हरियाणा के निजी क्षेत्रों के नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान था जिसे आज पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा रोक दिया गया।
हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों का रोजगार अधिनियम, 2020, मार्च 2021 में लागू हुआ था। यह अधिनियम अधिकतम सकल मासिक वेतन या ₹ 30,000 की मजदूरी की पेशकश करने वाली नौकरियों पर लागू होता है।
अदालत फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और अन्य की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी और फैसला लिया गया की फिलहाल के लिए इस आरक्षण पर रोक लगाया जाए । इस मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार से भी जवाब मांगा है।
इस आदेश से वे कंपनियां खुश हैं जिन्हे लगता है की आरक्षण के प्रावधान से उनके व्यापार संचालन और निवेश पर असर पड़ता है और आरक्षण पर रोक लगने से उनके व्यापार संचालन और निवेश में वृद्धि होगी ।
हाईकोर्ट के इस फैसले से हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला खुश नहीं थे और उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश के बाद कहा कि ‘हम हरियाणवी युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण के रोजगार के अवसरों के लिए लड़ना जारी रखेंगे।’

