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आयकर विभाग ने आईटीआर की अंतिम तिथि पर फैल रही अफवाहों को किया खारिज,करदाताओं से समय पर रिटर्न दाखिल करने की अपील की

नई दिल्ली,15 सितंबर (युआईटीवी)- आयकर विभाग ने सोमवार को उन खबरों पर विराम लगा दिया, जिनमें दावा किया जा रहा था कि वित्त वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर ) दाखिल करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया गया है। विभाग ने स्पष्ट किया कि यह खबर पूरी तरह फर्जी है और करदाता केवल आधिकारिक सूचना पर ही भरोसा करें। विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा कि आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 ही है और इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।

आईटी डिपार्टमेंट ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “एक फर्जी खबर चल रही है,जिसमें कहा गया है कि आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि (जो मूल रूप से 31 जुलाई 2025 थी और जिसे आगे बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 किया गया था) को आगे बढ़ाकर 30 सितंबर 2025 कर दिया गया है। यह पूरी तरह गलत है। करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे केवल आधिकारिक अपडेट्स पर भरोसा करें और गुमराह न हों।”

दरअसल,मई 2025 में आयकर विभाग ने अंतिम तिथि बढ़ाने की घोषणा की थी। तब यह फैसला उन व्यक्तिगत करदाताओं,हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) और संस्थाओं के लिए लिया गया था,जिन्हें अपने खातों का ऑडिट नहीं कराना होता। पहले इनके लिए आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 तय थी,लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया गया। इस विस्तार के बाद कई करदाता यह उम्मीद कर रहे थे कि विभाग इसे और आगे बढ़ाएगा। इसी बीच सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें वायरल होने लगीं,जिनमें दावा किया गया कि अब आईटीआर दाखिल करने की नई अंतिम तिथि 30 सितंबर है। हालाँकि,विभाग ने इसे तुरंत खारिज कर दिया।

विभाग ने करदाताओं को आगाह करते हुए कहा कि वे अफवाहों के बजाय केवल आयकर विभाग की वेबसाइट,आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स और प्रेस रिलीज़ को ही प्रमाण मानें। साथ ही यह भी कहा गया कि आईटीआर दाखिल करने, कर भुगतान और अन्य सेवाओं से जुड़ी सहायता के लिए विभाग का हेल्पडेस्क 24×7 उपलब्ध है। करदाता कॉल,लाइव चैट,वेबएक्स सत्र और ट्विटर/एक्स के माध्यम से विभाग से संपर्क कर सकते हैं। यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अक्सर अंतिम तारीख नजदीक आने पर बड़ी संख्या में करदाता वेबसाइट पर लॉगिन करते हैं और तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

आयकर विभाग ने यह भी बताया कि आकलन वर्ष 2025-26 के लिए अब तक 6 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं। यह आँकड़ा पिछले साल की तुलना में बेहतर है और इससे कर अनुपालन बढ़ने के संकेत मिलते हैं। विभाग ने करदाताओं और कर पेशेवरों का धन्यवाद देते हुए कहा, “हम करदाताओं और टैक्स प्रोफेशनल्स का आभार व्यक्त करते हैं,जिन्होंने इस उपलब्धि को हासिल करने में सहयोग दिया। अभी तक 6 करोड़ से अधिक रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है।”

विभाग ने साथ ही यह अपील भी की कि जो करदाता अभी तक अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर पाए हैं,वे इसे तुरंत पूरा करें। आखिरी समय तक इंतजार करने से सर्वर पर दबाव बढ़ सकता है और तकनीकी समस्या के चलते अनावश्यक दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। विभाग ने कहा कि करदाता जल्द-से-जल्द अपना रिटर्न दाखिल करें ताकि अंतिम समय की भागदौड़ से बचा जा सके।

पिछले कुछ वर्षों में भारत में कर अनुपालन का स्तर लगातार बढ़ा है। बड़ी संख्या में लोग समय पर रिटर्न दाखिल कर रहे हैं,जिससे कर आधार का विस्तार हो रहा है। सरकार की ओर से डिजिटल सेवाओं पर जोर देने और ई-फाइलिंग प्रक्रिया को सरल बनाने का परिणाम यह है कि लोग पहले की तुलना में अधिक सक्रियता के साथ समय पर कर रिटर्न दाखिल कर रहे हैं। यही कारण है कि विभाग ने आईटीआर दाखिल करने के लिए 24×7 हेल्पलाइन और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई है,ताकि करदाता किसी भी समस्या का समाधान आसानी से कर सकें।

विभाग के इस कदम का एक और बड़ा संदेश यह भी है कि कर प्रणाली में पारदर्शिता और अनुशासन बनाए रखने के लिए नियमों का पालन करना जरूरी है। फर्जी खबरों के जरिए यदि लोग भ्रमित होते हैं और अंतिम समय तक इंतजार करते हैं,तो इससे न केवल व्यक्तिगत करदाता प्रभावित होंगे,बल्कि पूरे सिस्टम पर दबाव बढ़ेगा। ऐसे में विभाग का यह सख्त रुख अफवाहों पर लगाम लगाने और लोगों को सही जानकारी देने के लिए अहम साबित हुआ है।

आयकर विभाग ने साफ कर दिया है कि आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 ही है और इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। जो लोग अब तक अपना रिटर्न दाखिल नहीं कर पाए हैं,उनके पास कुछ ही दिन शेष हैं। विभाग ने सभी करदाताओं से अपील की है कि वे समय पर रिटर्न दाखिल करें और भारत की कर प्रणाली को और मजबूत बनाने में सहयोग दें।