मेलबर्न,27 दिसंबर (युआईटीवी)- एशेज 2025-26 सीरीज के चौथे टेस्ट में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर इंग्लैंड ने वह कर दिखाया,जिसकी उसके प्रशंसक लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे थे। पहले ही सीरीज अपने नाम कर चुकी ऑस्ट्रेलिया को इंग्लैंड ने 4 विकेट से मात देकर न केवल मुकाबला जीता,बल्कि ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर 5,468 दिनों बाद टेस्ट जीत का स्वाद भी चखा। आखिरी बार इंग्लैंड ने जनवरी 2011 में ऑस्ट्रेलिया में जीत दर्ज की थी। इस जीत के साथ सीरीज में अभी भी ऑस्ट्रेलिया 3-1 से आगे है,मगर इंग्लैंड के लिए यह मुकाबला आत्मविश्वास लौटाने वाला साबित हुआ।
175 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड की दूसरी पारी की शुरुआत बेहद सकारात्मक रही। बेन डकेट और जैक क्रॉली ने बिना किसी दबाव के बल्लेबाजी की और पहले विकेट के लिए केवल 7 ओवरों में 51 रन जोड़ दिए। क्रॉली ने 48 गेंदों पर 37 रन बनाए,वहीं डकेट ने 26 गेंदों में 34 रनों की तेज पारी खेलकर टीम को मजबूती प्रदान की। शुरुआती विकेट गिरने के बाद नाइटवॉचमैन ब्रायडन कार्स तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए,लेकिन वह केवल 6 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। इस झटके के बावजूद इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने संयम बनाए रखा।
इस पारी में सबसे अहम भूमिका युवा जैकब बेथेल ने निभाई,जिन्होंने 46 गेंदों में 40 रन बनाते हुए दबाव कम किया और रनगति को बरकरार रखा। उनकी जिम्मेदार बल्लेबाजी ने इंग्लैंड को लक्ष्य की ओर आगे बढ़ाया और टीम 32.2 ओवर में 6 विकेट खोकर मैच अपने नाम करने में सफल रही। इंग्लैंड की पारी के दौरान भले ही विकेट नियमित अंतराल पर गिरते रहे,लेकिन टीम ने कभी भी लक्ष्य से नजर नहीं हटने दी।
ऑस्ट्रेलिया की ओर से दूसरी पारी में झाई रिचर्डसन,मिचेल स्टार्क और स्कॉट बोलैंड ने 2-2 विकेट हासिल किए। इन तीनों गेंदबाजों ने बीच-बीच में इंग्लैंड पर दबाव बनाने की कोशिश की,लेकिन टीम के बल्लेबाजों ने परिस्थिति के अनुरूप खेल दिखाया और मैच को अपने नियंत्रण में रखा।
इससे पहले मुकाबले के दूसरे दिन ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 132 रन पर सिमट गई। ओपनर ट्रैविस हेड ने टीम के लिए सर्वाधिक 46 रन बनाए,जबकि कप्तान स्टीव स्मिथ 24 रन बनाकर नाबाद रहे। ऑस्ट्रेलिया एक समय अच्छे मोड़ पर दिखाई दे रही थी,जब उसका स्कोर 3 विकेट पर 82 रन था,लेकिन इसके बाद टीम ताश के पत्तों की तरह बिखर गई और बाकी के सात विकेट 50 रन के भीतर गिर गए। इंग्लैंड के गेंदबाजों ने सटीक लाइन-लेंथ के साथ गेंदबाजी की और लगातार अंतराल पर विकेट झटके।
ब्रायडन कार्स ने दूसरी पारी में कमाल की गेंदबाजी करते हुए 4 विकेट चटकाए। कप्तान बेन स्टोक्स ने 3 विकेट अपने नाम किए,जबकि जोश टंग ने 2 और गस एटकिंसन ने 1 विकेट हासिल किया। इंग्लैंड के गेंदबाजों ने विकेट निकालने के साथ-साथ रन भी काबू में रखे,जिससे ऑस्ट्रेलिया बड़ा स्कोर खड़ा नहीं कर सकी और इंग्लैंड के सामने एक चुनौतीपूर्ण,लेकिन हासिल के भीतर का लक्ष्य रखा।
इस टेस्ट मैच का पहला दिन गेंदबाजों के नाम रहा,जब कुल 20 विकेट गिरे। पहले बल्लेबाजी का आमंत्रण मिलने पर ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में केवल 152 रन ही बना सकी। इंग्लैंड के लिए जोश टंग ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 5 विकेट झटके और ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त कर दिया। उन्होंने नई गेंद का भरपूर फायदा उठाते हुए टॉप ऑर्डर को झकझोर दिया और मिडिल ऑर्डर पर भी दबाव बनाए रखा।
हालाँकि,इसके जवाब में इंग्लैंड की पहली पारी भी लड़खड़ा गई और टीम 110 रन पर ही ढेर हो गई। इस तरह ऑस्ट्रेलिया को 42 रन की अहम बढ़त मिल गई। ऑस्ट्रेलिया की ओर से पहली पारी में माइकल नेसर और स्कॉट बोलैंड ने प्रभावशाली गेंदबाजी की। नेसर ने 4 विकेट लिए,जबकि बोलैंड ने 3 विकेट झटके। इंग्लैंड के बल्लेबाजों के पास इन दोनों गेंदबाजों की सटीक गेंदबाजी का जवाब नहीं था और टीम एक बार फिर से कम स्कोर पर सिमटती दिखाई दी।
लेकिन मैच का असली मोड़ दूसरी पारी में आया,जब इंग्लैंड के गेंदबाजों ने योजना बनाकर गेंदबाजी की और ऑस्ट्रेलिया को बड़ी बढ़त बनाने से रोक दिया। जहाँ ऑस्ट्रेलिया ने अवसर गंवाए,वहीं इंग्लैंड ने हर मौके का फायदा उठाते हुए मुकाबले में वापसी की। इसी संतुलित प्रदर्शन का परिणाम रहा कि इंग्लैंड को दूसरी पारी में केवल 175 रन का लक्ष्य मिला,जिसे उसने शांत दिमाग और सकारात्मक बल्लेबाजी के साथ हासिल कर लिया।
यह जीत इंग्लैंड के लिए मनोबल बढ़ाने वाली साबित हुई है। सीरीज भले ही ऑस्ट्रेलिया के नाम जा चुकी हो,लेकिन इस मैच से इंग्लैंड ने साबित कर दिया कि वह परिस्थितियों को समझते हुए खेल सकता है और जीत के लिए अंत तक संघर्ष कर सकता है। लंबे समय बाद ऑस्ट्रेलिया में मिली यह सफलता टीम के लिए आने वाले मुकाबलों में ऊर्जा और आत्मविश्वास का बड़ा स्रोत बनेगी।
दूसरी ओर,ऑस्ट्रेलिया के लिए यह हार एक चेतावनी है कि शुरुआती बढ़त के बावजूद ढिलाई महँगी पड़ सकती है। बल्लेबाजी क्रम का अचानक बिखर जाना और इंग्लैंड के सामने अपेक्षाकृत छोटा लक्ष्य छोड़ देना आखिरकार टीम को भारी पड़ गया। अब दोनों टीमों का ध्यान सीरीज के अगले और आखिरी मैच पर होगा,जहाँ इंग्लैंड बराबरी की कोशिश करेगा और ऑस्ट्रेलिया बढ़त बरकरार रखने के इरादे से मैदान में उतरेगी।
