नई दिल्ली,2 अगस्त (युआईटीवी)- नई दिल्ली में शुक्रवार को विदेश मंत्रालय ने भारत और रूस के बीच संबंधों को लेकर स्पष्ट और ठोस रुख अपनाते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच की साझेदारी मजबूत और भरोसेमंद है और यह संबंध किसी तीसरे देश के नजरिए से नहीं देखे जा सकते। यह बयान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया। उनकी यह टिप्पणी अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो के हालिया बयान के 24 घंटे बाद आई है,जिसमें रूबियो ने भारत के रूस से तेल खरीदने को अमेरिका-भारत संबंधों में संभावित तनाव का कारण बताया था।
रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत अपने सभी द्विपक्षीय संबंधों को उनकी अंतर्निहित विशेषताओं और योग्यता के आधार पर देखता है। उन्होंने दोहराया कि भारत की विदेश नीति स्वतंत्र है और वह अपने राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत-रूस संबंध दशकों पुराने हैं और अनेक क्षेत्रों में पारस्परिक सहयोग,विश्वास और साझेदारी पर आधारित हैं।
भारत और रूस के बीच के इन संबंधों में रक्षा,ऊर्जा,विज्ञान एवं तकनीक,अंतरिक्ष, व्यापार और सांस्कृतिक सहयोग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं। भारत कई दशकों से रूस से रक्षा उपकरण और सैन्य प्रौद्योगिकी प्राप्त करता रहा है और हाल के वर्षों में ऊर्जा क्षेत्र में यह साझेदारी और भी मजबूत हुई है,विशेषकर रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद की परिस्थितियों में। 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से ही भारत ने वैश्विक दबावों के बावजूद रूस से तेल की खरीद जारी रखी,क्योंकि यह आर्थिक दृष्टि से उसके लिए फायदेमंद और उसकी ऊर्जा जरूरतों के अनुरूप था।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने गुरुवार को एक रेडियो साक्षात्कार में भारत के रूस से तेल खरीदने को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि यह अमेरिका और भारत के बीच रिश्तों में एक जटिलता का कारण बन सकता है। रूबियो ने यह भी स्वीकार किया कि भारत एक रणनीतिक साझेदार है,लेकिन विदेश नीति में हमेशा 100 प्रतिशत सहमति नहीं होती। उन्होंने भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को समझते हुए यह कहा कि भारत वैश्विक बाजार से सस्ता तेल खरीदने के अपने अधिकार का प्रयोग कर रहा है और रूस को आर्थिक लाभ हो रहा है,जिससे वह अपने युद्ध प्रयासों को आगे बढ़ा पा रहा है।
रूसी तेल पर पश्चिमी देशों की पाबंदियों के चलते रूस भारत जैसे देशों को छूट और सस्ती दरों पर कच्चा तेल बेच रहा है। भारत ने इसे अपनी ऊर्जा सुरक्षा का एक अवसर माना और दीर्घकालिक समझौतों से लाभ उठाया। भारत का यह रुख एक स्वायत्त और बहुध्रुवीय विदेश नीति को दर्शाता है,जहाँ वह अपनी प्राथमिकताओं के अनुरूप निर्णय लेता है न कि बाहरी दबाव में।
हालाँकि,अमेरिका की ओर से भारत की आलोचना के स्वर केवल रूबियो तक सीमित नहीं हैं। अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी हाल ही में भारत पर तीखा हमला करते हुए उसके व्यापारिक अवरोधों और रूस से व्यापार को लेकर नाराजगी जताई थी। उन्होंने भारत से आने वाले आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी,जो 1 अगस्त से लागू होने वाला था। हालाँकि,अब इस निर्णय को 7 अगस्त तक टाल दिया गया है,लेकिन यह घटनाक्रम भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में तनाव की संभावना को दिखाता है।
इस पूरी स्थिति में भारत का रुख स्पष्ट और आत्मनिर्भरता पर आधारित है। विदेश मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया कि भारत की प्राथमिकता उसकी जनता की ऊर्जा जरूरतें और आर्थिक विकास हैं। ऐसे में भारत किसी भी देश के साथ अपने रिश्ते इस दृष्टिकोण से तय करता है कि वह द्विपक्षीय हितों को किस हद तक पूरा करते हैं। रणधीर जायसवाल ने यह भी कहा कि भारत का रूस के साथ संबंध दशकों से विकसित हुआ है और इसमें पारस्परिक लाभ,विश्वास और गहराई है। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत और अमेरिका के बीच भी रणनीतिक साझेदारी मजबूत है और अनेक वैश्विक मुद्दों पर सहयोग जारी है।
भारत ने हमेशा से एक स्वतंत्र विदेश नीति का पालन किया है,जिसमें वह सभी देशों से अपने हितों के अनुरूप संबंध बनाता है,चाहे वह रूस हो,अमेरिका या कोई अन्य देश। वैश्विक मंच पर भारत की यह स्थिति उसके बढ़ते कद और रणनीतिक संतुलन को दर्शाती है। रूस से तेल खरीद के मुद्दे पर भारत की स्थिति यह संकेत देती है कि वह किसी एक ध्रुवीय गठजोड़ में बंधने के बजाय अपने राष्ट्रीय हितों के अनुसार तटस्थ और व्यावहारिक नीति अपनाना चाहता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल का बयान भारत की परिपक्व,स्वतंत्र और राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देने वाली विदेश नीति की झलक है,जिसमें भारत स्पष्ट कर रहा है कि वह वैश्विक दबावों से नहीं,बल्कि अपनी आत्मनिर्भर सोच और व्यावसायिक हितों के आधार पर निर्णय लेता है। भारत-रूस संबंधों की मजबूती और भारत की रणनीतिक संतुलन की नीति आने वाले समय में उसकी वैश्विक स्थिति को और मजबूत करने में सहायक होगी।