नई दिल्ली,29 अप्रैल (युआईटीवी)- भारत और फ्रांस के बीच हुए 63,000 करोड़ रुपए के रक्षा सौदे के बाद सोमवार को भारतीय शेयर बाजार के डिफेंस सेक्टर में जबरदस्त उछाल देखी गई। यह डील भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल मरीन फाइटर जेट की खरीद से संबंधित है,जिसकी खबर से निवेशकों का उत्साह चरम पर पहुँच गया।
इस डील के प्रभाव से निफ्टी डिफेंस इंडेक्स में 4.5 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई, जो कि 15 अप्रैल के बाद एक दिन में सबसे बड़ा उछाल है। इंडेक्स की 18 में से 17 कंपनियों के शेयरों ने सकारात्मक रुख दिखाया। यह रुझान इस बात का संकेत है कि रक्षा सौदे से जुड़े शेयरों में भारी निवेश और विश्वास बना हुआ है।
पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज का प्रदर्शन इस रैली में सबसे अधिक रहा है। इसके शेयर में 9.27% की बढ़त दर्ज की गई,जो 1,142 रुपए पर बंद हुआ। यह डिफेंस सेक्टर का सबसे अधिक बढ़ने वाला स्टॉक रहा। इस कंपनी की विशेषज्ञता एयरोस्पेस और रक्षा उपकरणों में है,जिससे निवेशकों को इसमें दीर्घकालिक लाभ की संभावना दिखी।
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स के शेयर में सोमवार को जबरदस्त तेजी देखी गई। कंपनी का स्टॉक 8.11% की वृद्धि के साथ 1,747.90 रुपए पर बंद हुआ, जो दर्शाता है कि रक्षा सौदे की खबरों से निवेशकों में इस शेयर को लेकर सकारात्मकता बढ़ी है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के शेयरों ने सोमवार को जोरदार प्रदर्शन किया और इनमें 5.5% से अधिक की तेजी दर्ज की गई। विश्लेषकों का मानना है कि राफेल जैसे अत्याधुनिक फाइटर जेट्स के रखरखाव और तकनीकी सपोर्ट में एचएएल की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है, जिससे निवेशकों का भरोसा इस स्टॉक में और मजबूत हुआ है।
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के शेयर में सोमवार को 4.77% की बढ़त दर्ज की गई, वहीं कोचीन शिपयार्ड के शेयर ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए 6.1% की तेजी दिखाई। यह बढ़त भारत-फ्रांस राफेल डील और रक्षा क्षेत्र में बढ़ते निवेश के चलते रक्षा क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों में आई सकारात्मकता को दर्शाती है।
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने भी सोमवार के सत्र में मजबूत प्रदर्शन किया। कंपनी के शेयर में 3.28% की वृद्धि दर्ज की गई, जो रक्षा क्षेत्र में बढ़ती माँग और रणनीतिक समझौतों से निवेशकों के बढ़ते भरोसे को दर्शाता है।
डेटा पैटर्न्स (इंडिया) में शेयर में 7.17 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला,जबकि भारत डायनेमिक्स ने 5.42 प्रतिशत एवं सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया ने 2.48 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की।
इन आँकड़ों से स्पष्ट है कि रक्षा क्षेत्र में निजी और सार्वजनिक दोनों प्रकार की कंपनियों ने इस डील से लाभ उठाया है।
फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित राफेल मरीन फाइटर जेट्स की डिलीवरी अगले 37 से 65 महीनों के भीतर शुरू होने की संभावना है। इन अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों को भारतीय नौसेना के दो प्रमुख विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्यपर तैनात किया जाएगा, जिससे समुद्री सुरक्षा क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।
राफेल मरीन एक अत्याधुनिक फाइटर जेट है, जिसे समुद्री अभियानों के लिए तैयार किया गया है। यह जेट एयरक्राफ्ट कैरियर ऑपरेशन में उपयोग के लिए डिजाइन किया गया है,जो उसे कठिन समुद्री परिस्थितियों में भी प्रभावशाली बनाता है। यह जेट अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों,इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम और मल्टी-रोल क्षमताओं से लैस है,जो हिंद महासागर में भारत की सामरिक स्थिति को और अधिक मजबूत करेगा।
राफेल मरीन डील ने न केवल भारत की सुरक्षा क्षमता को मजबूत किया है,बल्कि शेयर बाजार में भी निवेशकों का आत्मविश्वास बढ़ाया है। रक्षा सेक्टर को अब तेजी से रणनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से एक प्रमुख निवेश विकल्प माना जा रहा है। सरकार के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों के चलते डिफेंस सेक्टर में लगातार निवेश और विस्तार की संभावनाएँ बनी हुई हैं।
राफेल मरीन डील ने साबित कर दिया है कि सुरक्षा और निवेश अब परस्पर जुड़े हुए क्षेत्र हैं। एक ओर जहाँ यह सौदा भारतीय नौसेना की ताकत को कई गुना बढ़ाएगा, वहीं दूसरी ओर इसने शेयर बाजार में रक्षा कंपनियों के शेयरों को नई उड़ान दी है। आने वाले समय में यदि ऐसे और सौदे होते हैं,तो डिफेंस सेक्टर बाजार का अगला बड़ा ग्रोथ इंजन बन सकता है।