बाढ़

गुवाहाटी से इम्फाल: पूर्वोत्तर भारत में विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन से 28 लोगों की मौत

नई दिल्ली,2 जून (युआईटीवी)- पिछले दो दिनों में लगातार मानसून की बारिश के कारण विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन की वजह से पूर्वोत्तर भारत में कम-से-कम 28 लोगों की जान चली गई है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने इस चरम मौसम के लिए बांग्लादेश के ऊपर बने डिप्रेशन को जिम्मेदार ठहराया है,जिसकी वजह से असम,अरुणाचल प्रदेश,मणिपुर,मेघालय और मिजोरम में मूसलाधार बारिश हुई है।

असम की राजधानी गुवाहाटी में एक ही परिवार के तीन सदस्यों समेत पाँच लोगों की मौत हो गई,जब उनका घर मिट्टी के धँसने से डूब गया। शहर में भयंकर बाढ़ आई, जिसके कारण अधिकारियों ने बिजली के झटके से बचने के लिए कई इलाकों की बिजली काट दी।

अरुणाचल प्रदेश में नौ लोगों की मौत की खबर है। पूर्वी कामेंग जिले में बाना और सेप्पा के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 13 पर भूस्खलन के कारण वाहन खाई में गिर गया, जिससे सात लोगों की मौत हो गई। लोअर सुबनसिरी जिले में अलग-अलग घटनाओं में दो अन्य डूब गए।

मणिपुर में इंफाल नदी कई स्थानों पर अपने किनारों को तोड़ चुकी है,जिससे व्यापक बाढ़ आ गई है। भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों ने इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लगभग 800 नागरिकों को बचाया है।

मेघालय में भूस्खलन और बिजली गिरने सहित बारिश से जुड़ी घटनाओं के कारण सात लोगों की मौत की खबर है। ऑल इंडिया रेडियो की रिपोर्ट के अनुसार,मिजोरम में भूस्खलन में पाँच लोगों की मौत हो गई है।

प्रभावित राज्यों में अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। आईएमडी ने असम और मेघालय के लिए रेड और येलो अलर्ट जारी किया है,जिसमें अगले सप्ताह अलग-अलग इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने की चेतावनी दी गई है।

मानसून के मौसम की शुरुआत जल्दी होने से बुनियादी ढाँचे पर असर पड़ा है, जिससे सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं,बिजली गुल हो गई है और हज़ारों लोग विस्थापित हो गए हैं। बचाव और राहत अभियान जारी है,लेकिन चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति प्रयासों में बाधा डाल रही है।

जबकि यह क्षेत्र इन प्राकृतिक आपदाओं के बाद के हालात से जूझ रहा है,इस संकट से उबरने में इसके लोगों की लचीलापन और एकजुटता महत्वपूर्ण बनी हुई है।