नई दिल्ली,28 जुलाई (युआईटीवी)- मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया चौथा टेस्ट मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ। इस परिणाम के साथ ही न सिर्फ सीरीज रोमांचक मोड़ पर पहुँच गई है,बल्कि भारतीय टीम ने एक बड़ा विश्व रिकॉर्ड भी अपने नाम दर्ज कर लिया है। भारत अब एक ही टेस्ट सीरीज में सबसे अधिक बार 350 या उससे ज्यादा रन बनाने वाली पहली टीम बन गई है। इस मामले में भारत ने क्रिकेट की दिग्गज टीम ऑस्ट्रेलिया को भी पीछे छोड़ दिया है।
अब तक ऑस्ट्रेलिया के नाम पर यह रिकॉर्ड दर्ज था,जिसने 1920-21 में इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में छह बार 350+ रन बनाए थे। बाद में 1948 और 1989 की इंग्लैंड के खिलाफ विदेशी सीरीज में भी ऑस्ट्रेलिया ने यही कारनामा दोहराया था। मगर अब भारत ने मौजूदा सीरीज में सात बार 350 या उससे अधिक रन बनाकर यह रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है।
लीड्स में खेले गए पहले टेस्ट में भारत ने पहली पारी में 471 और दूसरी पारी में 364 रन बनाए थे। इसके बाद एजबेस्टन टेस्ट में टीम इंडिया ने पहली पारी में 587 और दूसरी पारी में 427/6 रन बनाकर इनिंग घोषित की थी। तीसरे टेस्ट में भारत ने पहली पारी में 387 रन बनाए,जबकि दूसरी पारी में 170 रन पर सिमट गया था। वहीं मैनचेस्टर में खेले गए चौथे टेस्ट में भारत ने पहली पारी में 358 और दूसरी पारी में 425/4 रन बनाए,जो इस वर्ल्ड रिकॉर्ड की पुष्टि करता है।
अब यदि इस चौथे टेस्ट की बात करें तो मुकाबला बेहद उतार-चढ़ाव भरा रहा। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाज़ी का न्योता दिया। भारतीय टीम ने एक बार फिर शीर्ष क्रम के शानदार प्रदर्शन की बदौलत पहली पारी में 358 रन बनाए। यशस्वी जायसवाल,साई सुदर्शन और ऋषभ पंत ने इस पारी में अर्धशतक जड़े। इंग्लैंड के लिए कप्तान बेन स्टोक्स ने गेंद से कमाल दिखाते हुए पाँच विकेट झटके और भारत को बड़े स्कोर तक जाने से रोका।
जवाब में इंग्लैंड ने बेहद आक्रामक बल्लेबाज़ी करते हुए 669 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। इस पारी की खास बात रही जो रूट और बेन स्टोक्स की शतकीय पारियाँ। रूट ने 150 और स्टोक्स ने 141 रन बनाए। इसके अलावा इंग्लैंड के अन्य बल्लेबाज़ों ने भी छोटी मगर उपयोगी पारियाँ खेली। भारत की ओर से रवींद्र जडेजा ने चार विकेट लेकर कुछ हद तक इंग्लैंड की रनगति पर लगाम लगाने की कोशिश की।
पहली पारी के आधार पर इंग्लैंड को 311 रनों की बढ़त हासिल हुई। यह बढ़त इतनी बड़ी थी कि मैच को उस मोड़ पर पहुँचा दिया था,जहाँ लगने लगा था कि भारत को पारी की हार का सामना करना पड़ सकता है,लेकिन टीम इंडिया ने दूसरी पारी में साहस और संयम से खेलते हुए मुकाबले को बचा लिया।
केएल राहुल और शुभमन गिल ने दूसरे इनिंग की नींव मजबूत की। दोनों ने मिलकर 188 रन की साझेदारी की,जिसमें राहुल ने 90 और गिल ने शानदार 103 रन बनाए। इस साझेदारी ने ड्रेसिंग रूम में राहत दी और टीम को स्थिरता प्रदान की। इसके बाद रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर ने मोर्चा संभाला। दोनों ने पाँचवें विकेट के लिए 203 रन की अटूट साझेदारी कर भारत को न सिर्फ मैच में बनाए रखा,बल्कि इंग्लैंड को जीत से दूर भी कर दिया। जडेजा ने 107 रन बनाए और सुंदर ने नाबाद 101 रन की साहसिक पारी खेली।
इस बेहतरीन बल्लेबाज़ी प्रदर्शन के चलते भारत ने 425/4 पर पारी घोषित की और मैच ड्रॉ हो गया। इस ड्रॉ के साथ पाँच मैचों की सीरीज अब निर्णायक मोड़ पर पहुँच चुकी है। फिलहाल सीरीज इंग्लैंड के पक्ष में 2-1 से है और अब 31 जुलाई से लंदन में होने वाला पाँचवां और अंतिम टेस्ट मैच सीरीज के भविष्य का फैसला करेगा। भारत के पास यह सुनहरा मौका है कि वह यह मुकाबला जीतकर सीरीज को 2-2 से बराबरी पर समाप्त करे।
इस टेस्ट मैच में भारतीय बल्लेबाज़ों ने जिस तरह संयम,तकनीक और धैर्य का प्रदर्शन किया,वह काबिले तारीफ है। खासकर जडेजा और सुंदर की जोड़ी ने यह दिखा दिया कि भारतीय टीम दबाव में भी वापसी करना जानती है। इंग्लैंड के कप्तान स्टोक्स ने भी भारतीय टीम के प्रदर्शन की तारीफ की और कहा कि यह मैच टेस्ट क्रिकेट के लिहाज से बेहतरीन उदाहरण था।
सीरीज का अंतिम मुकाबला अब निर्णायक होने जा रहा है और सभी की निगाहें लंदन के मैदान पर टिकी होंगी। क्या भारत इतिहास रचेगा या इंग्लैंड घरेलू सीरीज को जीत के साथ समाप्त करेगा,इसका जवाब कुछ ही दिनों में मिल जाएगा,लेकिन एक बात तय है कि चौथे टेस्ट में भारत ने न सिर्फ मुकाबला ड्रॉ करवाया,बल्कि क्रिकेट इतिहास में नया अध्याय भी लिख दिया।