हिसार,19 मई (युआईटीवी)- हरियाणा के हिसार से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ 33 वर्षीय ट्रैवल ब्लॉगर और यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ज्योति सोशल मीडिया पर एक मशहूर चेहरा थीं,जिनका यूट्यूब चैनल “ट्रेवल विथ जो” और इंस्टाग्राम अकाउंट लाखों लोगों के बीच लोकप्रिय था,लेकिन अब उन पर देशद्रोह जैसे गंभीर आरोप लगे हैं और जाँच एजेंसियाँ उनके हर कदम की गहन पड़ताल कर रही हैं।
हिसार पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों को पिछले कुछ समय से इनपुट मिल रहे थे कि सोशल मीडिया के जरिए कुछ भारतीय नागरिक पाकिस्तान के एजेंटों के संपर्क में हैं। इसी कड़ी में 17 मई को ज्योति को हिसार की न्यू अग्रसेन कॉलोनी से गिरफ्तार किया गया। उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहाँ से पाँच दिन की पुलिस रिमांड दी गई।
ज्योति मल्होत्रा के यूट्यूब चैनल “ट्रेवल विथ जो” के 3.77 लाख सब्सक्राइबर्स हैं, जबकि इंस्टाग्राम पर उनके 1.31 लाख से अधिक फॉलोअर्स थे। यही नहीं,वह पाकिस्तान और चीन जैसे देशों की यात्राएँ भी कर चुकी हैं। पुलिस जाँच में सामने आया कि ज्योति ने 2023 में कमीशन एजेंटों की मदद से वीजा प्राप्त कर पाकिस्तान की यात्रा की थी। वहाँ उनकी मुलाकात पाक उच्चायोग के अधिकारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से हुई,जिसे हाल ही में भारत से निष्कासित कर दिया गया है।
हिसार के एसपी शशांक कुमार सावन ने मीडिया को बताया कि अब युद्ध केवल सीमाओं तक सीमित नहीं रह गया है। दुश्मन देश अब सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को टारगेट कर रहा है,ताकि भारत के खिलाफ प्रचार को बढ़ाया जा सके। ज्योति के मामले में भी यह देखा गया है कि उन्होंने पाकिस्तान की सकारात्मक छवि दिखाने की कोशिश की और भारत के खिलाफ नरम लेकिन प्रभावी प्रचार किया।
अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि ज्योति के पास सीधे किसी गोपनीय सैन्य या खुफिया जानकारी की पहुँच थी या नहीं। हालाँकि,पुलिस का कहना है कि हिसार एक रणनीतिक शहर है और वहाँ की सामान्य जानकारियाँ भी दुश्मन देश के लिए उपयोगी हो सकती हैं।
ज्योति ने पाकिस्तान में रहते हुए कुछ वीडियो कंटेंट भी बनाया,जिनमें पाकिस्तान को एक शांतिपूर्ण,स्वागत योग्य देश के रूप में दिखाया गया। इसके अलावा,उन्होंने व्हाट्सएप,टेलीग्राम और स्नैपचैट जैसे एन्क्रिप्टेड ऐप्स का उपयोग कर पाकिस्तानी एजेंटों के साथ संपर्क बनाए रखा।
पुलिस और साइबर विशेषज्ञों की एक टीम अब ज्योति के सोशल मीडिया अकाउंट्स, यूट्यूब वीडियो,चैट्स और बैंकिंग लेन-देन की जाँच कर रही है। इसके लिए उनके फोन,लैपटॉप और क्लाउड डेटा को खंगाला जा रहा है।
यह भी देखा जा रहा है कि क्या ज्योति के वीडियो में किसी सैन्य या सामरिक स्थान की जानकारी तो नहीं दी गई,चाहे अनजाने में ही सही। इसके अलावा,यह भी जाँच की जा रही है कि उन्हें पाकिस्तान से कोई वित्तीय लाभ मिला या नहीं।
यह मामला एक गंभीर संकेत है कि अब दुश्मन देश सीधे जासूस भेजने की बजाय, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए ही अपने नेटवर्क फैला रहे हैं। सोशल मीडिया पर प्रभाव रखने वाले लोगों को टारगेट कर,उन्हें धन,वीजा,प्रचार या अन्य माध्यमों से लुभाया जा रहा है।
ज्योति मल्होत्रा का मामला बताता है कि सोशल मीडिया केवल मनोरंजन या जानकारी का माध्यम नहीं रह गया है,बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकता है,अगर इसका गलत इस्तेमाल हो।
इस केस से यह स्पष्ट होता है कि हमें न सिर्फ सीमा पर,बल्कि डिजिटल मोर्चे पर भी सतर्क रहने की जरूरत है। जाँच अभी जारी है और आने वाले दिनों में कई और खुलासे हो सकते हैं।
यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं है,बल्कि यह भारत की साइबर सुरक्षा व्यवस्था के सामने एक बड़ी चुनौती है,जिसे गंभीरता से लेना जरूरी है।