गूगल एआई

गूगल ने लॉन्च किया हिंदी में एआई मोड,अब सर्च अनुभव होगा और भी आसान

नई दिल्ली,9 सितंबर (युआईटीवी)- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल आज पूरी दुनिया में तेज़ी से बढ़ रहा है। जीवन के लगभग हर क्षेत्र में इसका दखल दिखाई देने लगा है,चाहे शिक्षा हो,स्वास्थ्य सेवाएँ हों,व्यवसाय हो या फिर रोज़मर्रा की ऑनलाइन गतिविधियाँ। इसी क्रम में अब टेक्नोलॉजी की दिग्गज कंपनी गूगल ने अपने लोकप्रिय प्लेटफॉर्म गूगल सर्च में हिंदी भाषा के लिए एआई मोड की शुरुआत की है। यह सुविधा अब वैश्विक स्तर पर सभी हिंदी उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध होगी और इसका सीधा लाभ करोड़ों लोगों को मिलेगा।

कंपनी की ओर से जानकारी दी गई कि इस अपडेट के बाद अब यूजर्स हिंदी में भी लंबे,जटिल और हल्के-फुल्के सवाल पूछ सकेंगे और गूगल उन्हें उतने ही सहज और स्पष्ट ढंग से हिंदी में उत्तर देगा। अब तक एआई मोड मुख्यतः अँग्रेजी में उपलब्ध था,जिसे भारत सहित दुनिया भर में उपयोगकर्ताओं से शानदार प्रतिक्रिया मिली। इसी सकारात्मक अनुभव के आधार पर गूगल ने अगला कदम बढ़ाते हुए हिंदी में भी इस फीचर की शुरुआत की है।

गूगल की प्रोडक्ट मैनेजमेंट की उपाध्यक्ष हेमा बुधराजु ने इस लॉन्च पर उत्साह व्यक्त करते हुए कहा कि गूगल एआई सर्च को और भी उपयोगी और सरल बना रहा है। उनके अनुसार अब गूगल पर किसी भी सवाल का जवाब खोजना पहले से कहीं अधिक आसान होगा। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी में एआई मोड लॉन्च करना केवल एक अनुवाद प्रक्रिया भर नहीं है,बल्कि यह स्थानीय ज्ञान और संदर्भ को गहराई से समझने की दिशा में एक बड़ा कदम है। एआई को केवल शब्दों को समझना ही नहीं बल्कि उनकी वास्तविक भावना,संदर्भ और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि को भी पहचानना पड़ता है। यही कारण है कि गूगल ने अपने उन्नत जेमिनी 2.5 मॉडल की मदद से इस फीचर को और अधिक सटीक एवं विश्वसनीय बनाया है।

एआई मोड की सबसे खास बात यह है कि यह ऐसे प्रश्नों का भी उत्तर देने के लिए तैयार है जिनके लिए सामान्यत: उपयोगकर्ताओं को कई बार सर्च करना पड़ता है। उदाहरण के तौर पर अगर कोई व्यक्ति पूछे कि “रात में खिलने वाले फूलों के लिए कौन-सा वातावरण उपयुक्त है और उन्हें घरेलू बागवानी में कैसे लगाया जाए”, तो एआई मोड केवल सामान्य फूलों की सूची नहीं देगा,बल्कि यह उन फूलों की प्रकृति,उनकी देखभाल,आवश्यक मिट्टी,सिंचाई और वातावरणीय परिस्थितियों के आधार पर विस्तृत और अनुकूलित सुझाव प्रस्तुत करेगा। यह दर्शाता है कि एआई मोड अब केवल तथ्यात्मक उत्तर तक सीमित नहीं है,बल्कि उपयोगकर्ता की ज़रूरतों और संदर्भ के अनुसार व्यावहारिक समाधान भी प्रस्तुत करता है।

गूगल ने यह भी स्पष्ट किया कि हिंदी में एआई मोड की शुरुआत से उपयोगकर्ताओं को सूचना तक पहुँचना और भी आसान होगा। यह सुविधा उन करोड़ों लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगी,जो अँग्रेजी के बजाय अपनी मातृभाषा हिंदी में इंटरनेट का उपयोग करना पसंद करते हैं। इससे न केवल उनके सर्च अनुभव में सुधार होगा,बल्कि उन्हें जानकारी अपनी पसंदीदा भाषा में अधिक सहजता से मिल सकेगी। गूगल का मानना है कि भाषा की बाधा को खत्म करके तकनीक को और अधिक समावेशी बनाया जा सकता है और इसी सोच के साथ यह कदम उठाया गया है।

गूगल की टीम का कहना है कि एआई मोड के जरिए सर्च को एक व्यक्तिगत अनुभव में बदलने की कोशिश की जा रही है। अब यह केवल सवाल-जवाब तक सीमित नहीं रहेगा,बल्कि यूजर की पसंद और ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए उत्तर देगा। उदाहरण के लिए,अगर कोई व्यक्ति हिंदी में यात्रा संबंधी प्रश्न पूछता है,तो एआई मोड उसे केवल गंतव्य का नाम नहीं बताएगा,बल्कि वहाँ जाने के बेहतरीन समय,मौसम की स्थिति,स्थानीय संस्कृति,रहने और खाने की सुविधाओं जैसे पहलुओं पर भी प्रकाश डालेगा। इस तरह यह उपयोगकर्ताओं को अधिक गहराई और व्यापकता के साथ जानकारी देगा।

तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि गूगल का यह कदम हिंदी भाषी समुदाय के लिए डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा बदलाव लाएगा। भारत जैसे देश में, जहाँ इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है और उनमें से अधिकांश हिंदी या अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में जानकारी तलाशना पसंद करते हैं,वहाँ हिंदी एआई मोड निश्चित रूप से गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

इस लॉन्च से एक और बड़ा फायदा यह होगा कि लोग झूठी या अधूरी जानकारी के बजाय अधिक विश्वसनीय और संतुलित उत्तर पा सकेंगे। एआई मोड अपने उन्नत तर्क और संदर्भ समझने की क्षमता के जरिए ऐसे उत्तर देता है,जो केवल सतही न होकर गहराई में जाकर समस्या का समाधान प्रस्तुत करते हैं।

गूगल का यह कदम केवल एक तकनीकी अपडेट नहीं,बल्कि हिंदी भाषी दुनिया के लिए एक बड़ा तोहफ़ा है। यह सुविधा हिंदी उपयोगकर्ताओं को वैश्विक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर और अधिक सशक्त बनाएगी और उनके लिए इंटरनेट का अनुभव कहीं ज्यादा सहज,उपयोगी और प्रभावी हो जाएगा। गूगल का यह निर्णय स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि भविष्य की तकनीक केवल अंग्रेज़ी तक सीमित नहीं होगी,बल्कि स्थानीय भाषाओं और सांस्कृतिक संदर्भों को भी उतनी ही प्राथमिकता दी जाएगी।

इस तरह कहा जा सकता है कि हिंदी में एआई मोड की शुरुआत से गूगल ने न केवल सर्च अनुभव को एक नए स्तर पर पहुँचाया है,बल्कि लाखों-करोड़ों हिंदी भाषी उपयोगकर्ताओं को डिजिटल दुनिया से और गहराई से जोड़ने का रास्ता भी खोल दिया है।