वडोदरा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोड शो (तस्वीर क्रेडिट@BeingArun28)

भारत बना इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण का वैश्विक केंद्र: प्रधानमंत्री मोदी ने ‘ई-विटारा’ निर्यात को हरी झंडी दिखाई

अहमदाबाद,26 अगस्त (युआईटीवी)- अहमदाबाद के हंसलपुर में मंगलवार सुबह का दृश्य ऐतिहासिक बन गया,जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में बने पहले वैश्विक बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) ‘ई-विटारा’ को हरी झंडी दिखाकर 100 से अधिक देशों के लिए निर्यात की शुरुआत की। यह क्षण न केवल भारत की हरित परिवहन क्रांति में मील का पत्थर साबित हुआ,बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ के विज़न को भी साकार करता दिखा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहा कि यह दिन भारत के लिए विशेष है क्योंकि देश अब हरित गतिशीलता (ग्रीन मोबिलिटी) और आत्मनिर्भरता की दिशा में निर्णायक कदम उठा रहा है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “भारत की आत्मनिर्भरता और हरित गतिशीलता का केंद्र बनने की दिशा में आज एक महत्वपूर्ण दिन है। हंसलपुर में आयोजित कार्यक्रम में ‘ई-विटारा’ को हरी झंडी दिखाई जाएगी। यह बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन भारत में निर्मित है और 100 से अधिक देशों में निर्यात किया जाएगा।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम के दौरान गुजरात स्थित टीडीएस लिथियम-आयन बैटरी संयंत्र में हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड के स्थानीय उत्पादन की भी शुरुआत की। जापान की तीन प्रमुख कंपनियों—तोशिबा,डेंसो और सुजुकी के संयुक्त उद्यम के तहत इस संयंत्र को बनाया गया है। इस कदम से भारत में बैटरी निर्माण क्षमता में भारी वृद्धि होगी और अनुमान है कि अब देश में 80 प्रतिशत से अधिक बैटरियों का निर्माण स्थानीय स्तर पर ही किया जाएगा।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने अपने बयान में कहा कि, “26 अगस्त को सुबह लगभग 10:30 बजे प्रधानमंत्री मोदी अहमदाबाद के हंसलपुर में हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड के स्थानीय उत्पादन का उद्घाटन करेंगे और 100 देशों को बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्यात को हरी झंडी दिखाएँगे। यह पहल भारत के हरित परिवहन के वैश्विक केंद्र के रूप में उभरने को दर्शाती है।”

‘ई-विटारा’ का लॉन्च और निर्यात न केवल भारत की तकनीकी क्षमताओं का परिचायक है,बल्कि यह भी दिखाता है कि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग अब वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने को तैयार है। मारुति सुजुकी का यह पहला वैश्विक इलेक्ट्रिक मॉडल है,जिसे भारत में डिजाइन और निर्मित किया गया है। इसे अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित किया गया है और अब यह विभिन्न महाद्वीपों के देशों में सड़कों पर दौड़ने के लिए तैयार है।

यह पहल भारत की ‘ग्रीन एनर्जी’ नीति को भी नई ऊँचाइयों पर ले जाती है। जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण जैसी चुनौतियों के बीच इलेक्ट्रिक वाहन भविष्य की आवश्यकता बन चुके हैं। भारत,जो लंबे समय तक पेट्रोलियम आयात पर निर्भर रहा,अब धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर बढ़ रहा है। ‘ई-विटारा’ के जरिए न केवल घरेलू उपभोक्ताओं को बेहतर विकल्प मिलेगा,बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी भारतीय इंजीनियरिंग की शक्ति प्रदर्शित होगी।

हंसलपुर में आयोजित समारोह के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि यह केवल एक कार के निर्यात की शुरुआत नहीं है,बल्कि यह भारत की सामूहिक इच्छाशक्ति और प्रगति का प्रतीक है। उन्होंने इसे हरित ऊर्जा और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में भारत की यात्रा का नया अध्याय बताया। प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह पहल देश के बैटरी इकोसिस्टम को मजबूत करेगी और ऊर्जा क्षेत्र में भारत की निर्भरता को कम करेगी।

गुजरात में स्थापित टीडीएस लिथियम-आयन बैटरी संयंत्र इस दिशा में अहम भूमिका निभाएगा। यह संयंत्र बैटरी निर्माण में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करेगा और घरेलू बाजार के साथ-साथ निर्यात को भी सशक्त बनाएगा। प्रधानमंत्री ने इसे स्वच्छ ऊर्जा नवाचार और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस परियोजना से भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की माँग और आपूर्ति दोनों में तेजी आएगी। जहाँ एक ओर उपभोक्ताओं को विश्व स्तरीय इलेक्ट्रिक कारें उपलब्ध होंगी,वहीं दूसरी ओर देश की आर्थिक प्रगति को भी नई गति मिलेगी। रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और भारत इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण में एशिया ही नहीं,बल्कि पूरी दुनिया का एक अहम केंद्र बनकर उभरेगा।

‘ई-विटारा’ का अंतर्राष्ट्रीय निर्यात भारत की वैश्विक छवि को भी मजबूती देगा। यह दिखाएगा कि भारत केवल पारंपरिक उद्योगों तक सीमित नहीं,बल्कि आधुनिक तकनीक और नवाचार में भी अग्रणी भूमिका निभा सकता है। यह आत्मनिर्भर भारत के उस सपने की झलक है,जिसमें देश न केवल अपनी जरूरतें पूरी करता है,बल्कि दुनिया को भी समाधान उपलब्ध कराता है।

इस ऐतिहासिक अवसर ने भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग को एक नई दिशा दी है। ‘ई-विटारा’ अब उन सैकड़ों देशों में भारतीय नवाचार और आत्मनिर्भरता की पहचान बनेगी,जहाँ इसका निर्यात किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की यह पहल न केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए,बल्कि आने वाले समय के लिए भी हरित भविष्य का वादा करती है।

इस प्रकार,अहमदाबाद के हंसलपुर से निकली ‘ई-विटारा’ सिर्फ एक कार नहीं,बल्कि भारत के आत्मनिर्भर और हरित भविष्य की प्रतीक है। यह कदम भारत को वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहन मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करेगा और देश को हरित ऊर्जा और सतत विकास की ओर अग्रसर करेगा।