर हो रहा है।

कुल मिलाकर,गुरुवार को सोना और चाँदी की बढ़ती कीमतें वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक परिस्थितियों का सीधा परिणाम हैं। अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद,डॉलर में कमजोरी,चीन की रेयर अर्थ मटेरियल नीति और अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते तनाव ने निवेशकों को पीली और चाँदी जैसी सुरक्षित धातुओं की ओर मोड़ दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में यदि आर्थिक और भू-राजनीतिक अनिश्चितताएँ बनी रहती हैं,तो सोने और चाँदी की कीमतों में और उछाल देखने को मिल सकता है।

इस दौरान निवेशकों को यह ध्यान रखने की सलाह दी जा रही है कि बाजार में तेजी के बावजूद अनिश्चितताओं को नजरअंदाज न किया जाए। सुरक्षित निवेश की प्रवृत्ति जारी रह सकती है,लेकिन मूल्य उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना आवश्यक है। गुरुवार की रिकॉर्ड तेजी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सोना और चाँदी अब सिर्फ निवेश के साधन नहीं,बल्कि भू-राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता के समय में सुरक्षा का प्रतीक बन गई हैं।