नई दिल्ली,15 अक्टूबर (युआईटीवी)- भारत और मंगोलिया के बीच ऐतिहासिक मित्रता और सांस्कृतिक संबंधों को नई दिशा देने के उद्देश्य से मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना भारत की चार दिवसीय राजकीय यात्रा पर हैं। इस यात्रा के दौरान मंगलवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेताओं से विस्तृत बातचीत की। दोनों देशों के बीच यह वार्ता ऐसे समय में हुई है,जब भारत और मंगोलिया अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ और रणनीतिक साझेदारी के 10 वर्ष पूरे कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राष्ट्रपति खुरेलसुख का स्वागत करते हुए लिखा कि दिल्ली में उनका स्वागत करके और उनके साथ विस्तृत वार्ता करके उन्हें खुशी हुई। उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत-मंगोलिया मैत्री को और सुदृढ़ बनाने में मील का पत्थर साबित होगी। प्रधानमंत्री ने बताया कि वार्ता के दौरान दोनों देशों ने ऊर्जा,कौशल विकास,सूचना प्रौद्योगिकी,महत्वपूर्ण खनिज,दुर्लभ मृदा तत्वों और कृषि जैसे विविध क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। मोदी ने कहा कि भारत और मंगोलिया “वैश्विक दक्षिण” की आवाज को मजबूत करने और विश्व में समानता आधारित समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं।
भारत और मंगोलिया के बीच सांस्कृतिक संबंध सदियों पुराने हैं,जो बौद्ध धर्म के साझा आध्यात्मिक मूल्यों पर आधारित हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस पहलू को विशेष रूप से रेखांकित करते हुए कहा कि सांस्कृतिक बंधन दोनों देशों की मित्रता के केंद्र में हैं। इसी क्रम में भारत ने मंगोलिया को भगवान बुद्ध के दो प्रमुख शिष्यों के पवित्र अवशेष सौंपने का निर्णय लिया है,जिससे दोनों देशों के बीच धार्मिक और सांस्कृतिक जुड़ाव और गहरा होगा। इसके साथ ही,गंडन मठ में संस्कृत शिक्षण की क्षमता को बढ़ाने और मंगोलिया में पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण के प्रयासों में भारत के सहयोग का भी निर्णय लिया गया है।
Happy to have welcomed President Khurelsukh and held extensive talks with him in Delhi today. His visit comes at a time when India and Mongolia are marking 70 years of diplomatic ties and a decade of our Strategic Partnership. We agreed to keep working together to further amplify… pic.twitter.com/FeIsEJxYh9
— Narendra Modi (@narendramodi) October 14, 2025
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति खुरेलसुख की मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया। खासतौर पर,ऊर्जा सुरक्षा,जलवायु परिवर्तन और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में साझेदारी को मजबूत करने पर सहमति बनी। भारत ने मंगोलिया को सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं के विकास में तकनीकी सहायता देने की पेशकश की,जबकि मंगोलिया ने भारत के साथ अपने महत्वपूर्ण खनिज संसाधनों के दोहन में सहयोग का प्रस्ताव रखा।
इसके अतिरिक्त,दोनों देशों ने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता भी दोहराई। भारत मंगोलिया में आईटी प्रशिक्षण और डिजिटल बुनियादी ढाँचे के विकास में मदद करेगा,जबकि मंगोलिया ने भारतीय शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी के लिए उत्सुकता दिखाई है। पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहमति बनी है कि आयुर्वेद और मंगोलियाई पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों के आदान-प्रदान से लोगों के स्वास्थ्य लाभ को बढ़ावा मिलेगा।
इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी राष्ट्रपति भवन में मंगोलियाई राष्ट्रपति खुरेलसुख का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने उनके सम्मान में एक भव्य राजकीय भोज का आयोजन किया,जिसमें दोनों देशों के शीर्ष अधिकारी और राजनयिक उपस्थित रहे। राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि भारत और मंगोलिया के संबंध केवल राजनयिक नहीं,बल्कि आत्मीय और ऐतिहासिक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश लोकतंत्र,शांति और वैश्विक सहयोग जैसे साझा मूल्यों पर आधारित हैं और यही मूल्य इन संबंधों को स्थायी बनाते हैं।
राष्ट्रपति खुरेलसुख ने भारत सरकार और जनता के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत ने हमेशा मंगोलिया के विकास और आध्यात्मिक उन्नति में सहयोग किया है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने विश्व पटल पर अपनी भूमिका को मजबूत किया है और मंगोलिया इस प्रगति को सम्मान की दृष्टि से देखता है।
यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है,जब दोनों देश नवीकरणीय ऊर्जा,शिक्षा,डिजिटल सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में नई संभावनाओं की तलाश कर रहे हैं। भारत की “एक्ट ईस्ट” नीति के तहत मंगोलिया को एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में देखा जा रहा है। वहीं,मंगोलिया के लिए भारत एशिया में एक भरोसेमंद विकास साझेदार और लोकतांत्रिक सहयोगी है।
भारत और मंगोलिया के बीच यह राजकीय यात्रा न केवल आपसी सहयोग के नए अध्याय की शुरुआत है,बल्कि यह दोनों देशों के गहरे ऐतिहासिक,सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों का पुनर्पुष्टिकरण भी है। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति खुरेलसुख की यह मुलाकात इस बात का प्रतीक है कि भारत और मंगोलिया भविष्य में मिलकर न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक स्तर पर भी शांति,स्थिरता और विकास के साझा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एकजुट रहेंगे।
इस प्रकार,खुरेलसुख उखना की भारत यात्रा ने भारत-मंगोलिया रणनीतिक साझेदारी को नई गति और नई दिशा दी है,जो दोनों देशों के बीच स्थायी मित्रता की एक और मजबूत कड़ी साबित होगी।
