नई दिल्ली,22 नवंबर (युआईटीवी)- केंद्र सरकार द्वारा देश में चार नई श्रम संहिताओं को लागू करने के फैसले का उद्योग जगत,विशेषकर आईटी सेक्टर की शीर्ष संस्था नैसकॉम और केंद्रीय मंत्रियों ने खुलकर स्वागत किया है। इसे न सिर्फ भारत के श्रम सुधारों का नया अध्याय बताया जा रहा है,बल्कि इसे सुरक्षित,सम्मानजनक और आधुनिक वर्कप्लेस की दिशा में उठाया गया ऐतिहासिक कदम भी माना जा रहा है। नई संहिताओं को लेकर सरकार का दावा है कि ये देश के 40 करोड़ से अधिक श्रमिकों को सुरक्षा,सम्मान और रोज़गार की स्थिरता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस फैसले की सराहना करते हुए इसे श्रम सुधारों के क्षेत्र में की गई ऐतिहासिक पहल बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लागू किए गए चार लेबर कोड्स श्रमिक कल्याण,ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और कार्यस्थलों पर सुरक्षा-सम्मान सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होंगे। उनके अनुसार,ये सुधार नारी शक्ति से लेकर युवा शक्ति तक सभी को नए अवसर प्रदान करेंगे और ‘विकसित भारत’ के संकल्प को सशक्त बनाएँगे।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री तथा युवा मामले और खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने भी इन सुधारों को पीएम मोदी सरकार का “ऐतिहासिक निर्णय” बताया। उन्होंने लिखा कि यह सिर्फ बदलाव भर नहीं,बल्कि श्रमवीरों के जीवन और भविष्य को सुरक्षित करने वाला बड़ा कदम है। मांडविया ने नए लेबर कोड्स में शामिल महत्वपूर्ण गारंटियों का उल्लेख करते हुए कहा कि ये देश में श्रमिकों को अंतर्राष्ट्रीय मापदंडों के अनुरूप सुरक्षा और अधिकार प्रदान करेंगे।
उन्होंने बताया कि चारों श्रम संहिताओं के तहत सभी कामगारों को समय पर न्यूनतम वेतन की गारंटी दी जाएगी। साथ ही युवाओं को नियुक्ति पत्र सुनिश्चित किया जाएगा,जिससे रोजगार में पारदर्शिता और भरोसा बढ़ेगा। लगभग 40 करोड़ श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा,जबकि महिलाओं को समान वेतन और सुरक्षित माहौल की गारंटी मिलेगी। फिक्स्ड टर्म कर्मचारियों को भी एक वर्ष बाद ग्रेच्युटी का अधिकार दिया गया है। ओवरटाइम करने वालों को दोगुना वेतन मिलेगा और जोखिम वाले क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों को 100 फीसदी हेल्थ सिक्योरिटी प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त 40 वर्ष से अधिक आयु वाले श्रमिकों को वार्षिक मुफ्त स्वास्थ्य जाँच का प्रावधान भी किया गया है।
श्रम सुधारों का नया अध्याय…
प्रधानमंत्री @NarendraModi जी के नेतृत्व में आज सरकार द्वारा लागू किए गए 4 Labour Codes, श्रमिकों को सशक्त बनाने, Ease of Doing Business को बढ़ावा देने और सुरक्षित व सम्मानजनक कार्यस्थल सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम हैं।
ये सुधार नारी शक्ति… pic.twitter.com/9tczlM6NuE
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) November 21, 2025
मांडविया ने कहा कि ये सुधार सिर्फ कानूनों में संशोधन नहीं हैं,बल्कि श्रम क्षेत्र में दशकों से चली आ रही जटिलताओं को दूर करने की दिशा में एक मजबूत आधार तैयार करते हैं। ये ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देंगे और 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को गति देंगे।
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी चारों श्रम संहिताओं को लागू किए जाने को ऐतिहासिक और दूरगामी प्रभाव वाला निर्णय बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ये नए श्रम सुधार विकसित भारत के आधार स्तंभ हैं और ये श्रमिकों के जीवन में व्यापक बदलाव लाने के साथ-साथ भारत की आर्थिक प्रगति को भी नई दिशा देंगे। उनके अनुसार,ये सुधार न सिर्फ श्रमिकों की स्थिति मजबूत करेंगे,बल्कि उद्योगों के लिए भी एक पारदर्शी और सुदृढ़ ढाँचा तैयार करेंगे।
उद्योग जगत की ओर से भी इस फैसले का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। आईटी-बीपीएम सेक्टर के शीर्ष संगठन नैसकॉम ने कहा कि लेबर कोड्स को लागू करने का निर्णय भारत के लेबर फ्रेमवर्क को आधुनिक,सरल और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक अहम पड़ाव है। नैसकॉम के अनुसार,उद्योग के लिए यह जानना महत्त्वपूर्ण है कि इन कोड्स का कार्यान्वयन व्यवस्थित और क्रमबद्ध तरीके से किया जाएगा,जिससे कारोबारी जगत के लिए परिवर्तन सहज होगा।
नैसकॉम ने यह भी कहा कि आर्थिक दृष्टि से ये श्रम संहिताएँ सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देती हैं और कार्यस्थल पर स्वास्थ्य और सुरक्षा को मजबूती प्रदान करती हैं। इसके साथ ही ये वेतन संरचना और सेवा शर्तों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करती हैं,जिससे उद्योगों और श्रमिकों के बीच पारदर्शिता और विश्वास बढ़ेगा। नैसकॉम का यह भी मानना है कि नए श्रम कोड्स डिजिटल और तकनीकी क्षेत्रों में रोजगार को और अधिक सुव्यवस्थित व आकर्षक बनाएंगे।
केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए चार लेबर कोड्स—वेज़ कोड,सोशल सिक्योरिटी कोड,इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड और ऑक्युपेशनल सेफ्टी,हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड दशकों पुराने 29 श्रम कानूनों को मिलाकर बनाए गए हैं। इनका उद्देश्य श्रम कानूनों को सरल बनाना,श्रमिकों के अधिकारों को सुरक्षित करना और इंडस्ट्री के विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार करना है।
इन सुधारों के लागू होने से उम्मीद है कि देश में रोजगार की गुणवत्ता में सुधार होगा,श्रमिकों को ज्यादा सुरक्षा मिलेगी और उद्योगों को भी एक सरल और लचीला कानूनी ढाँचा प्राप्त होगा। इस निर्णय के बाद उद्योग जगत और केंद्रीय मंत्री जिस प्रकार अपना समर्थन व्यक्त कर रहे हैं,उससे यह स्पष्ट है कि श्रम सुधारों का यह नया अध्याय भारत की आर्थिक और सामाजिक तस्वीर बदलने में अहम भूमिका निभाएगा।

