नई दिल्ली,21 नवंबर (युआईटीवी)- भारत और इज़रायल के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) को लेकर लंबे समय से चल रही चर्चाओं ने आखिरकार औपचारिक रूप ले लिया है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को तेल अवीव में इज़रायल के इकोनॉमी और इंडस्ट्री मंत्री निर बरकत के साथ टर्म ऑफ रेफरेंस (टीओआर) पर हस्ताक्षर किए। यह दस्तावेज़ आगामी एफटीए वार्ता के लिए ढाँचा और दिशा प्रदान करेगा,जिससे दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में बड़ा बदलाव लाने की उम्मीद जताई जा रही है।
तेल अवीव में संवाददाताओं से बात करते हुए गोयल ने कहा कि एफटीए की ओर बढ़ाया गया यह पहला कदम बेहद अहम है,जो भारत और इज़रायल को एक संतुलित,पारस्परिक लाभ देने वाले वृहद व्यापारिक समझौते की ओर ले जाएगा। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी न केवल द्विपक्षीय व्यापार को नई गति देगी,बल्कि दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को भी मजबूती प्रदान करेगी।
पीयूष गोयल ने स्पष्ट किया कि भारत और इज़रायल का साझा उद्देश्य व्यापार को विविधता देना,नए सहयोग क्षेत्रों को पहचानना और दोनों देशों के उद्यमों के लिए बड़ा अवसर उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि एफटीए के सफल होने से न केवल व्यापार बढ़ेगा,बल्कि कुछ प्रमुख सेक्टरों की चुनौतियों को दूर करने में भी मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, “हम दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद परिणाम देने के लिए एक-दूसरे की खूबियों का पूरा फायदा उठाना चाहते हैं। हमारा ध्यान पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों को विकसित करने पर है,जिससे दोनों देशों के व्यवसाय और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।”
इस दौरान गोयल और बरकत ने इंडिया–इज़रायल सीईओ फोरम को भी संबोधित किया,जिसमें दोनों देशों के उद्योग जगत के शीर्ष नेतृत्व ने भाग लिया। फोरम का उद्देश्य व्यापारिक वातावरण को बेहतर बनाना,निवेश के अवसरों की पहचान करना और उभरती तकनीकों में सहयोग को बढ़ावा देना है। गोयल ने अपने संबोधन में कहा कि एग्रीकल्चर,पानी,हेल्थकेयर,रक्षा,इंफ्रास्ट्रक्चर,डिजिटल इकॉनमी,क्लीन एनर्जी,एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग और हाई-टेक इनोवेशन जैसे सेक्टर दोनों देशों के बीच सहयोग को नई ऊँचाई दे सकते हैं।
Together with @NirBarkat, Minister of Economy and Industry of Israel, I signed the Terms of Reference (ToR) to guide the negotiations for a free trade agreement (FTA) between India and Israel today.
This is the first crucial step towards facilitating talks to conclude a… pic.twitter.com/RotRFjGbQ2
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) November 20, 2025
उन्होंने बताया कि एफटीए वार्ता प्रक्रिया इन ही क्षेत्रों में संभावित तालमेल पर जोर देते हुए आगे बढ़ाई जाएगी। गोयल ने कहा कि भारत और इज़रायल इन सभी क्षेत्रों में एक-दूसरे की विशेषज्ञता और अनुभव का लाभ उठाकर न केवल द्विपक्षीय व्यापार को मजबूत कर सकते हैं,बल्कि वैश्विक बाजार में भी एक मज़बूत उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं।
फोरम के बाद पीयूष गोयल ने एक विशेष गाला कार्यक्रम में हिस्सा लिया,जिसे निर बरकत ने आयोजित किया था। इस कार्यक्रम में दोनों देशों के बड़े बिजनेस एसोसिएशन और ट्रेड बॉडीज शामिल हुईं। कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों देशों के उद्योग जगत के नेताओं को एक साझा मंच प्रदान करना था,जहाँ वे व्यापार के नए अवसरों पर चर्चा कर सकें और सहयोग के नए रास्ते तलाश सकें।
केंद्रीय मंत्री ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि वे भारत–इज़रायल व्यापार संबंधों को आगे बढ़ाने के प्रति दोनों देशों की प्रतिबद्धता से उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि भारत की डायमंड मर्चेंट कम्युनिटी इज़रायल में काफी सक्रिय है और द्विपक्षीय व्यापार, विशेष रूप से जेम्स और ज्वेलरी सेक्टर में,अहम भूमिका निभाती है। उन्होंने इस समुदाय के सदस्यों से मुलाकात कर न केवल उनकी भूमिका की सराहना की,बल्कि भविष्य में इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के संभावित उपायों पर भी चर्चा की।
इज़रायल वैश्विक स्तर पर डायमंड कटिंग और पॉलिशिंग उद्योग में अग्रणी देशों में से एक है,जबकि भारत भी इस क्षेत्र में मजबूत उपस्थिति रखता है। ऐसे में दोनों देशों के बीच एफटीए इस सेक्टर को नए अवसर दे सकता है। दोनों देशों के उद्योग जगत की अपेक्षा है कि एफटीए के बाद जेम्स एंड ज्वेलरी के निर्यात–आयात में लागत कम होगी और व्यापार बढ़ेगा।
कुल मिलाकर,एफटीए वार्ता की शुरुआत भारत–इज़रायल आर्थिक संबंधों में एक नए अध्याय का संकेत देती है। रक्षा सहयोग,टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और सामरिक साझेदारी से आगे बढ़कर अब दोनों देश व्यापार और निवेश के क्षेत्र में भी एक मजबूत गठजोड़ की ओर बढ़ रहे हैं।
गोयल ने कहा कि एफटीए पूरा होने के बाद भारत और इज़रायल न केवल द्विपक्षीय व्यापार को कई गुना बढ़ाने में सक्षम होंगे,बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। आने वाले महीनों में दोनों देशों की टीमें टीओआर के अनुसार कई दौर की विस्तृत वार्ताएँ करेंगी,जिसके बाद अंतिम समझौते का मसौदा तैयार किया जाएगा।
इज़रायल मध्य पूर्व में भारत का एक रणनीतिक साझेदार रहा है और अब मुक्त व्यापार समझौता इस संबंध को आर्थिक रूप से नई मजबूती देने की ओर एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।

