20 वर्षीय भारतीय डॉक्टरेट छात्र शिवांक अवस्थी (तस्वीर क्रेडिट@sanjayjourno)

टोरंटो में भारतीय छात्र की गोली मारकर हत्या,बढ़ती घटनाओं ने उठाए सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल

नई दिल्ली,26 दिसंबर (युआईटीवी)- कनाडा में भारतीय समुदाय एक बार फिर सदमे में है। टोरंटो यूनिवर्सिटी के स्कारबोरो कैंपस के पास 20 वर्षीय भारतीय डॉक्टरेट छात्र शिवांक अवस्थी की गोली मारकर हत्या कर दी गई,जिससे न केवल उनके परिवार बल्कि भारतीय छात्रों और प्रवासी समुदाय के बीच गहरी चिंता फैल गई है। बीते कुछ वर्षों में कनाडा में भारतीयों से जुड़े आपराधिक मामलों की संख्या बढ़ी है और इस घटना ने इन आशंकाओं को एक बार फिर जीवित कर दिया है।

यह वारदात मंगलवार, 23 दिसंबर को हुई,जब पुलिस को हाईलैंड क्रीक ट्रेल और ओल्ड किंग्स्टन रोड क्षेत्र में एक आपात कॉल मिली। पुलिस के अनुसार,लगभग 3:34 बजे कंट्रोल रूम में सूचना दी गई कि इलाके में किसी “अज्ञात समस्या” की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जब अधिकारी मौके पर पहुँचे,तो उन्हें एक युवक गंभीर रूप से घायल अवस्था में दिखाई दिया। जाँच करने पर पता चला कि युवक को गोली लगी है और उसकी हालत बेहद नाजुक है। प्राथमिक उपचार के प्रयासों के बावजूद,मौके पर ही उसे मृत घोषित कर दिया गया। बाद में पहचान होने पर पुष्टि हुई कि मृतक भारतीय छात्र शिवांक अवस्थी थे,जो टोरंटो यूनिवर्सिटी में डॉक्टरेट की पढ़ाई कर रहे थे।

पुलिस ने अपने आधिकारिक बयान में बताया कि संदिग्ध आरोपियों ने घटना के तुरंत बाद इलाके से फरार होने की कोशिश की और वे पकड़ में नहीं आए। पुलिस फिलहाल उन्हें तलाश रही है,लेकिन स्पष्ट रूप से यह स्वीकार किया कि जाँच के शुरुआती चरण में कई महत्वपूर्ण सुराग अभी तक हाथ नहीं लगे हैं। अधिकारियों ने कहा कि यह इस साल टोरंटो शहर में दर्ज होने वाला 41वां हत्या का मामला है,जो अपने आप में चिंताजनक आँकड़ा है। लगातार बढ़ रही हिंसक घटनाओं ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

टोरंटो पुलिस ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा है कि यदि किसी के पास इस मामले से संबंधित कोई जानकारी है,तो वे तुरंत पुलिस हेल्पलाइन 416-808-7400 पर संपर्क करें। इसके अलावा,गुमनाम तरीके से सूचना देने के इच्छुक लोगों के लिए क्राइम स्टॉपर्स 416-222-TIPS (8477) और वेबसाइट www.222tips.com
का विकल्प भी उपलब्ध कराया गया है। पुलिस का मानना है कि स्थानीय लोगों की मदद से अपराधियों तक पहुँचना आसान होगा और इस मामले को जल्द सुलझाया जा सकेगा।

घटना के बाद भारतीय दूतावास ने भी गहरा शोक व्यक्त किया। टोरंटो में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जारी संदेश में कहा कि शिवांक अवस्थी की दुखद मौत ने सभी को गहरा दुखी कर दिया है। बयान में बताया गया कि दूतावास इस कठिन समय में पीड़ित परिवार के संपर्क में है और स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय कर हर संभव सहायता उपलब्ध करा रहा है। दूतावास ने यह भी आश्वासन दिया कि मामले की जाँच पर लगातार नजर रखी जा रही है और आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त कदम उठाए जाएँगे।

भारतीय समुदाय में यह भावना भी उभरकर सामने आ रही है कि कनाडा जैसे विकसित और सुरक्षित माने जाने वाले देश में छात्रों के खिलाफ लगातार हो रहीं घटनाएँ चिंता का विषय बन चुकी हैं। शिवांक के दोस्तों और सहपाठियों ने उनके बारे में कहा कि वे शांत स्वभाव के,पढ़ाई पर ध्यान देने वाले और सबके प्रिय छात्र थे। उनके भविष्य को लेकर बड़े सपने थे,जो इस घटना के साथ ही टूट गए। विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी दुख जताते हुए परिसर में शोक सभा आयोजित करने और छात्रों के लिए काउंसलिंग सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा की है।

इस घटना ने इसलिए भी ज्यादा चिंता बढ़ाई है क्योंकि ठीक एक सप्ताह पहले टोरंटो में ही 30 वर्षीय भारतीय महिला हिमांशी खुराना की हत्या हुई थी। स्ट्रेचन एवेन्यू और वेलिंगटन स्ट्रीट डब्ल्यू क्षेत्र से गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने उसकी बॉडी एक आवासीय स्थान से बरामद की थी। इस मामले में पुलिस ने 32 वर्षीय अब्दुल गफूरी के खिलाफ फर्स्ट-डिग्री मर्डर का वारंट जारी किया है। बताया गया कि वह मृतका के साथ रिश्ते में था और फिलहाल फरार है। इन दोनों घटनाओं ने प्रवासी भारतीय समुदाय को गहरा आघात पहुँचाया है और लोगों के मन में असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि शहर में बढ़ती हिंसा के कई सामाजिक और आर्थिक कारण हो सकते हैं—जिनमें गैंग गतिविधियाँ,मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ और हथियारों की उपलब्धता प्रमुख हैं। हालाँकि,जब पीड़ित विदेशी छात्र या प्रवासी होते हैं,तो मामला स्वाभाविक रूप से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अधिक संवेदनशील हो जाता है। भारतीय परिवार अक्सर अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा और सुरक्षित भविष्य के लिए कनाडा भेजते हैं,ऐसे में इस तरह की खबरें उनके विश्वास को गहरा झटका देती हैं।

कनाडाई प्रशासन पर अब दबाव बढ़ गया है कि वह न केवल इस केस को जल्द सुलझाए,बल्कि विश्वविद्यालयों और छात्रों के रहने वाले इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूत करे। पुलिस की ओर से लगातार गश्त बढ़ाने,निगरानी कैमरों की संख्या में इजाफा करने और सामुदायिक सुरक्षा कार्यक्रमों को प्रभावी बनाने की जरूरत महसूस की जा रही है। विश्वविद्यालय परिसरों के आसपास विशेष सुरक्षा ज़ोन बनाए जाने की चर्चाएं भी तेज हो गई हैं।

शिवांक अवस्थी का परिवार इस घटना से पूरी तरह टूट चुका है। दूतावास और स्थानीय संगठनों की सहायता से पार्थिव शरीर को भारत भेजने की प्रक्रिया जारी है। परिवार और मित्रों का कहना है कि न्याय तभी पूरा होगा जब दोषियों को जल्द गिरफ्त में लिया जाएगा और उन्हें सख्त सजा मिलेगी।

फिलहाल टोरंटो पुलिस के लिए यह मामला प्राथमिकता बन चुका है। जाँच टीमें घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही हैं,गवाहों से पूछताछ की जा रही है और संदिग्धों की गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए तकनीकी सहायता ली जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि समुदाय के सहयोग से अपराधियों तक जल्द पहुँच हो जाएगी।

यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि सुरक्षा किसी भी प्रवासी छात्र के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है। जबकि कनाडा को अब भी दुनिया के अपेक्षाकृत सुरक्षित देशों में गिना जाता है,लेकिन ऐसे मामलों से यह स्पष्ट है कि सतर्कता और जागरूकता की जरूरत हमेशा बनी रहती है। शिवांक अवस्थी की मौत केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं,बल्कि एक ऐसे समाज के लिए प्रश्नचिह्न है जो शांति,समानता और सुरक्षा के आदर्श पर खुद को गर्व से प्रस्तुत करता है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन,विश्वविद्यालय और समुदाय मिलकर इस चुनौती का सामना कैसे करते हैं और क्या वास्तव में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाते हैं।