प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय नौसेना दिवस की दी बधाई (तस्वीर क्रेडिट@bulbulroymishra)

भारतीय नौसेना दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय नौसेना की वीरता,क्षमता और आत्मनिर्भरता की सराहना की

नई दिल्ली,4 दिसंबर (युआईटीवी)- भारतीय नौसेना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को देश की नौसेना के सभी वीर जवानों,अधिकारियों और उनके परिवारों को हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने भारतीय नौसेना की बहादुरी,अनुशासन,रणनीतिक क्षमता और तेजी से बढ़ती आत्मनिर्भरता की सराहना करते हुए कहा कि हाल के वर्षों में नौसेना ने न केवल अपने बेड़े और तकनीकी क्षमताओं को आधुनिक बनाया है,बल्कि देश की समुद्री सुरक्षा को नए स्तर पर पहुंचाया है। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा कि भारतीय नौसेना असाधारण साहस और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है,जो देश के व्यापक समुद्री हितों की रक्षा करते हुए राष्ट्र की सुरक्षा को मजबूत बनाती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा कि भारतीय नौसेना के जवान देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में जिस समर्पण और निष्ठा से काम करते हैं,वह न केवल प्रेरणादायक है,बल्कि देशवासियों का विश्वास भी मजबूत करता है। उन्होंने यह भी याद किया कि इस वर्ष की दीपावली उन्होंने स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर नौसैनिकों के साथ मनाई थी और यह अनुभव उनके लिए अविस्मरणीय रहेगा। मोदी ने कहा कि नौसेना के जवानों के साथ दीपावली मनाना उनके लिए गर्व का क्षण था,जिसने उन्हें देश की समुद्री शक्ति और उसकी बढ़ती क्षमता का प्रत्यक्ष अनुभव कराया।

अपने वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री ने भारत की समुद्री सुरक्षा और वैश्विक व्यापारिक ढाँचे में नौसेना की महत्वपूर्ण भूमिका पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज दुनिया की आर्थिक और व्यापारिक गतिविधियाँ समुद्र आधारित आपूर्ति श्रृंखलाओं पर अत्यधिक निर्भर हैं और ऐसे में भारतीय नौसेना न केवल भारत की समुद्री सीमाओं और आर्थिक हितों की रक्षा करती है,बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता में भी अहम योगदान देती है। उन्होंने कहा कि भारत की परंपरा हमेशा से शक्ति का उपयोग मानवता की भलाई और रक्षा में रही है और भारतीय नौसेना इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए समुद्र में सुरक्षा और शांति की मजबूत स्तंभ बनी हुई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय नौसेना की ताकत लगातार बढ़ रही है,चाहे वह स्वदेशी विमानवाहक पोत हों,अत्याधुनिक पनडुब्बियाँ हों या ऑफशोर पेट्रोल वेसल। उन्होंने बताया कि देश में तेजी से बढ़ती आत्मनिर्भरता ने नौसेना की मारक क्षमता और पहुँच को और अधिक मजबूत बनाया है। आईएनएस विक्रांत इसका सबसे बड़ा उदाहरण है,जिसे भारत ने पूर्णतः स्वदेशी तकनीक से तैयार किया है। यह न केवल भारत की शिपबिल्डिंग क्षमता की मिसाल है,बल्कि यह दर्शाता है कि भारत अब समुद्री ताकत के क्षेत्र में नए स्तर पर पहुँच चुका है।

इसी बीच,भारतीय नौसेना ने बुधवार को केरल के तिरुवनंतपुरम के तट पर एक भव्य ऑपरेशनल शोकेस का आयोजन किया,जिसमें देश की बढ़ती समुद्री क्षमताओं को प्रभावशाली तरीके से प्रदर्शित किया गया। इस प्रदर्शन में आईएनएस विक्रांत से लेकर फ्रंटलाइन फ्रिगेट उदयगिरि तक नौसेना के कई शक्तिशाली जहाज शामिल हुए। इस कार्यक्रम ने नौसेना की मल्टी-डोमेन वारफेयर क्षमता को उजागर किया,जिससे यह स्पष्ट हो गया कि भारतीय नौसेना किसी भी परिस्थिति में समुद्र में मजबूत उपस्थिति बनाए रखने में सक्षम है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू,जो भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर हैं,ने इस भव्य ऑपरेशनल शोकेस को तिरुवनंतपुरम के शंगुमुघम बीच से प्रत्यक्ष रूप से देखा। नौसेना के इस प्रदर्शन में कुल 19 बड़े युद्धपोत,एक पनडुब्बी,चार फास्ट इंटरवेंशन वेसल और 32 विभिन्न प्रकार के एयरक्राफ्ट शामिल थे। इनमें फाइटर जेट,सर्विलांस प्लेन और हेलीकॉप्टर शामिल रहे,जो नौसेना की हवाई क्षमता की बढ़ती ताकत को दर्शाते हैं। इस शोकेस के माध्यम से भारतीय नौसेना ने न केवल अपनी ऑपरेशनल तैयारी को प्रदर्शित किया,बल्कि यह भी बताया कि भारत अपनी समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क और प्रतिबद्ध है।

नौसेना दिवस हर वर्ष 4 दिसंबर को मनाया जाता है,यह वह तारीख है,जो भारत की युद्धक क्षमता और उसकी ऐतिहासिक विजय की याद दिलाती है। वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन ट्राइडेंट के तहत अद्भुत सफलता हासिल की थी। इस मिशन में भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर हमला करते हुए पीएनएस खैबर सहित चार पाकिस्तानी जहाजों को नष्ट कर दिया था। यह ऑपरेशन भारतीय सैन्य इतिहास के सबसे शानदार अभियानों में से एक माना जाता है और इसी की स्मृति में नौसेना दिवस मनाया जाता है।

आज भारतीय नौसेना न केवल अपने क्षेत्रीय जलक्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करती है,बल्कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भी शांति और स्थिरता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है। मानवीय सहायता,प्राकृतिक आपदाओं में राहत,समुद्री डकैती के खिलाफ अभियान और वैश्विक समुद्री सहयोग जैसे क्षेत्रों में नौसेना की सक्रिय भूमिका ने भारत को एक विश्वसनीय समुद्री शक्ति के रूप में स्थापित किया है।

नौसेना दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी के संदेश ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अपनी समुद्री सीमाओं की सुरक्षा और शक्ति को लेकर गंभीर है और भारतीय नौसेना इस संकल्प का सबसे मजबूत स्तंभ है। आने वाले वर्षों में आत्मनिर्भर भारत अभियान और आधुनिक रक्षा तकनीकों के साथ भारतीय नौसेना और अधिक सशक्त होकर उभरेगी,इसमें कोई संदेह नहीं।