पनामा में शशि थरूर के प्रतिनिधिमंडल (तस्वीर क्रेडिट@ShashiTharoor)

पनामा में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की प्रभावशाली कूटनीतिक मौजूदगी,शशि थरूर के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से की मुलाकात

पनामा सिटी,29 मई (युआईटीवी)- कांग्रेस सांसद डॉ. शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल इन दिनों पनामा के दौरे पर है,जो भारत की विदेश नीति और वैश्विक मंचों पर अपनी भूमिका को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है। इस दौरे के दौरान,भारतीय प्रतिनिधिमंडल की पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो क्विंटेरो से हुई मुलाकात ने न केवल द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ किया,बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को वैश्विक समर्थन भी प्राप्त हुआ।

यह महत्वपूर्ण बैठक पनामा सिटी स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित हुई,जहाँ पनामा के राष्ट्रपति मुलिनो ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ रचनात्मक चर्चा की और विशेष रूप से आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख का समर्थन किया। यह भारत की उन कूटनीतिक कोशिशों को बल देता है,जिनका उद्देश्य सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय समर्थन जुटाना है,विशेषकर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के संदर्भ में।

सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शशि थरूर ने जानकारी साझा करते हुए लिखा, “भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आज पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो क्विंटेरो से राष्ट्रपति भवन में उपयोगी और रचनात्मक मुलाकात की। उन्होंने भारत के आतंकवाद विरोधी संघर्ष के प्रति समर्थन जताया।”

इस प्रतिनिधिमंडल में भारत की राजनीति के विविध आयामों से चुने हुए सांसद शामिल हैं,जो इस मुद्दे पर राष्ट्रीय सहमति और राजनीतिक एकजुटता को दर्शाते हैं। प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख नामों में शामिल हैं:

शांभवी – लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास)

सरफराज अहमद – झारखंड मुक्ति मोर्चा

मिलिंद मुरली देवड़ा – शिवसेना

शशांक मणि त्रिपाठी,भुवनेश्वर कलिता,तेजस्वी सूर्या – भारतीय जनता पार्टी

जीएम हरीश बालयोगी – तेलुगू देशम पार्टी

इस प्रतिनिधिमंडल की सर्वदलीय प्रकृति यह दर्शाती है कि भारत की आतंकवाद विरोधी नीति केवल किसी एक दल की नहीं,बल्कि पूरे देश की सामूहिक नीति है।

राष्ट्रपति के साथ बैठक के अलावा,प्रतिनिधिमंडल ने पनामा के विदेश मंत्रालय का भी दौरा किया। यहाँ उनकी पनामा के विदेश मंत्री जेवियर मार्टिनेज-आचा और उप-मंत्री कार्लोस होयोस से विशेष चर्चा हुई। इस चर्चा में “ऑपरेशन सिंदूर” और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद जैसे मुद्दे केंद्र में रहे।

थरूर ने इस बैठक को भी “उत्कृष्ट और रचनात्मक” बताया और कहा कि विदेश मंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति ने भारत के प्रति पनामा के सम्मान और समर्थन को रेखांकित किया।

इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व भारतीय राजनयिक तरनजीत सिंह संधू भी शामिल हैं, जिन्होंने भारत की अमेरिका और श्रीलंका जैसे देशों में राजनयिक नीतियों को प्रभावित किया है। उन्होंने भी एक्स पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि बैठक में विदेश मंत्री जेवियर मार्टिनेज-आचा व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया और राष्ट्रपति ने भारत के प्रति पनामा के समर्थन को स्पष्ट रूप से रेखांकित किया।

भारत-पनामा संबंधों को केवल राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर तक सीमित नहीं रखा गया। प्रतिनिधिमंडल ने पनामा विश्वविद्यालय में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनकी स्मृति में एक आम का पौधा भी लगाया। इस कार्यक्रम में भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्य भी उपस्थित थे,जिन्होंने प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर भारत से अपने जुड़ाव को पुनः अनुभव किया।

यह कदम भारत की सांस्कृतिक कूटनीति का हिस्सा है, जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को मजबूत करता है और भारतीय मूल के नागरिकों में गौरव और संबंध की भावना को बढ़ाता है।

पनामा में इस भारतीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा न केवल एक प्रतीकात्मक कूटनीतिक दौरा रही,बल्कि इससे भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को अंतर्राष्ट्रीय समर्थन भी मिला। पनामा जैसे छोटे लेकिन रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण देश से समर्थन पाकर भारत की वैश्विक कूटनीतिक स्थिति और मजबूत हुई है।

प्रतिनिधिमंडल की बहुपक्षीय प्रकृति,विभिन्न दलों की भागीदारी और पनामा के राष्ट्रपति व विदेश मंत्री से हुई चर्चाएँ यह दिखाती हैं कि भारत अब वैश्विक मंचों पर संगठित और निर्णायक भूमिका निभा रहा है। साथ ही,यह दौरा भारत की ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना को भी आगे बढ़ाता है, जहाँ राष्ट्रहित को राजनीतिक सीमाओं से ऊपर रखा गया है।

यह प्रतिनिधिमंडल यात्रा न केवल भारत के लिए एक कूटनीतिक सफलता है,बल्कि यह संदेश भी देती है कि भारत अपने राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों पर वैश्विक समर्थन जुटाने में सक्षम है और यह प्रयास आगे भी जारी रहेंगे।