Chairman of Jaipur-based NIMS university addresses the World Health Summit in Germany.

स्वास्थ्य विशेषज्ञ : स्वास्थ्य चुनौतियों, महामारियों से उबरने के लिए वैश्विक साझेदारी की जरूरत

जयपुर, 20 अक्टूबर (युआईटीवी/आईएएनएस)| विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के संरक्षण में तीन दिवसीय विश्व स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन (डब्ल्यूएचएस) 2022 का आयोजन 16 से 18 अक्टूबर तक बर्लिन में किया गया। इस वर्ष के शिखर सम्मेलन का विषय ‘वैश्विक स्वास्थ्य के लिए समाधान खोजना’ था। शिखर सम्मेलन में डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं और महामारी से संबंधित जानकारी के लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा स्थापित ‘सोशल कम्युनिकेशन’ के बारे में सबसे निचली कड़ी के बारे में सभा को जानकारी दी।

डब्ल्यूएचएस 2022 का उद्देश्य चिकित्सा के क्षेत्र में काम करने वाले प्रतिनिधियों के साथ-साथ दुनिया के सभी हिस्सों के स्वास्थ्य नेताओं और नीति निर्माताओं को एक साथ लाना है। इसने वैश्विक स्वास्थ्य विकास के लिए तालमेल और आने वाले समय में होने वाली महामारियों के लिए नवाचारों को प्रोत्साहित करने पर भी जोर दिया।

शिखर सम्मेलन का उद्घाटन संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस एडनॉम घेब्येयियस और 100 से अधिक देशों के 2,000 से अधिक प्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया गया था। उद्घाटन समारोह में, स्कोल्ज ने कहा कि, राष्ट्रीय सीमाओं के पार नेटवकिर्ंग और अच्छा सहयोग महत्वपूर्ण है, खासकर वैश्विक स्वास्थ्य के क्षेत्र में।

गुटेरेस ने कहा कि दुनिया को हालिया महामारी का संज्ञान लेना चाहिए और हमें ऐसी स्वास्थ्य प्रणाली स्थापित करनी चाहिए, जिसका दुनिया का हर नागरिक हकदार हो। घेब्रेयसस ने कहा, कोविड -19 महामारी ने वैश्विक स्वास्थ्य ढांचे को खंडित और असंगत के रूप में उजागर किया है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को एक साथ आना होगा और तभी वैश्विक स्वास्थ्य को एक नए स्तर पर ले जाया जा सकता है।

शिखर सम्मेलन के अध्यक्ष एक्सल प्राइस ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग का आह्वान करते हुए कहा, इस समय, हमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अभूतपूर्व तरीके से एक साथ काम करना चाहिए। सम्मेलन में जयपुर स्थित निम्स विश्वविद्यालय के अध्यक्ष बलवीर सिंह तोमर ने भी भाग लिया। तोमर ने कहा कि कोविड-19 के बाद यह पहला व्यक्तिगत रूप से वैश्विक स्तर का कार्यक्रम था जिसमें 100 से अधिक देशों के स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले 2,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया।

तोमर ने बर्लिन में कहा, छोटी बीमारी को महामारी बनने से बचाने के लिए हमें जमीनी स्तर पर लोगों को शिक्षित करने की जरूरत है, ताकि किसी भी तरह की महामारी को समय रहते रोका या नियंत्रित किया जा सके।

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