अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (तस्वीर क्रेडिट@Mahsar_khan)

टेक्सास में भारतीय नागरिक की हत्या पर ट्रंप का कड़ा बयान,’न्याय की पूरी सीमा तक कार्रवाई’ करने का किया वादा,बाइडेन प्रशासन पर साधा निशाना

वाशिंगटन,15 सितंबर (युआईटीवी)- अमेरिका के टेक्सास राज्य से सामने आई एक दर्दनाक और भयावह घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय को,बल्कि पूरी भारतीय डायस्पोरा को गहरे सदमे में डाल दिया है। डलास शहर के एक मोटल में 41 वर्षीय भारतीय नागरिक चंद्र नागमल्लैया की बेरहमी से हत्या कर दी गई। आरोपी ने न केवल उनकी हत्या की बल्कि सिर काटकर उसे मोटल परिसर के बाहर कूड़ेदान में फेंक दिया। इस वीभत्स हत्या के बाद अमेरिका में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। स्वयं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और दोषियों के खिलाफ न्याय की पूरी सीमा तक कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

घटना 10 सितंबर को हुई,जब नागमल्लैया अपने परिवार के साथ डलास के एक मोटल में ठहरे हुए थे। उसी समय 37 वर्षीय आरोपी मार्टिनेज,जो क्यूबा से अवैध रूप से अमेरिका आया था,अचानक हथियार लेकर उन पर टूट पड़ा। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक विचलित करने वाले वीडियो में साफ देखा गया कि मार्टिनेज एक कुल्हाड़ी हाथ में लेकर नागमल्लैया का पीछा कर रहा है। इसके बाद उसने उन पर हमला किया और सिर धड़ से अलग कर दिया। वीडियो में यह भी नजर आया कि आरोपी ने पीड़ित के सिर को मोटल की पार्किंग में लात मारी और फिर उसे कूड़ेदान में फेंक दिया। यह पूरा दृश्य नागमल्लैया की पत्नी और बेटे के आँखों के सामने घटित हुआ,जिससे परिवार पर गहरा मानसिक आघात पड़ा है।

इस निर्मम हत्या ने पूरे अमेरिका को झकझोर कर रख दिया है। भारतीय समुदाय,जो लंबे समय से टेक्सास और अन्य राज्यों में बड़ी संख्या में बसा हुआ है,भारी आक्रोश और डर की स्थिति में है। इसी बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने लिखा, “मुझे टेक्सास के डलास में प्रतिष्ठित व्यक्ति चंद्र नागमल्लैया की हत्या से जुड़ी भयावह खबरों की जानकारी है। एक अवैध विदेशी,जिसे हमारे देश में कभी होना ही नहीं चाहिए था,ने उनकी पत्नी और बेटे के सामने इस वीभत्स कृत्य को अंजाम दिया।”

ट्रंप ने अपने बयान में स्पष्ट तौर पर बाइडेन प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। उनके अनुसार,आरोपी मार्टिनेज को पहले भी कई अपराधों जैसे बाल यौन शोषण और कार चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था,लेकिन पूर्व प्रशासन की नीतियों के चलते उसे हिरासत से छोड़ दिया गया। ट्रंप ने कहा कि क्यूबा सरकार ने इस अपराधी को अपने देश में वापस लेने से इनकार कर दिया था,जिसके चलते बाइडेन प्रशासन ने उसे अमेरिका में रहने दिया। उन्होंने कहा, “यह पूरी तरह से बाइडेन प्रशासन की अक्षमता का नतीजा है। निश्चिंत रहें,मेरे शासन में ऐसे अवैध अपराधियों के प्रति नरमी बरतने का समय अब खत्म हो गया है।”

हत्या के बाद अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने भी एक बयान जारी किया। विभाग की सहायक सचिव ट्रिशिया मैकलॉघली ने कहा कि यह हत्या पूरी तरह से रोकी जा सकती थी यदि बाइडेन प्रशासन ने मार्टिनेज को देश में रहने की अनुमति न दी होती। उनके अनुसार,आरोपी को जनवरी 2025 में डलास आईसीई डिटेंशन सेंटर से एक “पर्यवेक्षण आदेश” के तहत रिहा किया गया था। डीएचएस ने पुष्टि की कि अब आरोपी को कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद देश से निष्कासित करने की तैयारी की जा रही है।

इस मामले में अमेरिकी पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मार्टिनेज को गिरफ्तार कर लिया है। उस पर प्रथम श्रेणी की हत्या का आरोप लगाया गया है। अदालत में पेशी के दौरान अभियोजन पक्ष ने कहा कि मार्टिनेज का अपराध सुनियोजित और अत्यंत क्रूर था,जिसके लिए उसे किसी भी तरह की राहत नहीं मिलनी चाहिए। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस केस को “फास्ट ट्रैक” पर रखा जाएगा ताकि पीड़ित परिवार को जल्द न्याय मिल सके।

भारतीय समुदाय और स्थानीय संगठनों ने इस हत्या की कड़ी निंदा की है। कई जगहों पर श्रद्धांजलि सभाएँ आयोजित की गईं। लोगों ने मोमबत्ती जलाकर नागमल्लैया को याद किया और परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। भारतीय मूल के अमेरिकी सांसदों ने भी इस घटना को दुखद बताया और सरकार से कड़े कदम उठाने की माँग की।

राजनीतिक रूप से यह मामला अब अमेरिका की आव्रजन नीति पर गहन बहस छेड़ रहा है। ट्रंप प्रशासन पहले से ही अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त नीतियों का समर्थन करता रहा है। अब इस घटना के बाद ट्रंप को एक बड़ा मुद्दा हाथ लग गया है। उन्होंने साफ कहा है कि उनके नेतृत्व में अमेरिका में ऐसे अपराधियों को जगह नहीं मिलेगी और सीमा सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा। दूसरी ओर,बाइडेन प्रशासन पर यह आरोप गहराता जा रहा है कि उसकी ढीली आव्रजन नीतियों ने देश को असुरक्षित बना दिया है।

टेक्सास की इस घटना ने न केवल एक परिवार को तबाह कर दिया,बल्कि अमेरिका में रह रहे लाखों प्रवासियों,विशेषकर भारतीय समुदाय, में भय का माहौल भी पैदा कर दिया है। यह सवाल भी उठ रहा है कि जब आरोपी का आपराधिक रिकॉर्ड पहले से मौजूद था, तो उसे दोबारा क्यों छोड़ा गया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला आने वाले समय में अमेरिकी राजनीति में चुनावी मुद्दा बन सकता है।

फिलहाल,नागमल्लैया का परिवार न्याय की राह देख रहा है। ट्रंप ने अपने बयान में आश्वासन दिया कि दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा,लेकिन इस घटना ने यह जरूर साबित कर दिया है कि अमेरिका में आव्रजन नीति,अपराध नियंत्रण और सामुदायिक सुरक्षा जैसे मुद्दे कितने संवेदनशील हैं और कैसे किसी एक घटना से पूरा राजनीतिक परिदृश्य हिल सकता है।

यह हत्या न केवल एक भारतीय परिवार के लिए त्रासदी है,बल्कि यह पूरे अमेरिकी समाज और प्रशासन के लिए चेतावनी भी है कि अवैध प्रवासियों की अनदेखी कितनी खतरनाक हो सकती है। आने वाले दिनों में अदालत का फैसला और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ तय करेंगी कि इस घटना का प्रभाव कितनी दूर तक जाएगा।