एशिया कप 2025 हॉकी (तस्वीर क्रेडिट@dmnalanda)

हॉकी एशिया कप 2025 : रोमांचक सुपर-4 के मुकाबले में भारत और कोरिया 2-2 की बराबरी पर,राजगीर बना गवाह

राजगीर,4 सितंबर (युआईटीवी)- एशिया कप 2025 का सुपर-4 चरण बुधवार को एक रोमांचक मुकाम पर पहुँचा,जब भारतीय पुरुष हॉकी टीम और रिपब्लिक ऑफ कोरिया के बीच खेला गया मुकाबला 2-2 की बराबरी पर समाप्त हुआ। बिहार के ऐतिहासिक नगर राजगीर स्थित बिहार स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी हॉकी स्टेडियम इस रोमांचक भिड़ंत का गवाह बना। बारिश के कारण देरी से शुरू हुए इस मैच में दर्शकों को निराशा नहीं हुई,क्योंकि दोनों टीमों ने आक्रामक खेल दिखाया और बराबरी की टक्कर दी।

पुरुष हॉकी की वैश्विक रैंकिंग में सातवें स्थान पर मौजूद भारतीय टीम ने शुरुआत से ही दबदबा बनाने की कोशिश की। मैच के शुरुआती क्षणों में ही भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला,लेकिन कप्तान हरमनप्रीत सिंह इसे गोल में बदलने में नाकाम रहे। इसके बावजूद भारतीय टीम ने आक्रामकता बरकरार रखी। परिणामस्वरूप,8वें मिनट में हार्दिक सिंह ने शानदार फील्ड गोल दागकर भारत को शुरुआती बढ़त दिलाई। स्टेडियम में बैठे दर्शकों ने इस गोल पर जमकर तालियाँ बजाईं और माहौल भारतीय रंग में रंग गया।

हालाँकि,यह बढ़त ज्यादा देर तक टिक नहीं पाई। कोरिया,जो विश्व रैंकिंग में 15वें पायदान पर है,ने दमदार वापसी की। 12वें मिनट में कोरिया को पेनल्टी स्ट्रोक मिला और जिहुन यांग ने कोई गलती न करते हुए गेंद को नेट में पहुँचा दिया। स्कोर अब 1-1 की बराबरी पर आ गया। इसके तुरंत बाद,14वें मिनट में कोरिया को पेनल्टी कॉर्नर मिला और इस मौके को भुनाते हुए ह्योन्होंग किम ने शानदार गोल कर दिया। इस तरह कोरिया ने भारत पर 2-1 की बढ़त बना ली और पहले क्वार्टर का अंत कोरिया के पक्ष में हुआ।

दूसरे क्वार्टर में दोनों टीमों ने गोल करने की पूरी कोशिश की,लेकिन कोई भी टीम सफल नहीं हो पाई। भारतीय खिलाड़ी बराबरी हासिल करने के लिए आक्रामक रुख अपनाते रहे। गेंद पर नियंत्रण और मूवमेंट के मामले में भारत ने दबदबा दिखाया,लेकिन कोरिया का डिफेंस बेहद मजबूत साबित हुआ। गोलकीपर और डिफेंडर्स ने भारत को बराबरी का मौका नहीं दिया। इसी के साथ पहले हाफ का समापन कोरिया की 2-1 की बढ़त के साथ हुआ।

तीसरे क्वार्टर में भी दर्शकों ने कई रोमांचक क्षण देखे। भारतीय खिलाड़ियों ने लगातार अटैक किए,कई मौके बनाए,लेकिन कोरियाई डिफेंस चट्टान की तरह डटा रहा। भारतीय कप्तान हरमनप्रीत सिंह को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला,जो स्कोर बराबर करने का सुनहरा अवसर था,लेकिन इस बार भी वे गेंद को गोल में बदलने में नाकाम रहे। भारतीय टीम की निरंतर कोशिशों के बावजूद स्कोरबोर्ड में कोई बदलाव नहीं हुआ और तीसरे क्वार्टर तक कोरिया की बढ़त बरकरार रही।

मैच का सबसे रोमांचक दौर चौथा और अंतिम क्वार्टर साबित हुआ। भारत ने हार मानने से इनकार किया और आक्रामकता और तेज़ी से खेलते हुए लगातार हमले किए। इस क्वार्टर में भारत को दो पेनल्टी कॉर्नर मिले,लेकिन कोरिया ने दोनों मौकों पर गोल रोक दिए। भारतीय दर्शकों की उम्मीदें धुँधली होने लगीं,लेकिन मैदान पर मौजूद खिलाड़ियों ने भरोसा बनाए रखा।

आखिरकार 53वें मिनट में भारतीय फॉरवर्ड मनदीप सिंह ने शानदार फील्ड गोल कर स्कोर को 2-2 की बराबरी पर ला दिया। यह गोल भारतीय खेमे के लिए राहत लेकर आया और स्टेडियम में बैठे दर्शकों ने जोरदार उत्साह दिखाया। मैच के अंतिम मिनटों में दोनों टीमों ने विजयी गोल करने की कोशिश की,लेकिन समय समाप्त होने तक कोई और गोल नहीं हो सका और मुकाबला ड्रॉ पर खत्म हुआ।

इस मुकाबले ने यह साबित कर दिया कि एशियाई हॉकी में भारत और कोरिया दोनों ही दमदार टीम हैं और किसी को हल्के में लेना गलत होगा। जहाँ भारत ने शुरुआती बढ़त बनाई और बाद में वापसी की,वहीं कोरिया ने भी शानदार खेल दिखाते हुए दबाव की स्थिति में गोल किए और भारत के खिलाफ बढ़त बनाए रखी। दोनों टीमों ने अपने-अपने क्षणों में बेहतरीन खेल दिखाया और यही वजह रही कि मुकाबला बराबरी पर समाप्त हुआ।

भारतीय टीम के लिए यह मैच कई मायनों में सीख लेकर आया। आक्रामक खेल और मौके बनाने के बावजूद टीम गोल करने में उतनी सफल नहीं रही,जितनी अपेक्षा की जाती है। कप्तान हरमनप्रीत सिंह के पेनल्टी कॉर्नर को गोल में न बदल पाने से भारतीय टीम को नुकसान हुआ। हालाँकि,हार्दिक सिंह और मनदीप सिंह के फील्ड गोल ने टीम को ड्रॉ तक पहुँचा दिया।

कोरिया की बात करें तो उनकी डिफेंस लाइन और गोलकीपर का खेल शानदार रहा। बार-बार भारतीय हमलों को रोकना आसान नहीं था,लेकिन कोरिया ने धैर्य और अनुशासन के साथ खेल दिखाया। उनकी टीम ने जिस तरह से शुरुआती झटके के बाद वापसी की,वह उनके आत्मविश्वास और रणनीति का प्रमाण है।

राजगीर का बिहार स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी हॉकी स्टेडियम इस रोमांचक मैच का केंद्र रहा। बारिश से देरी से शुरू हुए मैच ने दर्शकों की धड़कनों को आखिरी मिनट तक तेज रखा। हजारों दर्शक गवाह बने कि कैसे एशिया कप का यह सुपर-4 मुकाबला खेल भावना और रोमांच का बेहतरीन उदाहरण बन गया।

भारत के लिए आगे की राह चुनौतीपूर्ण है,क्योंकि सुपर-4 में हर मैच अहम है। टीम को अपनी कमजोरियों पर काम करना होगा,खासकर पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने की क्षमता पर। वहीं,कोरिया ने यह दिखा दिया है कि वह किसी भी बड़ी टीम के खिलाफ मजबूत चुनौती पेश कर सकता है।

यह मुकाबला भारतीय और एशियाई हॉकी के लिए ऐतिहासिक रहा। 2-2 की बराबरी ने दोनों टीमों को अंक बाँटने पर मजबूर किया,लेकिन खेल की गुणवत्ता और खिलाड़ियों का जज्बा दर्शकों के दिलों में लंबे समय तक यादगार बना रहेगा।