इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (तस्वीर क्रेडिट@JaikyYadav16)

भारत-इटली संबंधों में नई मजबूती: पीएम मेलोनी ने पीएम मोदी को रोम आमंत्रित किया,2026 में होने की उम्मीद

नई दिल्ली,11 दिसंबर (युआईटीवी)- भारत और इटली के बीच रणनीतिक,आर्थिक और कूटनीतिक साझेदारी को नई दिशा देने के प्रयास एक बार फिर तेज हो गए हैं। इसी क्रम में इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले वर्ष रोम आने का आधिकारिक निमंत्रण दिया है,जिसे पीएम मोदी ने स्वीकार कर लिया है। हालाँकि,यात्रा की सटीक तारीख अभी घोषित नहीं हुई है,लेकिन इटली की सरकार ने संकेत दिया है कि यह महत्वपूर्ण दौरा वर्ष 2026 के दौरान संभवतः किसी उपयुक्त समय पर आयोजित किया जाएगा। यह आमंत्रण दोनों देशों के बीच बढ़ते विश्वास और प्रगाढ़ साझेदारी का प्रतीक माना जा रहा है।

पीएम मोदी के साथ हुई बैठक को लेकर इटली के डिप्टी प्रधानमंत्री तथा विदेश मामलों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंत्री एंटोनियो ताजानी ने सकारात्मक और उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात बेहद सार्थक और उपयोगी रही। ताजानी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री की ओर से पीएम मोदी को इटली आने का निमंत्रण दिया और उन्हें खुशी हुई कि इस पर प्रधानमंत्री ने तत्परता से ‘हाँ ’ कहा। उनके अनुसार 2026 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली की धरती पर होंगे,जो दोनों देशों की साझेदारी को और मजबूत करेगा।

ताजानी ने स्पष्ट किया कि मुलाकात के दौरान व्यापार,रणनीतिक सहयोग,इंडस्ट्रियल कोऑपरेशन,वैश्विक शांति और कूटनीतिक सहयोग जैसे कई अहम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। उन्होंने खास तौर पर इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (आईएमईसी) पर भी बात की,जिसे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और ऊर्जा कनेक्टिविटी के लिए एक बड़ा गेमचेंजर माना जा रहा है। ताजानी ने कहा कि भारत और इटली के बीच संबंध बेहद मजबूत हैं और आने वाले सालों में इस दोस्ती को नई ऊँचाइयों तक ले जाने की आवश्यकता है।

यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया की अस्थिरता जैसे गंभीर वैश्विक मुद्दों पर भी दोनों देशों ने खुलकर विचार साझा किए। ताजानी ने विशेष रूप से कहा कि यूक्रेन संकट के समाधान की दिशा में रूस को आगे बढ़ाने में भारत की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। अंतर्राष्ट्रीय शांति प्रयासों में भारत की हिस्सेदारी और वैश्विक कूटनीति में उसकी स्थिति को इटली लंबे समय से सराहता रहा है और यह चर्चा उसी मजबूत समझ का हिस्सा रही है।

भारत और इटली के द्विपक्षीय व्यापारिक संबंध पिछले वर्षों में उल्लेखनीय रूप से मजबूत हुए हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच व्यापार 14.56 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया। भारत जहाँ इटली को इंजीनियरिंग सामान,इलेक्ट्रॉनिक्स,फॉर्मास्यूटिकल्स,कपड़ा और ऑटोमोबाइल उपकरण जैसी वस्तुएँ निर्यात करता है,वहीं इटली भारत को मशीनरी,रसायन,उन्नत टेक्नोलॉजी और ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान करता है। यह व्यापारिक संबंध न केवल दोनों देशों की आर्थिक संरचना को मजबूत करते हैं,बल्कि आपसी निर्भरता और विश्वास को भी बढ़ाते हैं।

वर्तमान में दोनों देश 2025 से 2029 तक की संयुक्त कार्य योजना पर काम कर रहे हैं,जिसमें उन्नत प्रौद्योगिकी,नवाचार,निवेश,नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटलीकरण जैसे प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। सौर ऊर्जा,ग्रीन हाइड्रोजन,स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग और साइबर टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग को भविष्य का प्रमुख आधार माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह संयुक्त रोडमैप आने वाले वर्षों में भारत-इटली साझेदारी को वैश्विक मंच पर और अधिक प्रभावी बनाएगा।

इटली के साथ भारत के कूटनीतिक संबंधों को हाल ही में तब और मजबूती मिली जब नवंबर 2024 में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इटली का महत्वपूर्ण दौरा किया। इस दौरान उन्होंने इटली के उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री एंटोनियो ताजानी के साथ व्यापक चर्चा की थी। इस बैठक के बाद प्रवासन साझेदारी समझौते और सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम सहित कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इन समझौतों का उद्देश्य दोनों देशों के बीच जनमानस,शिक्षा,संस्कृति और कौशल आधारित सहयोग को मजबूत बनाना है।

अपने दौरे के दौरान जयशंकर ने पोस्ट कर बताया था कि भारत-इटली की रणनीतिक साझेदारी में आगे बढ़ने के लिए कृषि-तकनीक,नवाचार,अंतरिक्ष,रक्षा उत्पादन और डिजिटल टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में व्यापक संभावनाएँ हैं। इटली भी भारत के साथ इन क्षेत्रों में दीर्घकालिक सहयोग को लेकर उत्साहित है। यह दौरा दोनों देशों के बीच भविष्य की साझेदारी के लिए एक मजबूत नींव के रूप में देखा जा रहा है।

भारत और इटली दोनों ही वैश्विक मंच पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले देश हैं। एक तरफ भारत तेजी से उभरती आर्थिक शक्ति है,वहीं दूसरी तरफ इटली यूरोप की प्रमुख औद्योगिक और तकनीकी इकाई के रूप में जाना जाता है। ऐसे में दोनों देशों के बीच यह सहयोग न केवल एक-दूसरे के विकास में मददगार साबित होगा,बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था और कूटनीति में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और प्रधानमंत्री मोदी के बीच पिछले कुछ वर्षों में बनी व्यक्तिगत समीपता और राजनीतिक समझ ने भी इस साझेदारी को नई दिशा दी है। मेलोनी ने पहले भी भारत के नेतृत्व और वैश्विक मंच पर उसकी भूमिका की प्रशंसा की है। ‘मेलोडी’ टैग के जरिए सोशल मीडिया पर भी दोनों नेताओं की दोस्ती और सहजता को खूब सराहा गया है।

पीएम मोदी का प्रस्तावित इटली दौरा न केवल दोनों देशों के रिश्तों को और गहरा करेगा,बल्कि यूरोप के साथ भारत की कूटनीतिक और आर्थिक पहुँच को भी मजबूत बनाएगा। यह यात्रा वैश्विक चुनौतियों का सामना करने,तकनीकी सहयोग बढ़ाने और व्यापार को नई दिशा देने में निर्णायक भूमिका निभा सकती है। दोनों देश यह उम्मीद कर रहे हैं कि 2026 में होने वाला यह दौरा भारत-इटली संबंधों के लिए ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा।