नई दिल्ली,3 नवंबर (युआईटीवी)- मुंबई के डी. वाई. पाटिल स्टेडियम में रविवार को भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने ऐसा इतिहास रच दिया,जिसकी गूँज आने वाले कई दशकों तक सुनाई देगी। टीम इंडिया ने आईसीसी महिला विश्व कप के फाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली बार यह प्रतिष्ठित खिताब अपने नाम कर लिया। यह जीत सिर्फ एक क्रिकेट मैच की जीत नहीं,बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के नए युग की शुरुआत मानी जा रही है। इस शानदार प्रदर्शन के बाद पूरे देश में जश्न का माहौल है। हर गली-मोहल्ले में भारत माता की जय के नारे गूँज रहे हैं और खिलाड़ी देश के करोड़ों प्रशंसकों के दिलों की धड़कन बन गई हैं।
बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने टीम इंडिया की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ के लिए 51 करोड़ रुपए के इनाम की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक स्वर्णिम पल है,जिसने इस खेल को नई पहचान दिलाई है। सैकिया ने बताया कि बोर्ड आने वाले समय में महिला क्रिकेट के ढाँचे को और मजबूत करेगा,ताकि युवा खिलाड़ी इससे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें। उन्होंने कहा, “आज हमारी बेटियों ने जो किया है,वह पूरे देश के लिए गर्व की बात है। उन्होंने साबित कर दिया कि मेहनत,समर्पण और विश्वास से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।”
आईपीएल अध्यक्ष अरुण धूमल ने भी इस जीत की तुलना 1983 में पुरुष टीम द्वारा जीते गए विश्व कप से की। उन्होंने कहा कि जिस तरह कपिल देव की कप्तानी में भारत ने 1983 में पहली बार विश्व कप जीतकर क्रिकेट की दिशा बदल दी थी,उसी तरह अब महिला टीम ने भी इतिहास दोहरा दिया है। धूमल ने कहा, “यह भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास का स्वर्णिम दिन है। आज जो हमने देखा,वह सिर्फ एक खेल नहीं,बल्कि एक क्रांति की शुरुआत है। देश की हर बेटी अब यह विश्वास रखेगी कि वह भी विश्व मंच पर भारत का झंडा बुलंद कर सकती है।”
फाइनल मुकाबले में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए शानदार प्रदर्शन किया। सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा और स्मृति मंधाना ने पहले विकेट के लिए 100 रन की साझेदारी कर टीम को मजबूत शुरुआत दी। शेफाली ने अपने बल्ले से तूफानी पारी खेलते हुए 87 रन बनाए,जबकि मंधाना ने 45 रन का योगदान दिया। इसके बाद दीप्ति शर्मा ने 58 रन की लाजवाब पारी खेलते हुए टीम को 298 रन के मजबूत स्कोर तक पहुँचाया। दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों के लिए भारतीय बल्लेबाजों को रोक पाना बेहद मुश्किल साबित हुआ। हर ओवर के साथ भारतीय पारी में रन गति बढ़ती गई और दर्शक दीर्घा में बैठा हर भारतीय प्रशंसक “भारत माता की जय” के नारों से माहौल को जीवंत बनाए हुए था।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीकी टीम की शुरुआत अच्छी रही। लौरा वोल्वार्ड्ट ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 101 रन बनाए और एक समय ऐसा लग रहा था कि वह अपनी टीम को जीत दिला सकती हैं,लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने बीच के ओवरों में शानदार वापसी की और लगातार विकेट झटकते हुए दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजी क्रम को धराशायी कर दिया। दीप्ति शर्मा ने गेंदबाजी में भी अपना जौहर दिखाते हुए 5 विकेट हासिल किए। शेफाली वर्मा ने 2 विकेट लेकर अपने हरफनमौला प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया। अंततः दक्षिण अफ्रीकी टीम 246 रन पर सिमट गई और भारत ने 52 रन से यह ऐतिहासिक जीत अपने नाम की।
मैच खत्म होने के बाद पूरे स्टेडियम में भारतीय तिरंगा गर्व से लहराने लगा। खिलाड़ियों की आँखों में खुशी के आँसू थे और दर्शकों में उल्लास की लहर दौड़ पड़ी। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा, “यह सिर्फ हमारी नहीं,पूरे देश की जीत है। हमने सालों तक इस पल का सपना देखा था और आज वह सपना साकार हो गया। यह जीत उन सभी लड़कियों के नाम है,जो क्रिकेट के मैदान में अपना भविष्य देखती हैं।”
भारत की इस जीत ने महिला क्रिकेट को एक नई पहचान दी है। अब यह खेल सिर्फ पुरुषों तक सीमित नहीं रहा,बल्कि देश की बेटियों ने भी साबित कर दिया है कि वे किसी भी स्तर पर मुकाबला कर सकती हैं। देशभर में खेल विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हैं कि इस जीत के बाद भारत में महिला क्रिकेट का दौर बदल जाएगा। स्कूलों और कॉलेजों में अब अधिक लड़कियां क्रिकेट खेलने की प्रेरणा लेंगी और इस खेल का आधार और मजबूत होगा।
मुंबई की रात इस ऐतिहासिक जीत की चमक से जगमगा उठी। सोशल मीडिया पर #चैंपियन गर्ल्स और #वर्ल्ड कप विनर्स ट्रेंड करने लगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर बॉलीवुड सितारों तक,सभी ने भारतीय महिला टीम को इस गौरवशाली जीत के लिए बधाई दी। क्रिकेट विश्लेषकों का कहना है कि यह जीत न केवल भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक मील का पत्थर है,बल्कि देश की सामाजिक सोच को भी नई दिशा देगी।
भारत की बेटियों ने दिखा दिया है कि अगर जज्बा और जुनून हो,तो कोई सपना अधूरा नहीं रहता। मुंबई में मिली यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं,बल्कि करोड़ों भारतीयों के दिलों में नई उम्मीदों और गर्व का प्रतीक बन गई है।
