सर्वदलीय भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल (तस्वीर क्रेडिट@rajeshbhatiabjp)

कतर में भारतीय प्रवासियों ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का किया समर्थन,सशस्त्र बलों को किया सलाम

दोहा,27 मई (युआईटीवी)- कतर में रह रहे भारतीय प्रवासी नागरिकों ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार और भारतीय सशस्त्र बलों के प्रयासों की सराहना की है। यह एकता उस समय देखने को मिली,जब एक सर्वदलीय भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल खाड़ी देश की यात्रा पर दोहा पहुँचा। भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक सामुदायिक संवाद में प्रवासी भारतीयों ने खुले दिल से समर्थन व्यक्त किया और कहा कि भारत की आतंकवाद के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस नीति उन सभी भारतीयों के लिए गर्व का विषय है,जो विदेशों में रहते हैं।

यह दौरा चार देशों की कूटनीतिक यात्रा का हिस्सा था,जिसका नेतृत्व एनसीपी और सपा की सांसद सुप्रिया सुले कर रही हैं। दोहा इस दौरे का पहला पड़ाव था। भारत की ओर से इस प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद शामिल थे, जिससे यह संदेश गया कि आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर भारत पूरी तरह एकजुट है।

इस प्रतिनिधिमंडल की यात्रा का समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण था,क्योंकि यह हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले और उसके जवाब में शुरू किए गए “ऑपरेशन सिंदूर” के संदर्भ में हुई। यह अभियान भारत की उस स्पष्ट नीति का प्रतीक है,जिसका उद्देश्य सीमा पार स्थित आतंकी नेटवर्क को खत्म करना है और यह बताना है कि भारत अब ऐसे किसी भी हमले को युद्ध की कार्रवाई के रूप में देखेगा।

भारतीय दूतावास ने दोहा में हुए संवाद कार्यक्रम में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पोस्ट में लिखा, “आज रात दोहा में भारत के संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय समुदाय के साथ बातचीत में आतंकवाद के खिलाफ भारत की एकजुटता का संदेश दिया। यह उनकी यात्रा का समापन कार्यक्रम था।”

दोहा में बसे भारतीय प्रवासियों ने इस अवसर पर खुलकर अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं। एक प्रवासी सदस्य ने कहा, “हम चाहते हैं कि हमारे प्रधानमंत्री द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से जो संदेश भेजा गया है,उसे आगे बढ़ाया जाए। अब अगर पाकिस्तान से कोई भी आतंकी गतिविधि होती है,तो उसे सीधे युद्ध की कार्रवाई मानी जाएगी।”

एक अन्य सदस्य ने कहा, “यह बहुत गर्व की बात है कि प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न दलों के सदस्य शामिल हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत पूरी तरह से एक है। मुझे बहुत खुशी है कि इस प्रतिनिधिमंडल ने यहाँ आकर हमें सरकार की कार्रवाई की पूरी जानकारी दी,जिसमें कई ऐसे पहलू भी सामने आए जिनसे हम अब तक अनजान थे।”

दोहा में भारतीय समुदाय ने भारत सरकार की ओर से अपनाई गई पारदर्शिता और संवाद नीति की भी खुले दिल से सराहना की। प्रवासी भारतीयों ने कहा कि हाल के अंतर्राष्ट्रीय तनावों के बीच भारत की स्थिति के बारे में साफ और सटीक जानकारी मिलना बेहद आवश्यक है। एक सदस्य ने कहा, “यह बेहद जरूरी है कि हम आतंकवाद के खिलाफ एक सशक्त और न्यायपूर्ण जवाब दें,ताकि कोई भी फिर भारत के खिलाफ ऐसा दुस्साहस न कर सके।”

इस यात्रा के दौरान भारतीय सांसदों ने कतर की शूरा परिषद,सरकारी अधिकारियों, थिंक टैंकों,मीडिया और भारतीय समुदाय के नेताओं से भी मुलाकात की। इस कूटनीतिक संवाद का उद्देश्य भारत और कतर के संबंधों को और अधिक मजबूत करना था। भारतीय दूतावास ने इसे बेहद उपयोगी और भविष्य के द्विपक्षीय सहयोग के लिए महत्वपूर्ण बताया।

इस प्रतिनिधिमंडल की बहुपक्षीय संरचना को विशेष रूप से सराहा गया। कई प्रवासी भारतीयों ने इस बात को रेखांकित किया कि यह बहुत सकारात्मक और प्रेरणादायक है कि सरकार ने विपक्षी नेताओं को भी इस यात्रा में शामिल किया। इससे यह संकेत गया कि भारत में जब राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल आता है,तब राजनीतिक मतभेद पीछे रह जाते हैं और पूरा देश एकजुट हो जाता है।

यह रणनीतिक दृष्टिकोण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस विचार को दर्शाता है,जिसमें वे भारत की सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़े मुद्दों पर दुनिया को एक स्पष्ट और मजबूत संदेश देना चाहते हैं। ऑपरेशन सिंदूर इसका जीवंत उदाहरण है। यह सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं,बल्कि एक रणनीतिक और कूटनीतिक पहल है,जो भारत के आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक नेतृत्व की दिशा में एक और कदम है।

दोहा में आयोजित सामुदायिक संवाद केवल एक कूटनीतिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह प्रवासी भारतीयों और मातृभूमि के बीच भावनात्मक,रणनीतिक और राजनीतिक एकता का प्रतीक बन गया। भारतीय समुदाय ने इस मौके पर न केवल अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं,बल्कि एक स्पष्ट संदेश भी दिया कि भारत की सुरक्षा नीति को विदेशों में भी पूरा समर्थन प्राप्त है। कतर जैसे खाड़ी देशों में भारत की बढ़ती साख,उसके प्रवासी समुदाय की जागरूकता और सरकार की सक्रिय कूटनीति मिलकर यह साबित कर रही है कि भारत आज न केवल अपने नागरिकों की रक्षा करने में सक्षम है,बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एक वैश्विक संदेश देने की स्थिति में भी है।

यह घटना इस बात का प्रमाण है कि भारत अब केवल अपने भीतर ही नहीं,बल्कि विश्व मंच पर भी आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक भूमिका निभा रहा है और उसका प्रवासी समुदाय इस दिशा में पूरी तरह उसके साथ खड़ा है।