इंडियन ऑयल

गुजरात के ज्योति-1 कुएँ से इंडियन ऑयल ने शुरू किया कच्चे तेल का उत्पादन,भारत की ऊर्जा सुरक्षा में बढ़ेगी मजबूती

नई दिल्ली,17 नवंबर (युआईटीवी)- इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने देश की ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए गुजरात के ज्योति-1 तेल कुएँ से कच्चे तेल का उत्पादन शुरू कर दिया है। सोमवार को जारी आधिकारिक जानकारी में कंपनी ने पुष्टि की कि 14 नवंबर 2025 से ब्लॉक सीबी-ओएनएन-2005/9 के तहत स्थित इस कुएँ से औपचारिक रूप से उत्पादन आरंभ हो गया है। यह उपलब्धि न सिर्फ इंडियन ऑयल के अपस्ट्रीम सेक्टर में बढ़ते कदमों को दर्शाती है,बल्कि भारत की ऊर्जा स्वावलंबन यात्रा में भी एक नई ऊर्जा भरती है।

केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को साझा करते हुए कहा कि गुजरात के ज्योति-1 कुएँ से उत्पादन की शुरुआत छोटी जरूर है,लेकिन भारत की अपस्ट्रीम क्षमताओं में यह एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए इसे इंडियन ऑयल के लिए निर्णायक क्षण बताया,जो अब अपस्ट्रीम यानी तेल और गैस की खोज और उत्पादन क्षेत्र में अपनी उपस्थिति मजबूत कर रहा है।

पुरी ने कहा कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि घरेलू स्तर पर तेल उत्पादन का विस्तार भारत को कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करने में मदद करेगा,जिससे ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता को मजबूती मिलेगी। उनकी मानें तो यह शुरुआत उन बड़े लक्ष्यों का हिस्सा है,जिनके तहत सरकार घरेलू प्राकृतिक संसाधनों का अनुकूलन कर रही है और ऊर्जा स्वावलंबन की दिशा में निरंतर प्रगति कर रही है।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि इस उपलब्धि के पीछे पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय,हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के बीच हुए समन्वित प्रयासों की अहम भूमिका रही है। उन्होंने इस उपलब्धि से जुड़ी टीमों को बधाई देते हुए कहा कि यह प्रोजेक्ट भविष्य में भारत की अपस्ट्रीम परियोजनाओं के विकास को गति देने का काम करेगा।

ज्योति-1 कुएँ से उत्पादन की शुरुआत ऐसे समय में हुई है,जब भारत सरकार ऊर्जा सुरक्षा को लेकर बहुआयामी रणनीति पर काम कर रही है। बढ़ती ऊर्जा माँग को देखते हुए सरकार घरेलू उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ आयात स्रोतों में भी विविधता ला रही है। इसी दिशा में हाल ही में हरदीप सिंह पुरी ने बताया था कि भारत की सरकारी तेल कंपनियों ने अमेरिका से 2.2 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) एलपीजी आयात करने का करार किया है। इससे भारत की रसोई गैस आपूर्ति मजबूत होगी और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों में उतार-चढ़ाव के प्रभाव को कम करने में भी मदद मिलेगी।

पुरी ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताते हुए कहा कि दुनिया के सबसे बड़े और तेजी से बढ़ते एलपीजी उपभोक्ता देशों में से एक भारत अब अमेरिका के लिए नई संभावनाएँ खोल रहा है। मंत्रालय के अनुसार,देश की जनता को किफायती दरों पर गैस उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार एलपीजी आपूर्ति में विविधता सुनिश्चित कर रही है। इससे घरेलू जरूरतों को समय पर पूरा करने और मूल्य स्थिरता बनाए रखने में सहायता मिलेगी।

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन का ज्योति-1 कुआँ उन कई परियोजनाओं में से एक है,जिन पर कंपनी आने वाले वर्षों में तेजी से काम करने की योजना बना रही है। अब तक आईओसी मुख्य रूप से डाउनस्ट्रीम सेक्टर—अर्थात तेल रिफाइनिंग,मार्केटिंग और वितरण में प्रमुख भूमिका निभाती रही है,लेकिन हाल के वर्षों में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को अपस्ट्रीम क्षेत्र में भी निवेश बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया है,जिससे घरेलू उत्पादन बढ़ाया जा सके।

ऊर्जा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की ऊर्जा माँग आने वाले वर्षों में लगातार बढ़ती रहेगी। ऐसे में घरेलू क्षेत्र में उत्पादन के नए स्रोतों की खोज और उन पर संचालन की शुरुआत,राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। ज्योति-1 कुएँ का उत्पादन भले ही प्रारंभिक चरण में छोटे पैमाने पर हो,लेकिन यह भविष्य में बड़े अपस्ट्रीम निवेशों और परियोजनाओं के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा।

सरकार की नीति स्पष्ट है—ऊर्जा आयात पर निर्भरता कम करना,घरेलू संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना और ऊर्जा सुरक्षा को स्थायी रूप से मजबूत करना। ज्योति-1 कुएँ का उत्पादन इसी रणनीति की दिशा में उठाया गया एक निर्णायक कदम है,जो आने वाले समय में भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की राह को और मजबूत करेगा।