ग्रीस के प्रधानमंत्री क्यारीकोस मित्सोताकिस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (तस्वीर क्रेडिट@oulosP)

भारत-ग्रीस संबंधों को नई मजबूती: प्रधानमंत्री मोदी और मित्सोताकिस के बीच फोन पर हुई अहम बातचीत

नई दिल्ली,20 सितंबर (युआईटीवी)- भारत और ग्रीस के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंधों को एक बार फिर बल मिला है। शुक्रवार को ग्रीस के प्रधानमंत्री क्यारीकोस मित्सोताकिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की,जिसमें दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की सराहना की और भविष्य के सहयोग को और गहरा करने पर सहमति व्यक्त की। यह बातचीत ऐसे समय में हुई है,जब भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर वार्ताएँ निर्णायक मोड़ पर हैं। ग्रीस ने इस समझौते के शीघ्र और पारस्परिक लाभकारी निष्कर्ष के लिए अपना समर्थन दोहराते हुए भारत के साथ आर्थिक सहयोग को और गति देने की इच्छा जताई।

इस टेलीफोनिक वार्ता का एक भावनात्मक पहलू भी रहा। प्रधानमंत्री मित्सोताकिस ने प्रधानमंत्री मोदी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इसके लिए ग्रीस के प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया और इसे भारत-ग्रीस की मित्रता का प्रतीक बताया। इस छोटे लेकिन महत्वपूर्ण आदान-प्रदान ने दोनों देशों के बीच व्यक्तिगत और कूटनीतिक रिश्तों को और मजबूत किया।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने व्यापार,निवेश,प्रौद्योगिकी,शिपिंग,रक्षा,सुरक्षा,कनेक्टिविटी और जन-से-जन संपर्क जैसे क्षेत्रों में हो रही प्रगति का स्वागत किया। दोनों ने यह भी दोहराया कि भारत और ग्रीस की रणनीतिक साझेदारी केवल आर्थिक और राजनीतिक आयामों तक सीमित नहीं है,बल्कि यह साझा मूल्यों और ऐतिहासिक संबंधों पर आधारित है। यही कारण है कि दोनों देश वैश्विक मंचों पर भी एक-दूसरे के सहयोगी के रूप में उभर रहे हैं।

बातचीत के दौरान ग्रीस के प्रधानमंत्री मित्सोताकिस ने 2026 में भारत द्वारा आयोजित किए जाने वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इम्पैक्ट समिट की सफलता की शुभकामनाएँ दीं और ग्रीस की ओर से पूरा समर्थन देने का आश्वासन भी दिया। यह समिट भारत के तकनीकी और नवाचार क्षेत्र में बढ़ते प्रभाव का संकेत है और ग्रीस का समर्थन इस बात को रेखांकित करता है कि यूरोपीय देशों के लिए भी भारत एक भरोसेमंद साझेदार बन चुका है।

यह उल्लेखनीय है कि अगस्त 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रीस का दौरा किया था। उस यात्रा के दौरान भारत और ग्रीस ने अपने संबंधों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक पहुँचाने का निर्णय लिया था। यह फैसला दोनों देशों के बीच संबंधों में ऐतिहासिक मोड़ माना गया। इसके बाद फरवरी 2024 में मित्सोताकिस भारत के राजकीय दौरे पर आए थे। यह 15 वर्षों बाद पहली बार था,जब ग्रीस से कोई राष्ट्राध्यक्ष या सरकार प्रमुख भारत आया। उस यात्रा के दौरान भी दोनों देशों ने रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने और आपसी सहयोग को गहराने पर जोर दिया था।

भारत और ग्रीस के संबंध केवल कूटनीतिक या औपचारिकता तक सीमित नहीं हैं। दोनों देशों ने साझा लोकतांत्रिक मूल्यों,स्वतंत्रता,अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा तथा नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के प्रति अपने समर्पण को हमेशा रेखांकित किया है। संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून (यूएनसीएलओएस) के प्रति सम्मान,मानवाधिकारों की रक्षा और ऐतिहासिक रिश्तों ने इस साझेदारी को और ठोस आधार प्रदान किया है। यही कारण है कि भारत और ग्रीस के बीच संबंध केवल आज की परिस्थितियों पर आधारित नहीं हैं,बल्कि यह लंबी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से भी पोषित होते हैं।

बातचीत में दोनों नेताओं ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर (आईएमईईसी) पर भी चर्चा की। इस परियोजना का उद्देश्य भारत और यूरोप के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाना और व्यापारिक मार्गों को और सुगम बनाना है। इस कॉरिडोर से व्यापार,वाणिज्य,निवेश,प्रौद्योगिकी,ऊर्जा,लॉजिस्टिक्स,बंदरगाह और अवसंरचना जैसे क्षेत्रों में सहयोग के नए अवसर खुलेंगे। ग्रीस,जो यूरोप और भूमध्यसागर का एक महत्वपूर्ण केंद्र है,इस परियोजना में स्वाभाविक रूप से अहम भूमिका निभा सकता है। भारत और ग्रीस दोनों मानते हैं कि इस कॉरिडोर से न केवल दोनों देशों बल्कि व्यापक क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिलेगा।

इस फोन वार्ता ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि भारत और ग्रीस अपने संबंधों को केवल द्विपक्षीय स्तर तक सीमित नहीं रखना चाहते,बल्कि उन्हें वैश्विक साझेदारी के रूप में भी देख रहे हैं। दोनों देश ऐसे समय में आपसी सहयोग को गहरा कर रहे हैं,जब दुनिया बहुपक्षीय सहयोग और पारस्परिक लाभकारी समझौतों की ओर बढ़ रही है।

प्रधानमंत्री मोदी और मित्सोताकिस की यह बातचीत केवल एक औपचारिक कूटनीतिक कदम नहीं थी,बल्कि यह इस बात का संकेत है कि भारत और ग्रीस की रणनीतिक साझेदारी आने वाले वर्षों में और अधिक प्रगाढ़ होगी। भारत-यूरोपीय संघ एफटीए के लिए ग्रीस का समर्थन और एआई इम्पैक्ट समिट में उसकी सकारात्मक भूमिका इस साझेदारी की गहराई को दर्शाती है।

भारत और ग्रीस की यह बढ़ती नजदीकी न केवल दोनों देशों के लिए लाभकारी है,बल्कि यह वैश्विक परिदृश्य में भी संतुलन और सहयोग की नई राह खोल सकती है। साझा मूल्यों और आपसी विश्वास के आधार पर बनी यह साझेदारी आने वाले वर्षों में निश्चित रूप से नई ऊँचाइयों को छुएगी।