भारतीय महिला क्रिकेट टीम (तस्वीर क्रेडिट@kreedajagat)

भारत ने श्रीलंका पर फिर दर्ज की दबदबे वाली जीत,सीरीज़ में 4-0 की अजेय बढ़त

नई दिल्ली,29 दिसंबर (युआईटीवी)- भारत ने ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए चौथे टी20 मुकाबले में श्रीलंका को 30 रन से हराकर पाँच मैचों की सीरीज़ में 4-0 की अजेय बढ़त बना ली। इस जीत के साथ टीम इंडिया ने न केवल अपने शानदार फॉर्म को बरकरार रखा, बल्कि कई रिकॉर्ड भी अपने नाम किए। मेज़बान टीम ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए निर्धारित 20 ओवर में दो विकेट के नुकसान पर 221 रन बनाए,जिसके जवाब में श्रीलंका छह विकेट खोकर 191 रन ही बना सकी। इस मुकाबले ने एक बार फिर दिखा दिया कि भारतीय महिला टीम किस स्तर का आत्मविश्वास लेकर मैदान में उतर रही है और घरेलू परिस्थितियों में उसका दबदबा कितना मजबूत है।

टॉस श्रीलंका के पक्ष में गया और उन्होंने भारत को पहले बल्लेबाज़ी के लिए आमंत्रित किया। शुरुआत से ही स्पष्ट था कि पिच बल्लेबाज़ों के अनुकूल है और अगर पहली पारी में बड़ा स्कोर खड़ा किया जाए तो दबाव स्वतः ही विपक्षी टीम पर बढ़ जाएगा। भारतीय सलामी जोड़ी स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा ने इसी रणनीति पर अमल करते हुए शुरुआत से ही तेज़ रफ्तार से रन बनाए। दोनों ने जोखिम भरे शॉट्स के साथ-साथ बुद्धिमानी से गैप्स तलाशे और पावरप्ले में ही श्रीलंका के गेंदबाज़ों को बैकफुट पर ढकेल दिया।

शेफाली और मंधाना के बीच 162 रन की साझेदारी ने मैच का परिणाम लगभग तय कर दिया। यह महिला टी20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में भारत की ओर से किसी भी विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी साबित हुई। इससे पहले भी यह रिकॉर्ड इसी जोड़ी के नाम था,जब दोनों ने 2019 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 143 रन जोड़े थे। इस बार, हालाँकि,उन्होंने अपने ही रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए प्रदर्शन के नए आयाम स्थापित किए। शेफाली ने 46 गेंदों पर 79 रन बनाए,जिसमें 12 चौके और एक छक्का शामिल रहा। दूसरी तरफ स्मृति मंधाना ने 48 गेंदों पर 80 रन की शानदार पारी खेली और उनकी पारी में 11 चौके और तीन छक्के दर्ज हुए।


ओपनर्स के आउट होने के बाद भी भारतीय रनगति में कोई कमी नहीं आई। मध्यक्रम में ऋचा घोष और कप्तान हरमनप्रीत कौर ने तेजी से रन जोड़ते हुए विपक्ष को कोई मौका नहीं दिया। दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिए 23 गेंदों में 53 रन की साझेदारी हुई। ऋचा ने 16 गेंदों में नाबाद 40 रन बनाकर डेथ ओवरों में टीम की रनगति को और तेज़ कर दिया,जबकि हरमनप्रीत ने 16 रन का योगदान दिया। श्रीलंका के लिए मलशा शेहानी और निमाशा मदुशानी को एक-एक सफलता मिली,मगर बड़े स्कोर को रोकने में उनका आक्रमण नाकाम रहा।

एक बड़े लक्ष्य के सामने श्रीलंका की शुरुआत भी अच्छी रही,लेकिन भारतीय गेंदबाज़ों ने नियमित अंतराल पर विकेट लेकर विपक्षी टीम को दबाव से बाहर निकलने का मौका नहीं दिया। कप्तान चामरी अथापथु ने जिम्मेदारी भरी पारी खेलते हुए 37 गेंदों में 52 रन बनाए। उन्होंने तीन छक्के और तीन चौके जड़े और शुरुआत में टीम को गति देने की कोशिश की। हालाँकि,जैसे-जैसे रन का दबाव बढ़ता गया,श्रीलंका की बल्लेबाज़ों को बड़े शॉट खेलने पड़े और इसी कोशिश में विकेट गिरते गए।

भारतीय टीम ने गेंद के साथ अनुशासन और विविधता का शानदार मिश्रण दिखाया। स्पिनरों और तेज़ गेंदबाज़ों ने मिलकर ऐसी रणनीति अपनाई कि श्रीलंकाई बल्लेबाज़ों को अपनी योजनाएँ बदलने का मौका ही नहीं मिला। बीच के ओवरों में रनगति पर लगाम लगने के बाद मेहमान टीम के लिए लक्ष्य की ओर बढ़ना और कठिन हो गया। निचले क्रम ने रन तो जोड़े,लेकिन वह टीम को जीत के दायरे में लाने के लिए पर्याप्त नहीं थे।

मैच के बाद भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने टीम की सामूहिक सफलता को जीत की सबसे बड़ी वजह बताया। उन्होंने कहा कि बल्लेबाज़ी में मिला ठोस आधार और उसके बाद गेंदबाज़ों का लगातार दबाव बनाना,दोनों ने मिलकर मैच को भारत के पक्ष में मोड़ दिया। उन्होंने यह भी कहा कि युवा खिलाड़ियों ने अवसर मिलने पर खुद को साबित किया है,जो आने वाले टूर्नामेंटों के लिए टीम के लिए बेहद सकारात्मक संकेत है।

भारतीय कोचिंग स्टाफ भी टीम के प्रदर्शन से खुश दिखाई दिया। उनका मानना है कि इतने कम समय में लगातार चार जीत हासिल करना दर्शाता है कि टीम मानसिक रूप से मजबूत है और पिछले कुछ वर्षों में किए गए निवेश का परिणाम अब दिखने लगा है। फिटनेस,फील्डिंग और मैच टेंपरेमेंट जैसे पहलुओं पर लगातार काम किया गया है और इसी कारण खिलाड़ी दबाव की स्थितियों में भी बेहतर निर्णय ले पा रहे हैं।

श्रीलंका के खेमे में निराशा साफ झलक रही थी। कप्तान अथापथु ने स्वीकार किया कि उनकी टीम को योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बल्लेबाज़ों ने अच्छी शुरुआतों को बड़े स्कोर में नहीं बदला और गेंदबाज़ी के दौरान डेथ ओवरों में चूक ने बड़ा अंतर पैदा कर दिया। फिर भी,उन्होंने टीम को प्रोत्साहित करते हुए अंतिम मैच में बेहतर प्रदर्शन का भरोसा जताया।

सीरीज़ का अंतिम मुकाबला 30 दिसंबर को इसी मैदान पर खेला जाएगा। एक ओर जहाँ श्रीलंका सम्मान बचाने के इरादे से उतरेगा,वहीं भारत की नज़र 5-0 से क्लीन स्वीप करने पर रहेगी। यदि भारत इसमें सफल रहता है,तो यह जीत महिला टी20 क्रिकेट में उसकी बढ़ती ताकत का एक और प्रमाण बन जाएगी। इस सीरीज़ ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय टीम अब केवल प्रतिभा के दम पर नहीं,बल्कि ठोस रणनीति और सटीक निष्पादन के सहारे आगे बढ़ रही है।

फिलहाल,4-0 की बढ़त ने भारत को अपार आत्मविश्वास से भर दिया है। घरेलू दर्शकों के सामने टीम का यह प्रदर्शन लंबे समय तक याद रखा जाएगा और आने वाली अंतर्राष्ट्रीय श्रृंखलाओं के लिए यह एक मजबूत नींव साबित हो सकता है।