गोवा हादसा (तस्वीर क्रेडिट@sunilpa06696742)

गोवा अरपोरा हादसा: क्लब मालिक सौरभ और गौरव लूथरा पर लुकआउट नोटिस जारी,गिरफ्तारी के लिए बहु-राज्य कार्रवाई तेज

गोवा,8 दिसंबर (युआईटीवी)- गोवा के अरपोरा में शनिवार और रविवार की दरमियानी रात हुए भयावह हादसे के बाद पुलिस ने नाइट क्लब के फरार मालिक सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है। हादसे में आग लगने के कारण कई लोगों की जान और माल को भारी नुकसान हुआ,जिसके बाद पुलिस और फायर डिपार्टमेंट की संयुक्त जाँच जारी है। घटना के तुरंत बाद ही क्लब मालिकों पर गैर-इंदितन हत्या सहित कई गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी,लेकिन दोनों आरोपी घटना के बाद से ही फरार हैं। गोवा पुलिस की मानें तो दोनों आरोपियों ने राज्य छोड़ दिया है और देश से बाहर जाने की कोशिश में हैं,जिसे ध्यान में रखते हुए लुकआउट नोटिस जारी करना आवश्यक समझा गया।

पुलिस ने दोनों क्लब मालिकों की तस्वीरें देश के सभी एयरपोर्ट,प्रमुख चेक पोस्ट और थानों में भेज दी हैं,ताकि वे किसी भी तरह देश की सीमा पार न कर सकें। गोवा पुलिस अधिकारियों के अनुसार,सौरभ और गौरव लगातार अपनी लोकेशन बदल रहे हैं,जिससे उनके मूवमेंट को ट्रैक करना चुनौतीपूर्ण हो रहा है। इस बीच पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी के लिए कई अलग-अलग टीमों का गठन किया है,जो न सिर्फ गोवा,बल्कि अन्य राज्यों में भी इनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं। अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया जाएगा।

गोवा के पुलिस महानिदेशक ने पहले ही पुष्टि कर दी थी कि क्लब के दोनों मालिकों, मैनेजर,निवेशकों और अन्य संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज हो चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि क्लब से जुड़े कुछ लोगों को पहले ही हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। हालाँकि,क्लब मालिक दोनों भाई फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं,जिनकी तलाश जारी है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जाँच में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आग किस कारण लगी,लेकिन यह जाँच का मुख्य विषय है और पुलिस तथा फायर डिपार्टमेंट की विशेषज्ञ टीम संयुक्त रूप से इसकी तह तक पहुँचने की कोशिश कर रही है।

हादसे के बाद जो गिरफ्तारियाँ हुई हैं,उनमें क्लब के चार मैनेजर शामिल हैं। इन सभी को रविवार देर रात बारदेज की जिला अदालत में पेश किया गया,जहाँ कोर्ट ने उन्हें छह दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया। पुलिस का कहना है कि इन मैनेजरों से हादसे के समय की गतिविधियों,सुरक्षा प्रोटोकॉल के पालन और क्लब में मौजूद इलेक्ट्रॉनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की संभावना है। इसी के साथ यह भी जाँच की जा रही है कि क्या क्लब में कानूनी मानकों का पालन किया गया था या नहीं।

गोवा पुलिस ने दिल्ली पुलिस के सहयोग से इस मामले में एक और व्यक्ति भोला को भी हिरासत में लिया है। पुलिस का मानना है कि भोला का क्लब के मालिक सौरभ और गौरव लूथरा से सीधा संबंध है और वह फरार आरोपियों के मूवमेंट,वित्तीय लेन-देन या हादसे से पहले की परिस्थितियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दे सकता है। दिल्ली पुलिस भी इस मामले में गोवा पुलिस के साथ तालमेल बनाकर काम कर रही है। भोला को हिरासत में लेने के लिए गोवा से एक विशेष टीम दिल्ली गई थी और अब उसे पूछताछ के लिए वापस गोवा लाया जा रहा है।

इसके साथ ही क्लब के संचालन के लिए जिम्मेदार एक अन्य अधिकारी को भी हिरासत में लिया गया है,जिससे क्लब के दैनिक संचालन,सुरक्षा उपायों और स्टाफ की जिम्मेदारियों से जुड़ी जानकारी ली जा रही है। पुलिस यह जाँचने में जुटी है कि क्लब में भीड़ नियंत्रण से लेकर इमरजेंसी निकासी तक सभी कानूनी नियमों और सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था या नहीं। कई प्रारंभिक संकेतों में यह सामने आया है कि क्लब के अंदर सुरक्षा के मानक पर्याप्त नहीं थे और इमरजेंसी के दौरान निकासी के रास्तों को लेकर कई अनियमितताएँ सामने आई हैं।

हादसे की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर शोक जताया और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से पीड़ितों को अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी आधिकारिक पोस्ट में कहा गया कि हादसे में जान गंवाने वाले प्रत्येक पीड़ित के परिवार को 2 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी,जबकि घायल लोगों को 50,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। यह घोषणा पीड़ित परिवारों को तत्काल राहत प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है।

हादसे के बाद से स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर नाइट क्लबों की सुरक्षा ऑडिट और नियमित जाँच कितनी प्रभावी है। चश्मदीदों की मानें तो क्लब के अंदर भीड़ अधिक थी और आग लगने के बाद अफरातफरी फैल गई,लेकिन बचाव कार्यों के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी। इसे लेकर राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने क्लब मालिकों की लापरवाही के साथ-साथ प्रशासनिक ढिलाई पर भी सवाल उठाए हैं।

जाँच एजेंसियाँ अब यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्लब को दिए गए लाइसेंस में कोई अनियमितता तो नहीं थी और क्या क्लब ने अपनी क्षमता से अधिक भीड़ को अंदर प्रवेश कराया था। घटना के समय क्लब में मौजूद सुरक्षा कर्मियों और स्टाफ से भी पूछताछ की जा रही है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि आग लगने पर तुरंत क्या कदम उठाए गए थे और क्या फायर सुरक्षा उपकरण सही तरीके से काम कर रहे थे।

फिलहाल गोवा पुलिस पूरे मामले में तेजी से कार्रवाई कर रही है और फरार क्लब मालिकों को गिरफ्तार करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इस हाई-प्रोफाइल केस ने न केवल गोवा के नाइटलाइफ़ पर सवाल खड़े किए हैं,बल्कि पूरे देश में मनोरंजन स्थलों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाई है। अगले कुछ दिनों में जैसे-जैसे जाँच आगे बढ़ेगी,यह स्पष्ट होगा कि इस हादसे की वास्तविक वजह क्या थी और क्या यह महज एक दुर्घटना थी या गंभीर लापरवाही का परिणाम।