विरार हादसा (तस्वीर क्रेडिट@AjitKr759786916)

महाराष्ट्र के विरार में हादसा: अवैध इमारत का हिस्सा गिरने से माँ-बेटी समेत 14 की मौत,बचाव अभियान जारी

मुंबई,28 अगस्त (युआईटीवी)- महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार में बुधवार तड़के हुए एक भीषण हादसे ने पूरे राज्य को झकझोर दिया। विरार के चंदनसर क्षेत्र स्थित रमाबाई अपार्टमेंट का पिछला हिस्सा अचानक ढह गया,जिससे इमारत में सो रहे दर्जनों लोग मलबे में दब गए। इस हादसे में माँ-बेटी समेत 14 लोगों की मौत हो गई,जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है। जिला प्रशासन,आपदा प्रबंधन दल और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें लगातार मौके पर मौजूद रहकर बचाव कार्य चला रही हैं। अधिकारियों के अनुसार,मलबे में अभी भी कुछ लोगों के फँसे होने की आशंका बनी हुई है।

यह हादसा बुधवार रात लगभग 12.05 बजे हुआ,जब चार मंजिला रमाबाई अपार्टमेंट का पिछला हिस्सा भरभराकर गिर पड़ा। हादसे के तुरंत बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग मदद के लिए दौड़े और पुलिस को सूचना दी। राहत दल ने मौके पर पहुँचकर बचाव अभियान शुरू किया। शुरुआती घंटों में एनडीआरएफ और नगर निगम की टीमों ने हाथ से मलबा हटाने का काम किया,क्योंकि भारी मशीनें भीड़भाड़ वाली गलियों तक नहीं पहुँच पा रही थीं। देर रात तक जब क्रेन और जेसीबी जैसी मशीनों को मौके पर लाया गया,तो राहत अभियान तेज हो सका।

वसई-विरार नगर निगम (वीवीएमसी) ने पुष्टि की है कि यह इमारत अवैध रूप से बनाई गई थी। 2012 में निर्मित रमाबाई अपार्टमेंट में कुल 50 फ्लैट थे,जिनमें से गिरा हुआ हिस्सा करीब 12 फ्लैटों का था। हादसे के वक्त अधिकांश लोग अपने घरों में सो रहे थे। मलबे से अब तक 14 शव बरामद किए जा चुके हैं,जबकि दो लोगों को जिंदा बाहर निकाला गया है। एक व्यक्ति अभी भी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है।

इस त्रासदी के बाद जिला प्रशासन ने त्वरित कदम उठाते हुए आस-पास की सभी चॉलों को खाली करा दिया है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है,ताकि और कोई नुकसान न हो। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विवेकानंद कदम ने बताया कि जिस चॉल पर इमारत का हिस्सा गिरा था,वह घटना के समय खाली थी,जिससे बड़ा हादसा टल गया। वहीं,एहतियातन आसपास की अन्य इमारतों की भी जाँच कराई जा रही है।

हादसे के बाद गुस्साए स्थानीय निवासियों ने नगर निगम पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उन्होंने बार-बार इस इमारत की कमजोर स्थिति की शिकायत की थी,लेकिन निगम ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। वीवीएमसी के प्रवक्ता ने बताया कि यह इमारत अवैध थी और निगम की शिकायत पर पुलिस ने बिल्डर को गिरफ्तार कर लिया है। अब इस मामले में आगे की जाँच की जा रही है कि आखिर किसकी लापरवाही से दर्जनों परिवार उजड़ गए।

जिला कलेक्टर इंदु रानी जाखड़ ने घटनास्थल पर पहुँचकर हालात का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि प्रशासन पूरी तत्परता से राहत और बचाव कार्य में जुटा है और किसी भी कीमत पर फँसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने प्रभावित परिवारों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनकी हर संभव मदद करेगी।

वर्तमान में हादसे से प्रभावित परिवारों को चंदनसर समाज मंदिर में अस्थायी रूप से ठहराया गया है। यहाँ उन्हें भोजन,पानी,कपड़े और चिकित्सीय सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। नगर निगम ने प्रभावित परिवारों के लिए सहायता शिविर भी लगाया है,जहाँ मेडिकल टीम लगातार लोगों की जाँच कर रही है। बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।

इस हादसे ने एक बार फिर महाराष्ट्र में अवैध निर्माण और भवन सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शहरी इलाकों में आए दिन ऐसी घटनाएँ सामने आती रहती हैं,जहाँ अवैध या कमजोर निर्माण के चलते इमारतें गिर जाती हैं और निर्दोष लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय रहते भवनों की नियमित जाँच और मरम्मत की व्यवस्था सुनिश्चित की जाती,तो ऐसे हादसों से बचा जा सकता था।

विरार हादसा सिर्फ एक परिवार या मोहल्ले की त्रासदी नहीं,बल्कि पूरे सिस्टम की नाकामी को उजागर करता है। नगर निगम की लापरवाही,अवैध निर्माण पर कार्रवाई की कमी और बिल्डरों की मनमानी ने निर्दोष लोगों की जान ले ली। अब प्रभावित परिवार बेघर होकर अपनों को खोने के गहरे दर्द से जूझ रहे हैं।

फिलहाल घटनास्थल पर मलबा हटाने का काम युद्धस्तर पर जारी है। एनडीआरएफ की 5वीं बटालियन की दो टीमें चौबीसों घंटे काम कर रही हैं। प्रशासन का कहना है कि जब तक एक-एक ईंट मलबे से हटाई नहीं जाती और सभी लोगों का पता नहीं चल जाता,तब तक राहत अभियान जारी रहेगा,लेकिन इस दर्दनाक घटना ने यह साफ कर दिया है कि अवैध निर्माण की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम उठाना अब समय की माँग है,वरना ऐसी त्रासदियाँ बार-बार मासूमों की जान लेती रहेंगी।