पीएम मोदी और इटली के उपप्रधानमंत्री एंटोनियो ताजानी (तस्वीर क्रेडिट@airnewskurseong)

भारत–इटली संबंधों को नई गति: पीएम मोदी और उपप्रधानमंत्री एंटोनियो ताजानी की मुलाकात में रणनीतिक साझेदारी पर जोर

नई दिल्ली,11 दिसंबर (युआईटीवी)- भारत और इटली के बीच गहराते राजनयिक और रणनीतिक संबंधों को एक बार फिर नई ऊर्जा मिली,जब इटली के उपप्रधानमंत्री एवं विदेश और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंत्री एंटोनियो ताजानी ने बुधवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच बढ़ते भरोसे,सहयोग और वैश्विक मुद्दों पर एक-दूसरे के प्रति समर्थन को दर्शाती है। वर्ष 2024 में यह उनकी दूसरी भारत यात्रा है,जो भारत–इटली साझेदारी के महत्व को और मजबूत करती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली के उपप्रधानमंत्री के साथ मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर साझा करते हुए लिखा कि उन्हें ताजानी से मिलकर अत्यंत प्रसन्नता हुई। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर इटली–भारत संयुक्त रणनीतिक कार्य योजना 2025–2029 का उल्लेख किया,जो व्यापार,निवेश,अनुसंधान,नवाचार, रक्षा,अंतरिक्ष,संपर्क,आतंकवाद–रोधी उपायों,शिक्षा और जन–संबंधों जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को नई दिशा प्रदान करती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों पक्ष जिस सक्रियता से इस कार्य योजना को आगे बढ़ा रहे हैं,वह आने वाले वर्षों में द्विपक्षीय संबंधों को और समृद्ध बनाएगी। उनके अनुसार,भारत–इटली मित्रता आज पहले से कहीं अधिक मजबूत है और इसका सकारात्मक प्रभाव दोनों देशों की जनता के साथ ही वैश्विक समुदाय पर भी पड़ रहा है।

मुलाकात के बाद इतालवी उपप्रधानमंत्री एंटोनियो ताजानी ने भी ‘एक्स’ प्लेटफ़ॉर्म पर अपने विचार साझा किए और प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई चर्चा को अत्यंत सौहार्दपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इटली और भारत के बीच बढ़ती और मजबूत मित्रता न सिर्फ दो राष्ट्रों के बीच भरोसे का प्रतीक है,बल्कि यह साझा रणनीतिक साझेदारी को नए आयाम भी प्रदान कर रही है। ताजानी ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश एक-दूसरे की उपस्थिति को अपने-अपने क्षेत्रों में मजबूत करना चाहते हैं—चाहे वह आर्थिक सहयोग हो,तकनीकी निवेश हो या कूटनीतिक प्रयास। उन्होंने कहा कि एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका को जोड़ने वाले भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर (आईएमईसी) के माध्यम से दोनों देश अपने संबंधों को और गहन बनाएँगे। इस कॉरिडोर को दोनों देशों ने वैश्विक सप्लाई चेन और आर्थिक साझेदारी को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है।

ताजानी ने वैश्विक शांति की दिशा में संयुक्त प्रयासों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इटली और भारत,यूक्रेन और मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता स्थापित करने के प्रति प्रतिबद्ध हैं। यह संदेश स्पष्ट करता है कि दोनों राष्ट्र न सिर्फ द्विपक्षीय सहयोग,बल्कि अंतर्राष्ट्रीय शांति प्रयासों में भी साझेदार की भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने आशा जताई कि आने वाले समय में इन क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए दोनों देशों के बीच अधिक समन्वय और सहयोग देखने को मिलेगा।

इटली के उपप्रधानमंत्री की इस यात्रा का एक और प्रमुख पड़ाव भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात रही। इस मुलाकात में जयशंकर ने ताजानी और उनके प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि एक वर्ष में ताजानी की यह दूसरी यात्रा भारत–इटली संबंधों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और गंभीरता को दर्शाती है। विदेश मंत्री ने कहा कि यह लगातार संवाद हमारे आपसी भरोसे और साझेदारी को और मजबूत बनाता है। जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि लोकतांत्रिक मूल्यों,सांस्कृतिक विरासत,सभ्यतागत संबंधों और वैश्विक स्थिरता के प्रति साझा प्रतिबद्धता भारत–इटली संबंधों की नींव है।

दोनों नेताओं ने विचार-विमर्श के दौरान व्यापार और निवेश में वृद्धि,रक्षा और सुरक्षा सहयोग के विस्तार,साइबर सुरक्षा,कौशल विकास,तकनीकी नवाचार तथा शिक्षा के क्षेत्र में साझेदारी को गहरा करने पर विस्तृत चर्चा की। बताया गया कि दोनों देश रक्षा उत्पादन,सह-निर्माण,अंतरिक्ष अनुसंधान और समुद्री सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भी एक-दूसरे के साथ सहयोग बढ़ाने के इच्छुक हैं।

भारत और इटली के बीच हाल के वर्षों में आर्थिक संबंध भी काफी मजबूत हुए हैं। दोनों देशों के बीच व्यापारिक आँकड़ों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। इटली,यूरोपियन यूनियन में भारत का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और निवेश साझेदार है। वहीं इटली की कंपनियाँ भारत में विनिर्माण,ऑटोमोबाइल,ऊर्जा,डिजाइन और फैशन सहित कई क्षेत्रों में निवेश कर रही हैं। ताजानी की यात्रा से इन आर्थिक संभावनाओं को नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

सांस्कृतिक और जन–संपर्क के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच गहरा संबंध है। दोनों देशों के बीच छात्र आदान–प्रदान कार्यक्रम,सांस्कृतिक उत्सव,कला और शोध के क्षेत्रों में उल्लेखनीय सहयोग हो रहा है। इस यात्रा के दौरान इन क्षेत्रों में नई पहल शुरू करने पर भी चर्चा की गई।

इटली के उपप्रधानमंत्री की यह यात्रा ऐसे समय में हुई है,जब विश्व की राजनीति और अर्थव्यवस्था दोनों तेज़ बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में भारत और इटली जैसे लोकतांत्रिक और उभरते राष्ट्रों के बीच सहयोग का दायरा बढ़ना वैश्विक परिदृश्य के लिए भी सकारात्मक संकेत है। इस मुलाकात ने स्पष्ट कर दिया कि आने वाले वर्षों में भारत–इटली संबंध और अधिक गहरे और व्यापक रूप में विकसित होंगे—चाहे वह रणनीतिक क्षेत्र हों,आर्थिक साझेदारी हो या वैश्विक शांति का प्रश्न।

इस उच्चस्तरीय यात्रा ने यह संदेश दिया है कि दोनों देश एक-दूसरे को सिर्फ कूटनीतिक साझेदार नहीं,बल्कि वैश्विक मित्र के रूप में देखते हैं। आने वाले समय में संयुक्त रणनीतिक कार्य योजना और अन्य सहयोगात्मक पहलों के माध्यम से भारत और इटली दोनों देशों की जनता के लिए नए अवसर,नई संभावनाएँ और नए अध्याय खुलने की उम्मीद है।