नई दिल्ली,12 जून (युआईटीवी)- बीते 11 वर्षों में भारत ने डिजिटल क्षेत्र में जो विशाल और प्रभावशाली प्रगति की है, वह वैश्विक मंच पर देश को एक नई पहचान दिला चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में शुरू की गई “डिजिटल इंडिया” पहल ने न केवल प्रशासन को आम नागरिक के करीब लाया,बल्कि टेक्नोलॉजी को जनसाधारण के जीवन का अभिन्न हिस्सा बना दिया। इस परिवर्तन को मोदी सरकार की युवा-केन्द्रित,नवाचार-प्रेरित और आत्मनिर्भरता-उन्मुख नीति का प्रतिफल कहा जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने आधिकारिक “एक्स” (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर भारत के डिजिटल विकास को लेकर युवाओं को इसका श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि देश की युवा पीढ़ी के सहयोग और टेक्नोलॉजी के नए प्रयोगों ने भारत को इनोवेशन और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के क्षेत्र में उल्लेखनीय ऊँचाइयों तक पहुँचाया है। यह विकास न केवल देश की आत्मनिर्भरता को मज़बूती देता है,बल्कि भारत को एक उभरती हुई वैश्विक तकनीकी महाशक्ति भी बनाता है।
एक अन्य पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने तकनीक के लाभों को गिनाते हुए कहा कि इससे सर्विस डिलीवरी बेहतर हुई है और पारदर्शिता को बढ़ावा मिला है। तकनीक अब सिर्फ सुविधा नहीं,बल्कि सबसे गरीब व्यक्ति तक पहुँचने वाला एक सशक्तिकरण का माध्यम बन चुकी है। डिजिटल पेमेंट्स,ई-गवर्नेंस,ऑनलाइन स्वास्थ्य सेवाएँ,शिक्षा और ग्रामीण कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में इसका असर स्पष्ट दिखाई दे रहा है।
भारत सरकार के आधिकारिक डिजिटल संचार मंच “माईगव इंडिया” ने भी डिजिटल इंडिया की 11 वर्षों की यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत अब टेक्नोलॉजी आधारित शासन,वैश्विक भरोसे और डिजिटल इनोवेशन का केंद्र बन चुका है। चाहे मैन्युफैक्चरिंग हो,स्पेस टेक्नोलॉजी, डिजिटल बैंकिंग या फिर ग्रामीण क्षेत्रों तक इंटरनेट की पहुँच से इन सभी क्षेत्रों में भारत ने एक स्थायी और गहरा परिवर्तन लाया है।
“माईगव इंडिया” के एक अन्य पोस्ट में कहा गया कि 11 साल पहले एक ‘साइलेंट डिजिटल क्रांति’ की शुरुआत हुई थी,जिसने भारत के शासन और विकास के ढाँचे को नए सिरे से गढ़ा। डिजिटल इंडिया पहल ने तकनीक को केवल आँकड़ों की दुनिया तक सीमित नहीं रखा,बल्कि इसे सशक्तिकरण और अवसरों के द्वार खोलने वाला माध्यम बनाया।
डिजिटल इंडिया ने ग्रामीण भारत को मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया है। अब गाँव-गाँव में इंटरनेट है,किसान डिजिटली जानकारी लेते हैं,छात्र ऑनलाइन शिक्षा पाते हैं और छोटे कारोबारी यूपीआई से ट्रांजेक्शन करते हैं। यह बदलाव गहराई से जमी हुई असमानताओं को मिटाकर सबको बराबरी का अवसर दे रहा है।
डिजिटल इंडिया के सबसे बड़े स्तंभों में से एक है रीयल टाइम डिजिटल पेमेंट सिस्टम,जैसे कि यूपीआई। इसकी सफलता ने न केवल देश के आर्थिक लेनदेन को आसान बनाया,बल्कि भारत को फिनटेक इनोवेशन में वैश्विक अगुवा बना दिया। अब यह मॉडल अन्य देशों द्वारा अपनाया जा रहा है,जिससे भारत का तकनीकी नेतृत्व वैश्विक स्तर पर स्थापित हो रहा है।
डिजिटल इंडिया की यह यात्रा केवल टेक्नोलॉजी,डेटा या विकास दर तक सीमित नहीं है। यह भारत के आम नागरिक,विशेषकर ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के लोगों के जीवन में बदलाव लाने की कहानी है। शासन अब एक-दिशात्मक प्रक्रिया नहीं रह गई है,बल्कि नागरिक भागीदारी पर आधारित,पारदर्शी और तेज़ बन चुका है।
प्रधानमंत्री मोदी की डिजिटल इंडिया की कल्पना अब एक ठोस और जीती-जागती सच्चाई बन चुकी है। आने वाले समय में यह पहल न केवल भारत को तकनीकी रूप से सशक्त बनाएगी,बल्कि जनसामान्य के जीवन को और बेहतर,सरल और सक्षम बनाने की दिशा में एक मजबूत आधारशिला साबित होगी।