नई दिल्ली,1 अक्टूबर (युआईटीवी)- इंडोनेशिया के पूर्वी जावा प्रांत के सिदोअर्जो जिले में मंगलवार को स्कूल की इमारत ढह जाने की दुखद घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। इस हादसे में स्कूली छात्रों समेत करीब 91 लोग मलबे में फँस गए हैं। अब तक की जानकारी के अनुसार इस दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो चुकी है और दर्जनों घायल हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी (बीएनपीबी) ने इस मामले में ताजा अपडेट देते हुए बताया कि मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
बीएनपीबी के प्रवक्ता अब्दुल मुहरी ने बुधवार को मीडिया को बताया कि घटना के समय कई छात्र स्कूल में थे। उन्होंने कहा, “मंगलवार शाम तक हमें पता चला कि इस हादसे में 90 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। इसके अलावा 26 लोगों का अस्पताल में इलाज जारी है।” उन्होंने बताया कि बचावकर्मी इस समय मलबे में फँसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए दिन-रात जुटे हुए हैं।
रिस्क्यू ऑपरेशन में सैकड़ों बचावकर्मी तैनात किए गए हैं। हालाँकि,सुरक्षा कारणों के चलते भारी मशीनरी का इस्तेमाल फिलहाल नहीं किया जा रहा है। मलबे के नीचे कई लोग दबे हुए हैं और विशेषज्ञों का कहना है कि अगर भारी मशीनरी का उपयोग किया गया तो इससे मलबे में दबे लोगों को नुकसान पहुँच सकता है। ऐसे में बचावकर्मी हाथों से मलबा हटाने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही,मलबे में फँसे लोगों तक भोजन,पानी और ऑक्सीजन पहुँचाने का भी प्रयास जारी है।
एक बचावकर्मी ने बताया कि ढही हुई इमारत के मलबे में अभी भी कई लोगों के जीवित होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, “हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि सभी को सुरक्षित निकाला जा सके। कई बच्चे अब भी मलबे में फँसे हैं और हमारी प्राथमिकता यही है कि उन्हें जल्दी से जल्दी बाहर निकाला जाए।”
बीएनपीबी ने इस आपदा को देखते हुए निर्माण विशेषज्ञों की टीम को भी घटनास्थल पर भेजा है। विशेषज्ञों की मदद से मलबा हटाने की योजना बनाई जा रही है,ताकि लोगों को निकालने की प्रक्रिया को आसान बनाया जा सके। भविष्य में अगर जरूरत पड़ी तो भारी मशीनरी का भी इस्तेमाल किया जाएगा। इस योजना के तहत बचाव कार्य सुरक्षित तरीके से और तेजी से आगे बढ़ सकेगा।
मलबे में फँसे अधिकांश स्कूली छात्र 12 से 17 साल के बीच के हैं। हादसे के तुरंत बाद स्कूल की नोटिस बोर्ड पर दी गई जानकारी के अनुसार करीब 65 छात्रों का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। यह संख्या छात्रों के परिजनों और इलाके के लोगों के लिए चिंता का बड़ा कारण बनी हुई है। घटना के बाद परिजन अत्यंत परेशान हैं और किसी भी खबर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि हादसे के कारण स्कूल भवन की संरचना में गंभीर कमी थी। इमारत पुरानी और कमजोर थी,जिससे भारी बारिश या किसी तकनीकी खामी के कारण यह अचानक ढह गई। हादसे के समय इमारत में पढ़ाई चल रही थी और छात्र खेल या अन्य गतिविधियों में व्यस्त थे। अचानक होने वाली इस दुर्घटना ने बच्चों और उनके परिवारों की जिंदगी को एक क्षण में बदल दिया।
इस दुखद घटना ने पूरे सिदोअर्जो जिले को गहरे सदमे में डाल दिया है। स्थानीय प्रशासन और बीएनपीबी लगातार बचाव कार्य का निरीक्षण कर रहे हैं। अधिकारी बच्चों और अन्य फँसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए हर संभव संसाधन का उपयोग कर रहे हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में स्थानीय पुलिस,दमकल विभाग और स्वेच्छिक राहत संगठन भी सहयोग कर रहे हैं।
आपदा प्रबंधन एजेंसी ने लोगों से अपील की है कि वे घटनास्थल के पास जमा न हों और बचाव कार्य में बाधा न डालें। उनका कहना है कि मलबे में फँसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए शांति और अनुशासन बनाए रखना बहुत जरूरी है। इसके अलावा,उन्होंने यह भी कहा कि मलबे के नीचे अभी भी कई लोग फँसे होने की संभावना है,इसलिए बचाव कार्य में धैर्य और सतर्कता बनाए रखना आवश्यक है।
इंडोनेशिया में स्कूल और अन्य सार्वजनिक इमारतों की संरचना को लेकर यह एक गंभीर चेतावनी भी है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन को भवन सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना होगा,ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी को रोका जा सके।
सिदोअर्जो स्कूल हादसे की खबर पूरे देश और दुनिया में फैल गई है और लोग मलबे में फँसे बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। जैसे-जैसे रेस्क्यू ऑपरेशन आगे बढ़ रहा है,उम्मीद है कि कई लोग जीवित बचाए जाएँगे और परिजन अपने बच्चों के सुरक्षित लौटने की खबर सुन सकेंगे।