गुड़हल के फूल (तस्वीर क्रेडिट@arindampaul1224)

गुड़हल के फूल देवताओं को प्रिय होने के साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है,औषधीय लाभों के लिए है प्रसिद्ध

नई दिल्ली,7 अप्रैल (युआईटीवी)- गुड़हल के फूल जिसे हिबिस्कस भी कहा जाता है, एक अत्यधिक सुंदर और औषधीय गुणों से भरपूर फूल है। इस फूल के विभिन्न रंग जैसे लाल,सफेद,गुलाबी,पीला और नारंगी रंग बाग-बगीचों में आमतौर पर देखने को मिलते हैं। यह न केवल अपनी सुंदरता के लिए बल्कि इसके औषधीय लाभों के लिए भी प्रसिद्ध है। देवी-देवताओं को प्रिय होने के कारण यह धार्मिक अनुष्ठानों में भी इसका प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा,आयुर्वेद में भी इस फूल का महत्वपूर्ण स्थान है,क्योंकि यह शरीर के कई विकारों को दूर करने में सक्षम है और कई रोगों को पूरी तरह से नष्ट कर देता है।

गुड़हल के फूल मानव शरीर के लिए अनेक फायदों से भरे हुए होते हैं। आयुर्वेदाचार्यों का मानना है कि इसके नियमित सेवन से कई प्रकार की समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है। पंजाब स्थित बाबे के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के बीएएमएस डॉक्टर प्रमोद आनंद तिवारी (एमडी) ने गुड़हल के औषधीय गुणों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि गुड़हल का पौधा मुख्य रूप से हिबिस्कस के नाम से जाना जाता है और यह लाल,सफेद,गुलाबी, पीले और नारंगी रंगों में पाया जाता है। यह फूल न केवल खूबसूरत होता है,बल्कि इसे देवी-देवताओं के पूजन में भी उपयोग किया जाता है। इसके फूलों में औषधीय गुण होते हैं,जो कई प्रकार के रोगों को दूर करने में मददगार होते हैं।

डॉ. तिवारी ने बताया कि गुड़हल के फूल बालों से जुड़ी समस्याओं के इलाज में भी बहुत प्रभावी होते हैं। विशेष रूप से,डैंड्रफ की समस्या को दूर करने में यह फूल कारगर साबित होता है। इसके फूलों की लुगदी बना कर बालों में लगाने से बालों में चमक आती है और डैंड्रफ की समस्या भी दूर हो जाती है। इसके अलावा,यदि गुड़हल के फूलों को आँवला के चूर्ण के साथ मिलाकर बालों में लगाया जाए,तो इससे बाल लंबे और काले रहते हैं। आयुर्वेदाचार्य के अनुसार, गुड़हल बालों को मजबूत करने के साथ-साथ उन्हें स्वस्थ भी बनाता है।

डॉ. तिवारी ने यह भी बताया कि आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में नींद की कमी एक आम समस्या बन चुकी है,जिसे अनिद्रा कहा जाता है। गुड़हल इस समस्या के इलाज में भी सहायक है। गुड़हल के फूलों से बने शर्बत का सेवन करने से अनिद्रा की समस्या को दूर किया जा सकता है। इस शर्बत को बनाने के लिए गुड़हल के ताजे फूलों को मिश्री के साथ मिलाकर पीना चाहिए। यह शर्बत न केवल शरीर को ताजगी देता है,बल्कि रात की अच्छी नींद सुनिश्चित करने में भी मदद करता है।

महिलाओं में होने वाली ल्यूकोरिया (सफेद पानी) की समस्या पर भी डॉ. तिवारी ने ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने बताया कि गुड़हल की कली को पीसकर सेवन करने से ल्यूकोरिया की समस्या में राहत मिलती है। इसके अलावा,गुड़हल के फूल के चूर्ण को दूध के साथ नियमित रूप से सुबह और शाम लेने से शरीर में खून की कमी दूर होती है और इम्यूनिटी भी मजबूत होती है। यह उपाय विशेष रूप से महिलाओं के लिए फायदेमंद है,क्योंकि यह पीरियड्स में होने वाली समस्याओं,जैसे दर्द और अनियमितता,में भी आराम प्रदान करता है। गुड़हल के सेवन से महिलाओं को विशेष लाभ मिलता है,क्योंकि यह उनके शारीरिक विकारों को ठीक करता है और उनकी स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करता है।

गुड़हल के फूल और जड़ का सेवन पेट से जुड़ी समस्याओं में भी बहुत फायदेमंद होता है। डॉ. तिवारी ने बताया कि जब पेट साफ नहीं होता,तो उसकी गर्मी से मुँह में छाले हो जाते हैं,जिससे खाना-पीना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में गुड़हल की जड़ का सेवन करना चाहिए। जड़ को साफ करने के बाद छोटे-छोटे हिस्सों में काटकर पान की तरह चबाना चाहिए। इससे मुँह के छाले ठीक हो जाते हैं। इसके अलावा,गुड़हल के फूल कब्ज की समस्या में भी आराम दिलाते हैं। यदि पेट साफ नहीं हो रहा हो तो गुड़हल के फूलों का सेवन कब्ज की समस्या को दूर कर सकता है।

गुड़हल के पत्तों का काढ़ा तेज बुखार में बहुत फायदेमंद होता है। डॉ. तिवारी ने बताया कि यदि किसी को तेज बुखार हो तो गुड़हल के पत्तों का काढ़ा बनाकर सेवन करना चाहिए। इससे न केवल बुखार की समस्या में राहत मिलती है, बल्कि खाँसी और जुकाम में भी लाभ होता है। गुड़हल का यह काढ़ा शरीर को ठंडक प्रदान करता है और बुखार को कम करता है।

गुड़हल का उपयोग हृदय संबंधी समस्याओं में भी किया जाता है। यह रक्त संचार को बेहतर बनाने में मदद करता है और हृदय की कार्यप्रणाली को मजबूत करता है। आयुर्वेद में गुड़हल को हृदय रोगों के उपचार में सहायक माना गया है। इसके सेवन से रक्तदाब नियंत्रण में रहता है और हृदय स्वस्थ रहता है।

गुड़हल एक अद्भुत औषधीय पौधा है,जो न केवल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी इसका बहुत महत्व है। इसके फूलों का उपयोग कई प्रकार के रोगों के उपचार में किया जा सकता है,जैसे बालों की समस्याएँ, पेट की समस्याएँ,अनिद्रा,हृदय रोग और महिलाओं से जुड़ी समस्याएँ। आयुर्वेद में इसकी उपयोगिता को देखते हुए,यह कहा जा सकता है कि गुड़हल का नियमित सेवन शरीर और मन दोनों के लिए फायदेमंद होता है।