नई दिल्ली,10 दिसंबर (युआईटीवी)- गोवा के अरपोरा स्थित प्रसिद्ध नाइट क्लब ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ में हाल ही में हुए भयावह अग्निकांड मामले में जाँच तेजी से आगे बढ़ रही है। इस दुर्घटना में कई लोगों की जान गई थी और राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्रीय एजेंसियाँ भी इस मामले को गंभीरता से देख रही हैं। इसी क्रम में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। क्लब के मालिक लूथरा ब्रदर्स—गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा के खिलाफ इंटरपोल ने ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया है। यह नोटिस घटना के महज दो दिन के भीतर जारी हुआ,जो आम तौर पर बहुत कम देखने को मिलता है। आमतौर पर ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी होने में एक हफ्ते या उससे अधिक समय लगता है,लेकिन गोवा पुलिस की सक्रियता और केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से प्रक्रिया बेहद तेज़ी से पूरी हुई।
अग्निकांड के बाद से ही क्लब के दोनों मालिक फरार थे। पुलिस को प्रारंभिक जाँच में पता चला कि आग लगने के तुरंत बाद दोनों भाई देश से भागने की फिराक में थे और उन्होंने रविवार सुबह करीब 5:30 बजे थाईलैंड के फुकेट के लिए इंडिगो की फ्लाइट पकड़ी। यह कदम उन्होंने संभवतः गिरफ्तारी और पूछताछ से बचने के उद्देश्य से उठाया। पुलिस को शक है कि दोनों फिलहाल फुकेट में छिपे हुए हैं। इंटरपोल द्वारा जारी ब्लू कॉर्नर नोटिस उनके लोकेशन को ट्रेस करने में अहम भूमिका निभाएगा और उन्हें आगे किसी अन्य देश में जाने से भी रोकेगा।
ब्लू कॉर्नर नोटिस मूल रूप से किसी भी फरार आरोपी की गतिविधियों,यात्रा विवरण और वर्तमान लोकेशन की जानकारी जुटाने में मदद करता है। इसके जरिए उस देश को अलर्ट किया जाता है,जहाँ आरोपी मौजूद हो सकता है या जहाँ उसके जाने की संभावना हो। इस नोटिस के बाद अब थाईलैंड समेत कई देशों की एजेंसियाँ लूथरा ब्रदर्स की गतिविधियों पर नजर रखेंगी,जिससे उनके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को भी आसानी होगी।
इसी बीच,अग्निकांड मामले में एक और आरोपी को हिरासत में लिया गया है। दिल्ली से पकड़े गए अजय गुप्ता के खिलाफ पहले से ही लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। जब पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए उसके घर पहुँची,तो वह वहाँ से फरार मिला,जिसके बाद पुलिस ने उसकी तलाश तेज कर दी। आखिरकार राष्ट्रीय राजधानी में उसे ट्रैक कर हिरासत में लिया गया। फिलहाल उसे औपचारिक तौर पर गिरफ्तार किए जाने से पहले कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। गुप्ता को जल्द ही गोवा लाया जाएगा,जहाँ उससे पूछताछ की जाएगी।
इस मामले में अब तक छह लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है और पाँच लोगों को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में क्लब के चीफ जनरल मैनेजर राजीव मोदक,जनरल मैनेजर विवेक सिंह,बार मैनेजर राजीव सिंघानिया,गेट मैनेजर रियांशु ठाकुर और एक कर्मचारी भरत कोहली शामिल हैं। इन सभी पर लापरवाही,सुरक्षा मानकों की अनदेखी और अवैध निर्माण जैसे आरोप लगाए गए हैं,जिनके चलते इतनी बड़ी त्रासदी हुई।
जाँच में सामने आया है कि क्लब में फायर सेफ्टी मानकों का गंभीर उल्लंघन किया गया था। इमारत में पर्याप्त निकासी मार्ग नहीं थे,अग्निशमन उपकरण या तो मौजूद नहीं थे या सही हालत में नहीं थे। क्लब में वहाँ की क्षमता से अधिक भीड़ मौजूद थी और अंदर ज्वलनशील सजावट सामग्री का अत्यधिक उपयोग किया गया था,जिसने आग को तेजी से फैलने में मदद की। अधिकारियों ने यह भी बताया कि क्लब के कुछ हिस्सों में बिना अनुमति के निर्माण कार्य किए गए थे,जिनकी वजह से हादसा और भयावह रूप ले सका।
पुलिस की जाँच में यह भी सामने आया कि आग लगने के बाद क्लब से जुड़े कई जिम्मेदार लोग मौके से फरार हो गए और बचाव कार्य में सहयोग नहीं किया। इससे कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी,लेकिन अव्यवस्था और प्रबंधन की घोर लापरवाही ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। इसी लापरवाही ने मालिकों और प्रबंधकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग को और मजबूत किया है।
राज्य सरकार ने इस मामले में विशेष जाँच दल (एसआईटी) का गठन किया है,जो हर पहलू की गहन जाँच कर रहा है। आरोपियों के खिलाफ धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308, 337, 338 और अन्य गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। मुख्यमंत्री ने भी स्पष्ट किया है कि इस घटना के जिम्मेदार चाहे कितने भी प्रभावशाली लोग हों,उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
गोवा जैसे पर्यटन प्रधान राज्य में इस तरह की घटना ने सुरक्षा तैयारियों और प्रशासनिक व्यवस्था पर कई सवाल खड़े किए हैं। सरकार ने राज्यभर के नाइट क्लबों,रेस्तरां और बार की फायर सेफ्टी जाँच का आदेश भी दे दिया है,ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी दोबारा न हो।
अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि इंटरपोल के ब्लू कॉर्नर नोटिस के बाद लूथरा ब्रदर्स की गिरफ्तारी कब होती है। पुलिस को उम्मीद है कि अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से उन्हें जल्द ही भारत लाया जाएगा,ताकि अग्निकांड की पूरी सच्चाई सामने आ सके और पीड़ितों को न्याय मिल सके।
