मिडफील्डर बेनात प्राडोस (तस्वीर क्रेडिट@Offsider_ES)

11 साल बाद चैंपियंस लीग में लौटने से पहले एथलेटिक बिलबाओ को झटका,मिडफील्डर बेनात प्राडोस पूरे सीजन से बाहर

मैड्रिड,16 सितंबर (युआईटीवी)- स्पेनिश फुटबॉल क्लब एथलेटिक बिलबाओ को एक बड़ा झटका लगा है,जब उसके मिडफील्डर बेनात प्राडोस गंभीर चोट के कारण पूरे सीजन से बाहर हो गए। यह खबर ऐसे समय में आई है,जब टीम 11 साल बाद यूईएफए चैंपियंस लीग में वापसी करने जा रही है और मंगलवार शाम प्रीमियर लीग की दिग्गज टीम आर्सेनल के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेगी। 24 वर्षीय प्राडोस ने पिछले हफ्ते ट्रेनिंग सेशन के दौरान अपने बाएँ घुटने में गंभीर चोट खाई थी। मेडिकल जाँच में सामने आया कि उनके एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (एसीएल) को नुकसान पहुँचा है और उन्हें लंबी अवधि तक मैदान से दूर रहना पड़ेगा।

क्लब ने इस संबंध में आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि टेस्ट में प्राडोस के बाएँ घुटने में एसीएल की गंभीर चोट पाई गई है और अब जल्द ही उनकी सर्जरी की जाएगी। सर्जरी के बाद उनकी फिटनेस और रिकवरी को लेकर समय-समय पर अपडेट दिए जाएँगे। क्लब ने यह भी साफ कर दिया कि इस चोट के चलते वह पूरे सीजन टीम का हिस्सा नहीं बन पाएँगे।

कोच अर्नेस्टो वाल्वरडे की योजनाओं में बेनात प्राडोस को खास स्थान दिया गया था। उन्हें मिकेल जौरेगिजार और चोटिल इनिगो रुइज डी गैलारेटा के बाद सेंट्रल मिडफील्ड में तीसरी पसंद माना जा रहा था। यही कारण था कि चैंपियंस लीग,ला लीगा,कोपा डेल रे और स्पेनिश सुपर कप जैसे बड़े टूर्नामेंट्स में उनसे महत्वपूर्ण योगदान की उम्मीद की जा रही थी। प्राडोस के बाहर होने से टीम की रणनीतिक संतुलन को झटका लगा है और कोच को अब नई योजनाएँ बनानी होंगी।

एथलेटिक बिलबाओ की यूथ एकेडमी से निकले बेनात प्राडोस पिछले सीजन में टीम का अहम हिस्सा रहे थे। उन्होंने कुल 45 मैच खेले,जिनमें से 33 मुकाबले मिरांडेस से लोन पर लौटने के बाद खेले गए थे। उनकी फिटनेस और प्रदर्शन ने उन्हें फर्स्ट टीम में स्थायी जगह दिलाई थी। यही वजह है कि इस बार उनसे और भी ज्यादा जिम्मेदारी निभाने की उम्मीद थी।

अब कोच वाल्वरडे को मिडफील्ड में संतुलन बनाने के लिए अन्य खिलाड़ियों पर भरोसा करना होगा। इसके लिए वह अनुभवी मिकेल वेस्गा और बी-टीम से एलेजांद्रो रेगो को मौके देने की तैयारी कर रहे हैं। हालाँकि,यह देखना दिलचस्प होगा कि प्राडोस जैसे युवा और ऊर्जावान खिलाड़ी की अनुपस्थिति को टीम किस हद तक भर पाती है।

चैंपियंस लीग में एथलेटिक क्लब का इतिहास भी खास रहा है। टीम ने आखिरी बार 2014/15 सीजन में इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में भाग लिया था। उससे पहले 1998/99 सीजन में टीम ने इसमें खेला था। लंबे इंतजार के बाद एक बार फिर इस मंच पर लौटना टीम और उसके प्रशंसकों के लिए किसी बड़े जश्न से कम नहीं है। हालाँकि, प्राडोस की चोट ने इस खुशी पर कुछ हद तक पानी फेर दिया है।

पिछले सीजन में एथलेटिक क्लब ने यूरोपीय फुटबॉल में शानदार प्रदर्शन किया था। यूईएफए यूरोपा लीग के लीग चरण में टीम ने अपने सभी चार घरेलू मैच जीते थे। राउंड ऑफ 16 में उन्होंने रोमा को 3-1 से हराया और क्वार्टर फाइनल में रेंजर्स को 2-0 से मात दी,लेकिन सेमीफाइनल में मैनचेस्टर यूनाइटेड के खिलाफ पहले ही चरण में उन्हें घरेलू मैदान पर 3-0 से हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बावजूद टीम ने अपने प्रदर्शन से यह साबित कर दिया था कि वह बड़े मंच पर मुकाबला करने की क्षमता रखती है।

इस सीजन में जब टीम चैंपियंस लीग के मंच पर लौट रही है,तो उससे उम्मीदें और भी ज्यादा बढ़ गई हैं,लेकिन प्राडोस की चोट ने यह संकेत भी दे दिया है कि टीम को अपने स्क्वाड की गहराई और खिलाड़ियों की फिटनेस पर और ज्यादा ध्यान देना होगा। फुटबॉल की दुनिया में एसीएल की चोट को सबसे गंभीर माना जाता है,क्योंकि इससे खिलाड़ी को मैदान पर लौटने में कई महीने लग जाते हैं। यही कारण है कि प्राडोस की गैरमौजूदगी से टीम के मिडफील्ड का संतुलन प्रभावित होगा।

हालाँकि,एथलेटिक क्लब की खासियत उसकी यूथ एकेडमी और खिलाड़ियों को मौके देने की परंपरा रही है। यही कारण है कि इस बार भी उम्मीद की जा रही है कि वेस्गा और रेगो जैसे खिलाड़ी इस चुनौती को अवसर में बदलेंगे और टीम की उम्मीदों को जिंदा रखेंगे।

प्राडोस की चोट भले ही टीम के लिए झटका है,लेकिन खिलाड़ियों और प्रशंसकों का विश्वास है कि एथलेटिक बिलबाओ इस चुनौती से उबरकर अपने चैंपियंस लीग सफर को यादगार बनाएगा। मंगलवार को आर्सेनल के खिलाफ होने वाला मुकाबला टीम के आत्मविश्वास की पहली बड़ी परीक्षा होगी। अगर टीम शुरुआती मैच में शानदार प्रदर्शन करने में सफल रहती है,तो यह पूरे अभियान के लिए एक सकारात्मक संदेश देगा।